पोस्ट ऑफिस SCSS क्या है? अच्छे रिटर्न से लेकर टैक्स सेविंग तक कैसे कराती है फायदा
SCSS को साल 2004 में शुरू किया गया था और इसके तहत खाता डाकघर या बैंक कहीं भी खुलवाया जा सकता है.
जब भी वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizen) के लिए बचत विकल्पों (Savings Options) की बात चलती है तो SCSS यानी सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम का जिक्र भी जरूर होता है. जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि यह स्कीम सीनियर सिटीजन तक ही सीमित है, मतलब 60 वर्ष से कम उम्र के लोग इसके फायदे नहीं ले सकते. डाकघर (Post Office) SCSS, बुजुर्गों के बुढ़ापे को बेहतर रिटर्न के साथ सिक्योर करने के साथ-साथ टैक्स सेविंग में भी मददगार है. SCSS (Senior Citizen Savings Scheme) को साल 2004 में शुरू किया गया था. आइए जानते हैं इस स्कीम के बारे में डिटेल में...
कौन खुलवा सकता है खाता
वैसे तो स्कीम के तहत 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र का व्यक्ति ही अकाउंट खुलवा सकता है, लेकिन अगर कोई नौकरीपेशा सीनियर सिटीजन 55 वर्ष या उससे ज्यादा आयु का है लेकिन 60 की उम्र पर नहीं पहुंचा है और सुपरएनुएशन या अन्य किसी वजह से रिटायर हो चुका है तो वह भी SCSS अकाउंट खुलवाने के लिए पात्र होगा. शर्त यह है कि उसे रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने के एक माह के अंदर यह खाता खुलवाना होगा और इसमें डिपॉजिट किया जाने वाला अमाउंट, रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अमांउट से ज्यादा नहीं होना चाहिए. 50 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम आयु के सेवानिवृत्त रक्षा कर्मचारी भी SCSS में खाता खुलवा सकते हैं. उनके लिए भी शर्त यही है कि रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने के एक माह के अंदर SCSS खाता खुलवाना होगा.
ब्याज दर व मिनिमम और मैक्सिमम निवेश
निवेश केवल एक ही बार किया जा सकता है, जो मिनिमम 1000 रुपये से लेकर मैक्सिमम 15 लाख रुपये तक है. SCSS के तहत डिपॉजिटर, इंडीविजुअली या अपनी पत्नी/पति के साथ जॉइंट में एक से ज्यादा खाते भी रख सकता है, लेकिन सभी को मिलाकर अधिकतम निवेश सीमा 15 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती. SCSS पर मौजूदा ब्याज दर 7.4% सालाना है. स्कीम के तहत ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर होता है, यानी 31 मार्च/30 जून/30 सितंबर/31 दिसंबर.
यदि हर तिमाही में देय ब्याज पर खाताधारक दावा नहीं करता है तो ऐसे ब्याज पर अतिरिक्त ब्याज नहीं दिया जाएगा. ग्राहक, ब्याज को संबंधित डाकघर, या ECS में उपलब्ध बचत खाते में ऑटो क्रेडिट के माध्यम से निकाल सकता है. SCSS अकाउंट के CBS डाकघर में होने की अवस्था में मासिक ब्याज को किसी भी CBS डाकघर में खोले गए बचत खाते में जमा किया जा सकता है. खाताधारक की मृत्यु के मामले में, मृत्यु की तारीख से अकाउंट, डाकघर बचत खाते की दर से ब्याज अर्जित करेगा.
टैक्स को लेकर नियम
इस स्कीम में जमा किए जाने वाले पैसे को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट प्राप्त है. लेकिन अगर SCSS के तहत जमाकर्ता को मिलने वाली ब्याज राशि 50,000 रुपये सालाना से ज्यादा हो जाती है तो TDS कटने लगता है. यदि Form 15G/15H जमा किया जाता है और अर्जित ब्याज निर्धारित सीमा से अधिक नहीं है तो कोई TDS नहीं काटा जाएगा. अगर SCSS के तहत एक से ज्यादा अकाउंट हैं तो 50000 रुपये की ब्याज लिमिट सभी खातों को मिलाकर होगी.
नॉमिनेशन और अकाउंट ट्रांसफर
SCSS में नॉमिनेशन सुविधा है. यदि जीवनसाथी एक संयुक्त धारक या एकमात्र नॉमिनी है, तो खाता मैच्योरिटी तक जारी रखा जा सकता है. जीवनसाथी की उम्र पर कोई प्रतिबंध नहीं है. इसके अलावा, अकाउंट को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे में ट्रांसफर कराने की सुविधा, एक ही ऑफिस में कई SCSS अकाउंट खुलवाने की सुविधा भी है.
मैच्योरिटी पीरियड और प्रीमैच्योर विदड्रॉअल के नियम
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल हैण् प्रीमैच्योर क्लोजर की अनुमति है लेकिन डाकघर, खाते को एक साल पूरा होने से पहले बंद कराने पर ब्याज का भुगतान नहीं करेगा. वहीं अगर खाता खोले जाने के 1 साल बाद लेकिन 2 साल पूरा होने से पहले खाते को क्लोज किया जाता है तो डिपॉजिट का 1.5 प्रतिशत काटा जाएगा. 2 साल पूरे होने लेकिन 5 साल पूरा होने से पहले खाता बंद कराए जाने की स्थिति में डिपॉजिट का 1 प्रतिशत काटा जाएगा. मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद एससीएसएस अकाउंट को और तीन साल के लिए एक्स्टेंड किया जा सकता है. इसके लिए मैच्योरिटी वाली तारीख के एक साल के अंदर एप्लीकेशन देनी होगी. एक्सटेंड किए गए खाते को एक्सटेंशन की तारीख से एक वर्ष बाद बिना किसी कटौती के बंद किया जा सकता है.