आज लंदन तक छा गया कबीरजीत सिंह का देसी फूड स्टार्टअप 'बर्गर सिंह', कभी दोस्तों ने दिया था ये नाम
लंदन की नौकरी छोड़कर कबीरजीत सिंह ने गुरुग्राम में जब 'बर्गर सिंह स्टार्टअप' शुरू किया था तो उन्होंने भी नहीं सोचा था कि एक दिन वह खुद करोड़ो के टर्नओवर वाली कंपनी के मालिक बन जाएंगे। उनको एंजेल इन्वेस्टर्स से 43 करोड़ का निवेश भी मिल गया। आज देश में 'बर्गर सिंह' ब्रांड के 26 और लंदन में दो आउटलेट्स हैं।
देसी स्टाइल में पिज्जा बर्गर, मैगी के स्ट्रीट स्टाइल फ्लेवर में कीमा, बंबइया स्टाइल में मसाला बर्गर, पुर्तगाली फ्लेवर में पेरी पेरी चिकन बर्गर, चिकन स्लामी को सासेज के साथ इटेलियन पिज्जा में परोसा जाए तो खाने वाले की जायकेदारी खुद ही वाह-वाह कर उठती है। जब बाजार की तस्वीर उलट-पुलट हो रही है तो आज के दौर में हमारे देश में फूड स्टार्टअप्स भी रेसिपीज में नए ट्विस्ट लाकर कंज्यूमर को कुछ नया परोसने लगे हैं। इसे खाने वालों का खूब रिस्पॉन्स भी मिल रहा है।
ऐसे ही नए एक्सपेरिमेंट कर रहा है कबीरजीत सिंह का स्टार्टअप 'बर्गर सिंह'। कबीर जीत इसके शत-प्रतिशत इंडियन बर्गर ब्रांड होने का दावा करते हैं। क्रिएटिविटी शेफ पवन कुमार की तरह देसी स्टाइल में कबीरजीत सिंह का स्टार्टअप बर्गर सिंह देसी ट्विस्ट के साथ बाजार में तेजी से लोकप्रिय भी हो रहा है।
गुरुग्राम (हरियाणा) में अच्छा रिस्पॉन्स मिलने से कबीर जीत सिंह ने अब पाव भाजी, चना बर्गर, मुर्ग मखनी जैसे वेरिएंट्स भी बाजार में उतार दिए हैं। जब से उनके देसी फूड प्रॉडक्ट्स पर इन्वेस्टर्स की नजर पड़ी है, सीरीज ए में उनको एंजेल इन्वेस्टर्स से 43 करोड़ रुपए का निवेश भी मिल गया।
ऐसे हुई शुरुआत
36 वर्षीय कबीरजीत के स्टार्टअप की दास्तान आज के लाखों बेरोजगार एवं उच्च शिक्षित ही नहीं, आम युवाओं के लिए भी प्रेरक हो सकती है। बताते हैं कि ब्रिटेन में पढ़ाई करते वक्त कबीर जीत सिंह एक बर्गर शॉप में पार्ट टाइम जॉब करते थे। ड्यूटी खत्म होने के बाद उनको रोजाना एक फ्री बर्गर मजदूरी के रूप मिल जाता था। उस बर्गर को खाते खाते उनको उसके स्वाद से चीढ़ सी होने लगी।
उसी दौरान वह स्वयं का कुछ नया काम शुरू करने के बारे सोचने लगे थे। कुछ दिन बाद वह बर्गर और पैटीज में इंडियन स्वाद डालने के एक्सपेरिमेंट करने लगे। उसे खाकर देखते तो उन्हे वह बड़ा स्वादिष्ट लगता। उनके सहकर्मी भी उसे खाकर मौज में उनको बर्गर सिंह कहकर बुलाने लगे।
उसके बाद कबीर जीत सिंह ने वर्ष 2012 में भारत लौटकर एक वेबरेजेज कंपनी ज्वॉइन तो कर ली, लेकिन उनके दिमाग में खुद के ईजाद देसी बर्गर का स्वाद उमड़ता-घुमड़ता रहा। एक दिन आइडिया आया कि क्यों न वह देसी बर्गर का ही कारोबार करें। उन्होंने एक अपार्टमेंट किराये पर ले लिया।
दोस्तों से मिला साथ
कबीरजीत बताते हैं कि
'वह पहले लंबे समय से बर्गर में तरह-तरह के कॉम्बिनेशन आजमाते रहे थे तो जायकेदारी का भी उनको बेहतर अनुभव हो चुका था। उन्होंने दोस्तों से लगभग एक करोड़ रुपए जुटाकर फ्रेंड नितिन राणा के साथ बर्गर सिंह नाम से ही नवंबर 2014 में अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया।'
उन दिनो दोनो दोस्त अपने परिवार से ज्यादा समय बर्गर, पैटीज और मसालों को तैयार करने में देने लगे। वे इस फूड स्टार्टअप्स रेसिपी में बदलाव कर ग्राहकों को कुछ नया परोसने में जुट गए। अब तक गुरुग्राम की यह कंपनी दिल्ली-एनसीआर में 20 क्विक सर्विस रेस्तरां खोल चुकी है।
देश और विदेश में स्टोर
देहरादून, पुणे और नागपुर में भी इसने अपने एक-एक स्टोर और लंदन में भी दो स्टोर खोल दिए हैं। बर्गर सिंह ब्रांड देशभर में 26 आउटलेट के साथ कारोबार कर रहा है।