वीकली रिकैप: पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़!
यहाँ आप इस हफ्ते प्रकाशित हुई कुछ बेहतरीन स्टोरीज़ को संक्षेप में पढ़ सकते हैं।
इस हफ्ते हमने कई प्रेरक और रोचक कहानियाँ प्रकाशित की हैं, उनमें से कुछ को हम यहाँ आपके सामने संक्षेप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन्हें विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।
मां-बेटी ने मिलकर शुरू किया साबुन बनाने का कारोबार
ये कहानी है मुंबई स्थित ब्रांड Soap Chemistry की, जिसे 2020 में मां-बेटी की जोड़ी प्रतीक्षा और वामा सांगोई द्वारा महज 2 लाख रुपये के निवेश के साथ लॉन्च किया गया था। ब्रांड ने अब भारत की सीमाओं से परे अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
कोविड-19 महामारी ने गृहणियों सहित कई लोगों को अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए आंत्रप्रेन्योरशिप की यात्रा शुरू करने के लिए प्रेरित किया है।
प्रतीक्षा और उनकी बेटी वामा सांगोई ने महामारी के बीच अपने घर से साबुन बनाने का कारोबार शुरू किया और अब अपने प्रोडक्ट्स को दुनियाभर में बेच रही हैं।
YourStory के साथ बातचीत में, प्रतीक्षा और वामा ने दादर, मुंबई में अपने घर से Soap Chemistry शुरू करने की अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से बात की। वे यह भी बताती हैं कि कैसे, डेढ़ साल की अवधि में, उन्होंने 60 अलग-अलग तरह की प्रोडक्ट रेंज और SKU लॉन्च किए, जिनमें साबुन, बॉडी वॉश, बॉडी स्क्रब, व्हीप्ड क्रीम साबुन, बॉडी सॉल्ट, हेयर रिमूवल पाउडर, मॉइस्चराइज़र आदि शामिल हैं। इन प्रोडक्ट्स को वे न केवल भारत भर में बल्कि अमेरिका में भी अपने ग्राहकों को बेच रही हैं।
इस तरह 50 वर्षीय प्रतीक्षा, जिन्होंने अपना जीवन अपने घर और अपने बच्चों की देखभाल करने में बिताया, ने आंत्रप्रेन्योरशिप की शुरुआत की। YourStory से बात करते हुए, वह याद करती है कि वह हमेशा अपने घर की देखभाल के अलावा कुछ और करना चाहती थी लेकिन समय की कमी के कारण वह कुछ भी नहीं सोच पाती थी।
प्रतीक्षा आगे कहती हैं, “मैंने पहले एक छोटा हैंडमेड चॉकलेट बिजनेस शुरू करने की कोशिश की, लेकिन परिवार में किसी ने भी मुझे सपोर्ट नहीं किया। लेकिन महामारी के दौरान जब मेरी बेटी वामा ने बिजनेस शुरू करने में रुचि दिखाई, तो हम दोनों एक साथ आए और Soap Chemistry की शुरूआत की।”
वामा का कहना है कि उन्होंने दो लाख रुपये के शुरुआती निवेश के साथ साबुन बनाकर और उन्हें अपने समाज में बेचकर शुरुआत की। जल्द ही, यह बात फैल गई, मित्रों और परिवार से अधिक ग्राहक आ गए।
500 से ज्यादा मॉमप्रेन्योर को घर का बना खाना बेचने में मदद करने वाला स्टार्टअप
2021 में लॉन्च किए गए, MomsKart के पास अपने प्लेटफॉर्म पर लगभग 1,000 होममेड नॉन-पेरिशेबल फूड प्रोडक्ट्स हैं, जिसमें 500 से अधिक महिला विक्रेता और 5,000 से अधिक ब्लॉगर्स का समुदाय है।
इक्कीस वर्षीय अमन पोरवाल अपनी माँ को एक माता-पिता और एक आंत्रप्रेन्योर की भूमिका के बीच तालमेल बैठाते हुए देखकर बड़े हुए हैं। उनकी आँखों में गर्व और खुशी की भावना ने इंजीनियर को अपनी माँ के घर के बने स्नैक्स को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाने में मदद करने के लिए प्रेरित किया था।
शुरुआत करने के लिए, उन्होंने एक छोटी सी वेबसाइट और एक सोशल मीडिया पेज बनाया, जिसका नाम मॉम मेड नमकीन वाला था, और घर पर अपनी माँ द्वारा बनाए गए फूड प्रोडक्ट्स को लिस्ट करना शुरू कर दिया। प्लेटफॉर्म की सफलता ने अमन को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि यह कैसे इस तरह की और अधिक मॉमप्रेन्योर्स को अपने घर के बने फूड प्रोडक्ट्स जैसे अचार, जैम और स्नैक्स को एक संगठित तरीके से जोड़ने और मोनेटाइज करने में मदद कर सकता है।
जल्द ही, उनकी माँ के लिए शुरू हुआ प्लेटफॉर्म देश भर में अपने घर के बने फूड प्रोडक्ट्स को बेचने वाले विभिन्न राज्यों की 500 से अधिक मॉमप्रेन्योर्स की कम्यूनिटी में बदल गया।
ये माताओं द्वारा बनाए गए घर के बने फूड प्रोडक्ट्स को बेचने वाले ईकॉमर्स मार्केटप्लेस,
के बुवाई के बीज थे। इनमें 25 दिनों की न्यूनतम शेल्फ लाइफ के साथ अचार, जैम और स्नैक्स जैसे खराब न होने वाले प्रोडक्ट्स शामिल हैं।फाउंडर के अनुसार, MomsKart के प्लेटफॉर्म पर लगभग 1,000 प्रोडक्ट लिस्टेड हैं, जिसमें 500 से अधिक महिला विक्रेता (अतिरिक्त 1,000 आवेदन प्रक्रिया में हैं), और 5,000 से अधिक ब्लॉगर्स की कम्युनिटी है। यह लगभग 20,000 पिन कोड में अपनी सेवाएं दे रहा है, जिसमें अधिकांश मांग मेट्रो शहरों में दर्शकों की "घर के बने प्रामाणिक लोकल फूड प्रोडक्ट्स की चाह" से आती है।
आलिया भट्ट के लिए फूलों के गहने बनाने वाली इकेबाना आर्टिस्ट
इकेबाना आर्टिस्ट और Floral Art की फाउंडर कविता कपूर ने कोर्सेज (फूलों के गहने) बनाए जिसे आलिया भट्ट ने अपनी मेहंदी के दौरान पहना था। योरस्टोरी ने कविता और उनकी बेटी सृष्टि कलकत्तावाला के साथ बातचीत की, जहां उन्होंने इसकी शुरुआत और प्रसिद्धि के बारे में बताया।
हाल ही में हुई आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की गुपचुप शादी ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। यह शादी इतनी गोपनीय थी कि कुछ वेंडर्स को ये भी नहीं पता था कि वे जो बना रहे हों वो बॉलीवुड के इसी कपल की शादी के लिए है। इसलिए, जब कविता कपूर ने शादी के एक दिन बाद एक्ट्रेस के इंस्टाग्राम पर मेहंदी की तस्वीरें देखीं, तो वह आलिया को फूलों की माला पहने देखकर रोमांचित हो गईं।
कविता एक जानी पहचानी इकेबाना आर्टिस्ट और Floral Art की संस्थापक हैं। आलिया के अलावा, करिश्मा तन्ना, कैटरीना कैफ, काजल अग्रवाल, सोनम कपूर सहित कई अन्य हाई-प्रोफाइल दुल्हनों ने उनके फूलों के गहने पहने हैं।
वह फूलों की सजावट में भी माहिर हैं और उनके सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में एक दशक पहले जामनगर में मुकेश अंबानी के 50 वें जन्मदिन समारोह को सजाना शामिल है।
जब कविता ने फ्लोरल आर्ट शुरू किया तो उनकी बेटी सृष्टि कलकत्तावाला अपने कॉलेज के तीसरे वर्ष में थीं। वह भी व्यवसाय में शामिल हो गई हैं। वह फ्लोरल आर्ट के लिए मार्केटिंग, कम्युनिकेशन, ब्रांडिंग और सोशल मीडिया को संभालती हैं।
सृष्टि का कहना है कि सोशल मीडिया ने भी व्यवसाय को बढ़ावा देने में मदद की क्योंकि उन्हें बहुत सारे लोग मिलते हैं जो इंस्टाग्राम के माध्यम से उनके पास आते हैं।
वह आगे कहती हैं, "चूंकि सेलिब्रिटी ट्रेंड बनाते हैं और वे जो पहनते हैं वह प्रभावशाली हो जाता है, जब वे हमारे आभूषण पहने हुए तस्वीरें पोस्ट करते हैं, तो लोग पता लगाते हैं और हमसे संपर्क करते हैं।"
कृषि योग्य भूमि को बंजर होने से बचाने वाला एग्रीटेक स्टार्टअप
पुणे स्थित एग्रीटेक स्टार्टअप KhetiGaadi ने किसानों को फसल और कृषि संबंधी मुद्दों के लिए तकनीकी और विज्ञान समर्थित सहायता प्रदान करने के लिए अप्रैल 2022 की शुरुआत में KhetiGuru की शुरुआत की।
किसानों को ट्रैक्टर खरीदने, बेचने और किराए पर लेने में मदद करने वाले मार्केटप्लेस के रूप में 2016 में स्थापित, पुणे स्थित एग्रीटेक स्टार्टअप
आज किसानों के लिए एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित हो गया है। यह खेती के उपकरण, बीज, पोषक उर्वरक, और खेती से संबंधित दूसरे प्रोडक्ट्स की बिक्री करता है, साथ ही ट्रैक्टर के लिए लोन, फसल बीमा इत्यादि जैसी फिनटेक सेवाएं प्रदान करता है - किसानों को एक प्लेटफॉर्म पर सेवाओं की एक रेंज तक पहुंचने में मदद करता है।स्टार्टअप का दावा है कि उसके ऐप पर 50 लाख से अधिक किसान हैं, साथ ही हजारों फार्म OEM और ट्रैक्टर डीलर हैं जो इसके नेटवर्क को सेवाएं प्रदान करते हैं।
विष्णु धास और प्रवीण शिंदे द्वारा स्थापित, KhetiGaadi ने इस महीने की शुरुआत में किसानों के लिए एक मुफ्त सलाहकार मंच, KhetiGuru लॉन्च किया।
मुफ्त सलाहकार सेवा का लाभ उठाने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को एक नंबर (8007003377) पर कॉल करना होगा, और वे KhetiGaadi के पैनल के 50 कृषिविदों में से एक से जुड़ेंगे, जो किसान के साथ इस मुद्दे पर बात करेंगे, विष्णु ने YourStory से बात करते हुए बताया।
वह आगे कहते हैं, "KhetiGuru का उद्देश्य पूरे फसल चक्र में किसानों को संभालना है, और मिट्टी के सूक्ष्म पोषण पर ध्यान केंद्रित करके हानिकारक रसायनों जैसे कीटनाशकों के उपयोग को कम करने में उनकी मदद करना है, जो मिट्टी की क्षमता को कम करते हैं।"
KhetiGaadi किसानों, ट्रैक्टर निर्माताओं, ठेकेदारों, डीलरों, दलालों, सर्विस स्टेशनों और कृषि विशेषज्ञों को जोड़ता है। यह एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में भी कार्य करता है जो किसानों को कृषि-ऋणदाताओं और कृषि बीमा प्रदाताओं से मिलाता है।
जैविक खाद बनाकर लाखों कमा रहा है यह शख्स
राजस्थान राज्य में पिंक सिटी नाम से मशहूर शहर जयपुर के रहने वाले श्रवण यादव ‘डॉ आर्गेनिक वर्मीकंपोस्ट’ नाम की जैविक खाद का बिजनेस कर रहे हैं।
श्रवण यादव, जोकि राजस्थान राज्य में पिंक सिटी नाम से मशहूर शहर जयपुर के रहने वाले हैं, ‘डॉ ऑर्गेनिक वर्मीकंपोस्ट’ नाम की जैविक खाद का बिजनेस कर रहे हैं। उन्होंने आर्गेनिक फ़ार्मिंग में एमएससी की पढ़ाई पूरी की है। इस काम को करने की प्रेरणा उन्हें तब मिली, जब उनके पिता को कैंसर हो गया। श्रवण ने महसूस किया कि यह सब कुछ केमिकल वाले खान-पान के कारण हुआ है। इसके बाद उन्होंने अधिक से अधिक किसानों तक जैविक खाद की पूर्ति करने का मन बनाया।
श्रवण ने जब इस काम की शुरुआत की तो समाज के कई लोगों ने उन्हें हतोत्साहित भी किया। वह कहते थे, ‘डॉक्टरी तक पढ़ाई करने के बाद अब खाद बना रहे हो।’ लेकिन वह कहते हैं कि मेरा लक्ष्य तो अधिक से अधिक किसानों को ऑर्गेनिक खाद पहुंचाने का था जिस कारण मैं अपने लक्ष्य से डिगा नहीं।
अपनी खाद की गुणवत्ता पर ध्यान देते हुए काम पर ध्यान दिया। हालांकि, यह उनका पहला अनुभव था जिस कारण शुरुआत में उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा। कई बार अच्छी खाद नहीं बनती थी।
वर्तमान समय में वे गौशाला से गोबर लाकर इस खाद का उत्पादन कर रहे हैं। गोबर का प्रयोग करने से उन्हें एक लाभ यह हुआ कि उनकी खाद की क्वालिटी और भी अच्छी हो गई। आज 700 बेड का उपयोग करके करीबन 30 टन जैविक खाद का उत्पादन कर रहे हैं जिससे हर महीने लगभग दो लाख रुपए से अधिक की कमाई हो जाती है।