प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: नजदीक आ रही है डेडलाइन, किसके लिए हैं इस स्कीम के फायदे
PMVVY का क्रियान्वयन भारतीय जीवन बीमा निगम के जरिये किया जा रहा है.
वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizen) के हित के लिए देश में लागू स्कीम्स में से एक है- प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY). यह एक पेंशन स्कीम है लेकिन जल्द ही इसमें निवेश की अवधि खत्म हो सकती है. दरअसल साल 2020 में सरकार की ओर से इस स्कीम को 3 साल का एक्सटेंशन दिया गया था और कहा गया था कि इसमें निवेश की आखिरी तारीख 31 मार्च 2023 रहेगी. योजना में शामिल होने पर 60 साल और उससे ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को न्यूनतम पेंशन की गारंटी है. PMVVY का क्रियान्वयन भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के जरिये किया जा रहा है. आइए जानते हैं इस स्कीम की पूरी डिटेल...
कौन कर सकता है निवेश
PMVVY स्कीम दो वर्जनों में केंद्रीय बजट 2017-18 और 2018-19 में घोषित की गई थी. 4 मई, 2017 को इसे लॉन्च किया गया. PMVVY में 60 साल या उससे ज्यादा का कोई भी नागरिक निवेश कर सकता है. निवेश की न्यूनतम सीमा 1,56,658 रुपये और अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये है. PMVVY का टर्म 10 साल है. इसका अर्थ हुआ कि वरिष्ठ नागरिक को 10 साल तक पेंशन मिलती है.
10 साल बाद निवेशकर्ता के जीवित होने पर स्कीम में लगाया गया पैसा, पेंशन की फाइनल किस्त के साथ वापस मिल जाता है. अगर किसी वजह से 10 साल के टर्म के अंदर पेंशन पाने वाले की मृत्यु हो जाती है तो PMVVY में लगाया गया पैसा, पेंशनर के कानूनी उत्तराधिकारी/नॉमिनी को वापस कर दिया जाता है. पेंशनर के आत्महत्या कर लेने की स्थिति में भी जमा रकम वापस मिल जाती है. इस योजना को सर्विस टैक्स और GST से छूट है.
कितनी यील्ड
PMVVY के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7.40 प्रतिशत सालाना की यील्ड के साथ एक निश्चित मासिक पेंशन मिल रही है. पेंशन की यह एश्योर्ड रेट 31 मार्च 2023 तक इस योजना में निवेश करने वालों के लिए 10 साल के पूरे पॉलिसी टर्म पर लागू होगी.
किस तरह से कर सकते हैं निवेश
PMVVY में वरिष्ठ नागरिक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से निवेश कर सकते हैं. निवेश के अमाउंट के आधार पर ही पेंशन की रकम निर्धारित होती है. निवेश के बाद वरिष्ठ नागरिक को तत्काल तौर पर पेंशन का भुगतान होने लगता है. पेंशनर, पेंशन को मासिक, तिमाही, छमाही या वार्षिक आधार पर हासिल कर सकता है.
न्यूनतम और अधिकतम पेंशन
स्कीम के तहत न्यूनतम पेंशन प्रतिमाह 1000 रुपये, प्रति तिमाही 3000 रुपये, प्रति छमाही 6000 रुपये और प्रतिवर्ष 12000 रुपये है. अधिकतम पेंशन प्रतिमाह 9250 रुपये, प्रति तिमाही 27750 रुपये, प्रति छमाही 55500 रुपये और प्रतिवर्ष 1.11 लाख रुपये है. पेंशन की अधिकतम सीमा एक परिवार के लिए है, परिवार में पेंशनधारक, उसके पति /पत्नी और आश्रित शामिल होंगे.
प्रीमैच्योर एग्जिट और लोन
- PMVVY में प्रीमैच्योर एग्जिट यानी स्कीम का टर्म खत्म होने से पहले निकलने की भी सुविधा थी. पेंशनर या उसके पति/पत्नी को गंभीर बीमारी होने की स्थिति में इस स्कीम में लगाए गए पैसे का 98 प्रतिशत सरेंडर वैल्यू के तौर पर मिलता है.
- वरिष्ठ नागरिक इस स्कीम पर लोन भी ले सकते हैं. लोन की राशि निवेश किए गए अमाउंट का 75% है. इसके लिए स्कीम के 3 साल पूरे होना जरूरी है. 30 अप्रैल 2021 तक सैंक्शन किए गए लोन्स के लिए ब्याज दर, लोन के पूरे टर्म के लिए 9.5 प्रतिशत सालाना है. पेंशनर जब तक लोन की रकम वापस नहीं कर देता, तब तक हर छह महीने पर ब्याज देना होगा. ब्याज की रकम मिल रही पेंशन से ही काटी जाती है.
- वित्त मंत्रालय द्वारा 23 दिसंबर 2019 को जारी अधिसूचना के तहत PMVVY के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया गया था.
15-30 दिन में स्कीम छोड़ने का विकल्प
अगर PMVVY में निवेश करने के बाद निवेशकर्ता इसके किसी नियम या शर्त से संतुष्ट नहीं है तो वह इससे एक तय अवधि के अंदर एग्जिट कर सकता है. LIC कार्यालय से PMVVY लेने पर रसीद मिलने के 15 दिनों के अंदर और ऑनलाइन पॉलिसी लेने पर रसीद प्राप्त होने के 30 दिनों के अंदर कारण बताकर स्कीम से निकला जा सकता है. इस बीच अगर व्यक्ति को पेंशन मिल गई तो वह रकम और स्टांप ड्यूटी चार्ज काटकर व्यक्ति का जमा पैसा वापस कर दिया जाएगा.