पश्चिम रेलवे ने अपनी पहली एसी लोकल ट्रेन से 40.03 करोड़ रुपये कमाये
भारत की पहली बड़ी लाइन वाली वातानुकूलित (एसी) लोकल ट्रेन ने बुधवार को दो साल पूरे कर लिए। इस दौरान पश्चिम रेलवे (डब्ल्यूआर) ने इस ट्रेन से कम से कम 40.03 करोड़ रुपये कमाए। शुक्रवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड की तीन-चरण वाली प्रणोदन प्रणाली से सुसज्जित पहली एसी लोकल ट्रेन मई 2017 में यहां पहुंची थी और कई सुरक्षा परीक्षणों के बाद इसे 25 दिसंबर 2017 से सेवा में लगाया गया।
डब्ल्यूआर के बयान में कहा गया कि हर रोज इस एसी लोकल ट्रेन से औसतन 18,000 यात्री सफर करते हैं।
जल्द चलेंगी 50 ऐसी ट्रेनें
यह रेलगाड़ी कई सारी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। अब तक मुंबई में चार एसी लोकल ट्रेनें आ चुकी हैं, जिनमें से तीन डब्ल्यूआर के लिए और एक मध्य रेलवे के लिए है। मुंबई में चर्चगेट से विरार के बीच कुल 12 सेवाएँ चलती हैं। रेलवे अगले साल 50 ट्रेन चलाने पर विचार कर रहा है।
गौरतलब है कि यह ट्रेन कुछ समय पहले तक सिर्फ चुनिन्दा स्टेशनों पर ही रुकती थी, लेकिन यात्रियों की मांग को देखते हुए नवंबर से मरीन लाइंस, चर्नी रोड, ग्रांट रोड समेत कुछ अन्य स्टेशनों पर भी ठहराव जारी कर दिया गया।
लाइफलाइन है लोकल
मुंबई में संचालित आम लोकल ट्रेन की बात करें तो इसे मुंबई की लाइफ लाइन कहा जाता है, लेकिन बरसात आने से के साथ ही मुंबई लोकल का संचालन बुरी तरह प्रभावित होता है। इस समस्या को लेकर रेलवे की तरफ से भी अभी तक कोई बड़ा और प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है, ऐसे में एसी लोकल का संचालन किस हद तक सफल रहेगा, इस बात का अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है। मुंबई जैसे शहर में लोकल जीवन रेखा की तरह काम करती है। इस स्थिति में बेहतर सुविधाओं की ओर बढ़ते हुए रेलवे को बुनियादी समस्याओं पर भी काम करना होगा।
मुंबई लोकल का संचालन मध्य रेलवे और पश्चिम रेल द्वारा किया जाता है। यात्रियों की संख्या की बात करें तो मुंबई में रोजाना 70 लाख के करीब लोग इन ट्रेनों के माध्यम से यात्रा करते हैं। मुंबई उपमहानगरीय रेलवे को सेंट्रल लाइन, पश्चिम लाइन और हार्बर लाइन में विभाजित किया गया है।