Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

WEF 2022 के मंच पर बोलीं IMF की गीता गोपीनाथ, '2024 तक पटरी पर लौटेंगी विकसित अर्थव्यवस्थाएं'

गीता गोपीनाथ ने WEF-2022 में ‘वैश्विक वृद्धि के लिए अगले कदम’ विषय पर आयोजित विशेष सत्र में बोलते हुए कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाएं 2024 तक पटरी पर लौट आएंगी, लेकिन विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को जिस मुकाम पर होना चाहिए उससे वे पांच प्रतिशत पीछे रहेंगी.

WEF 2022 के मंच पर बोलीं IMF की गीता गोपीनाथ, '2024 तक पटरी पर लौटेंगी विकसित अर्थव्यवस्थाएं'

Thursday May 26, 2022 , 2 min Read

विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) की सालाना बैठक-2022 में बोलते हुए, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (International Monetary Fund- IMF) की प्रथम उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने बुधवार को कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाएं 2024 तक पटरी पर लौट आएंगी, लेकिन विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को जिस मुकाम पर होना चाहिए उससे वे पांच प्रतिशत पीछे रहेंगी.

दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं कोरोना वायरस महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित हुईं और अब पुनरुद्धार के मार्ग पर धीरे-धीरे लौट रही हैं.

गीता गोपीनाथ ने WEF-2022 में ‘वैश्विक वृद्धि के लिए अगले कदम’ विषय पर आयोजित विशेष सत्र में बोलते हुए कहा कि वैश्विक पुनरुद्धार को यूक्रेन में युद्ध के कारण बड़ा झटका लगा है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रथम उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रथम उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ

उन्होंने आगे कहा, "हमें वैश्विक वृद्धि दर में गंभीर गिरावट का सामना करना पड़ रहा है और दुनिया को लगातार विपरीत हालात से जूझना पड़ रहा है, क्योंकि जीवन-यापन का संकट हमारे सामने है. ईंधन और भोजन समेत जिंसों की कीमतें दुनियाभर में बढ़ रही हैं."

पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक उच्च मुद्रास्फीति की समस्या से निपटने का प्रयास कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें ब्याज दरों में तेज वृद्धि करना पड़ रही है लेकिन इसका भी वैश्विक वित्त और व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

गोपीनाथ ने कहा कि दुनियाभर में पुनरुद्धार भी विविध प्रकार का रहा है. उन्होंने कहा, "हमारे अनुमान के मुताबिक विकसित अर्थव्यवस्थाएं 2024 में वहीं पहुंच जाएंगी जहां उन्हें महामारी नहीं होने की स्थिति में होना था, लेकिन उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को जिस मुकाम पर होना था उससे वे पांच प्रतिशत पीछे रहेंगी."