किसको क्या मिला: अंतरिम बजट 2019-20 की सारी जरूरी बातें
साल 2019-20 के लिए पेश किए गए अंतरिम बजट में किसानों के लिए एक बड़ी योजना तथा आयकर प्रदाताओं के लिए बड़ी राहत की बात कही गई है। इसके अलावा इसमें आने वाले वर्षों के लिए विकास एजेंडा का भी उल्लेख है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि इस बार के बजट से देश के आम आदमी को क्या राहत मिलने वाली है।
देश के कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश किया। चुनावी साल में पेश इस बजट को मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। इस बार बजट में किसानों के लिए बड़ी योजना तथा आयकर में बड़ी राहत दी गई तो वहीं 5 लाख तक आय वाले आयकरदाताओं को बड़ी राहत प्रदान की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट को देश को प्रगतिशील मार्ग पर आगे बढ़ाने के एक माध्यम के रूप में देखा जाएगा। वहीं विपक्ष ने इसे चुनावी जुमला करार दिया है।
इस बार 5 लाख वार्षिक तक की आमदनी के लिए आयकर में छूट का प्रावधान किया गया है। यानी अब 5 लाख सालाना कमाने वालों को किसी प्रकार का आयकर नहीं भरना होगा। जिन लोगों की कुल आमदनी 6.50 लाख रुपये तक है, उन्हें भी किसी प्रकार के आयकर के भुगतान की जरूरत नहीं पड़ेगी, यदि वे भविष्य निधि, विशेष बचतों, बीमा आदि में निवेश कर लेते हैं। साथ ही 2 लाख रुपये तक के आवास ऋण के ब्याज, शिक्षा ऋण पर ब्याज, राष्ट्रीय पेंशन योजना में योगदान, चिकित्सा बीमा, वरिष्ठ नागरिकों की चिकित्सा पर होने वाले खर्च आदि जैसी अतिरिक्त कटौतियों के साथ उच्च आय वाले व्यक्तियों को भी कोई कर नहीं देना होगा। इससे स्व-नियोजित, लघु व्यवसाय, लघु व्यापारियों, वेतनभोगियों, पेंशनरों और वरिष्ठ नागरिकों सहित मध्यम वर्ग के करीब 3 करोड़ करदाताओं को करों में 18,500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती की राशि को मौजूदा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की जा रही है। इससे 3 करोड़ से अधिक वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को 4,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर लाभ प्राप्त होगा। अपने कब्जे वाले किसी दूसरे घर पर सांकेतिक किराए पर आयकर पर छूट का अब प्रस्ताव किया गया है। फिलहाल ऐसे सांकेतिक किराए पर आयकर का भुगतान करना होता है, यदि किसी के पास अपने कब्जे में एक से अधिक घर हो।
वृहत योजना
छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की शुरूआत की है। पीयूष गोयल ने कहा कि इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक भूमि की जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
अंतरिम बजट 2019-20 को पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पीएम-किसान नाम से एक ऐतिहासिक योजना लॉन्च कर रही है। इसके लिए बजट में 75 हजार करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2019-20 के लिए) तथा 20 हजार करोड़ रुपये के आवंटन का प्रावधान किया गया है।
भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित इस योजना में 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों को 2,000 रुपये प्रत्येक तीन समान किस्तों में सीधे उनके बैंक खातें में भेजा जाएगा। इस कार्यक्रम को दिसंबर, 2018 से प्रभावी माना जाएगा और इस अवधि की पहली किस्त का भुगतान 31 मार्च, 2019 तक कर दिया जाएगा।
गायों की देखभाल के प्रावधान
इस वर्ष में ही राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन 750 करोड़ रुपये किया गया है। राष्ट्रीय कामधेनू आयोग की स्थापना की घोषणा की गई है। इससे गाय संसाधनों का सतत अनुवांशिक उन्नयन करने और गायों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्याण योजना को प्रभावी रूप से लागू का काम भी देखेगा।
असंगठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों को पेंशन संबंधी लाभ उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन नामक नई योजना की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों के अंदर यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजनाओं में से एक बन जाएगी। इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई। श्री गोयल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की जाएगी। इस योजना को चालू वर्ष से ही लागू किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा, 'सरकार घर खरीदने वाले पर जीएसटी के बोझ को कम करना चाहती है और इसी के अनुसार इस विषय पर जल्द से जल्द विचार करने और सुझाव देने के लिए जीएसटी परिषद ने मंत्रियों के एक समूह को नियुक्त करने की पहल की थी। गोयल ने कहा कि जल्द ही 90 प्रतिशत से अधिक जीएसटी, भुगतान करने वाले कारोबारियों को तिमाही रिटर्न दाखिल करने की अनुमति होगी।'
मुद्रास्फीति
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में सरकार औसत महंगाई दर को 4.6 प्रतिशत तक नीचे लाने में सफल रही है, जो किसी अन्य सरकार के कार्यकाल के दौरान महंगाई दर की तुलना में कम है। वस्तुत: दिसम्बर 2018 में महंगाई दर 2.19 प्रतिशत तक नीचे आ गई थी। श्री गोयल ने कहा कि यदि हमने महंगाई पर नियंत्रण नहीं किया होता तो हमारे परिवारों को खाद्य यात्रा, उपभोक्ता वस्तुओं, आवास आदि जैसी मूलभूत जरूरतों पर 35-40 प्रतिशत अधिक खर्च करना पड़ता। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009-2014 के दौरान 5 वर्षों में औसत महंगाई दर 10.1 प्रतिशत के स्तर पर थी।
राजकोषीय घाटा
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान में राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत तक नीचे लाया गया, जो 7 वर्ष पहले लगभग 6 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि चालू खाता घाटा इस वर्ष सकल घरेलू उत्पाद के केवल 2.5 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि 6 वर्ष पहले यह 5.6 प्रतिशत था। गोयल ने कहा, 'हमने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित किया, जबकि केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने की सिफारिश वित्त आयोग ने की थी, जिसे हमने सहकारी संघवाद की सच्ची भावना के साथ स्वीकार किया और उसके परिणामस्वरूप राज्यों को अधिक धन दिया गया।'
वृद्धि और प्रत्यक्ष विदेश निवेश
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान अगली पीढ़ी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण ढांचागत सुधारों की एक श्रृंखला में शामिल वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) की प्रस्तुति और अन्य कर सुधारों के बाद आने वाले दशकों में उच्च वृद्धि के मानक तय कर दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि देश पिछले पांच वर्षों के दौरान अपनी सर्वश्रेष्ठ वृहद आर्थिक स्थिरता के दौर का साक्षी रहा है। उन्होंने कहा कि 1991 से प्रारंभ हुए आर्थिक सुधारों के बाद से किसी भी सरकार के द्वारा हासिल की गई आर्थिक वृद्धि के मामले में पिछले पांच वर्षों में उच्चतम वार्षिक औसत सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि के साथ हम दुनिया में एक तेजी के साथ उभरती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। वित्त मंत्री ने अपने बजट संबोधन में कहा कि वर्ष 2013-14 में 11वीं सबसे बड़ी अर्थ्व्यवस्था से अब हम विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं।
वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 में 21 एम्स संस्थानों की घोषणा के बाद से देश में 14 एम्स संस्थान या तो संचालित हैं अथवा स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने हरियाणा में एक नये -22वें एम्स संस्थान की स्थापना की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य था। इसमें 6 करोड़ से अधिक कनेक्शन दिए जा चुके हैं और बकाया मुफ्त कनेक्शन भी अगले वर्ष तक दे दिये जायेंगे। वित्त मंत्री ने यह घोषणा की कि नेशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी पोर्टल को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में जल्दी ही विकसित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि देश का रक्षा बजट पहली बार तीन लाख करोड़ से अधिक है। वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले 5 वर्षों के दौरान घरेलू विमान यात्रियों की संख्या दोगुनी हुई है। इससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजित किए जा रहे हैं। संचालित हवाई अड्डों की संख्या 100 से अधिक हो गई है। सिक्किम में पेकयोंग हवाई अड्डा शुरू हो गया है। अरूणाचल प्रदेश अभी हाल में हवाई यातायात मानचित्र पर आया है और मेघालय, त्रिपुरा तथा मिजोरम पहली बार देश के रेल मानचित्र पर आए हैं।
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