कई गुना सब्सक्राइब हो जाए IPO तो कैसे होता है अलॉटमेंट, जानिए कहां करें चेक कि शेयर मिला या नहीं
जब कभी शेयरों की संख्या से अधिक आवेदन आ जाते हैं तो शेयरों का अलॉटमेंट किया जाता है. रिटेल निवेशकों और बड़े निवेशकों को अलग-अलग तरीके से अलॉटमेंट किया जाता है.
आए दिन किसी न किसी कंपनी का आईपीओ आने की खबरें आप सुनते ही होंगे. आईपीओ के साथ-साथ आपको आईपीओ ओपनिंग, आईपीओ क्लोजिंग, आईपीओ अलॉटमेंट और आईपीओ लिस्टिंग जैसे टर्म भी सुनने को मिलते होंगे. ऐसे में बहुत सारे लोग आईपीओ अलॉटमेंट को लेकर काफी कनफ्यूजन में रहते हैं. सवाल है कि आईपीओ अलॉटमेंट क्या होता है, क्यों होता है, कैसे होता है, अलॉटमेंट चेक कैसे करें आदि. आइए आज जानते हैं इन सबके बारे में.
क्यों होता है शेयरों का अलॉटमेंट?
शेयरों के अलॉटमेंट की वजह बहुत ही साधारण सी है. जब कभी शेयरों की संख्या से अधिक आवेदन आ जाते हैं तो शेयरों का अलॉटमेंट किया जाता है. यानी अगर एक ही शेयर के लिए 50 दावेदार आ जाते हैं यानी इश्यू 50 गुना सब्सक्राइब हो जाता है तो शेयर अलॉटमेंट के जरिए ही यह तय होता है कि किसे कितने शेयर दिए जाएंगे और किसे शेयर नहीं मिलेंगे.
अलॉटमेंट के लिए क्या होता है कोटा?
अगर कोई आईपीओ 90 फीसदी से कम सब्सक्राइब होता है तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है. ऐसे में आईपीओ दोबारा से लाना पड़ता है. अलॉटमेंट के लिए रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम 35 फीसदी, नेशनल इंस्टीट्यूशनल निवेशकों के लिए न्यूनतम 15 फीसदी और क्वीलिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर के लिए अधिकतम 50 फीसदी कोटा निर्धारित हो सकता है.
कैसे होता है शेयरों का अलॉटमेंट?
जो लोग आईपीओ के प्राइस बैंड में न्यूनतम प्राइस पर बोली लगाते हैं, ओवर सब्सक्राइब होने की हालत में शेयर मिलने के चांस कम हो जाते हैं. अगर इश्यू मामूली ओवर सब्सक्राइब होता है तो रिटेल निवेशकों को पहले तो सभी को एक-एक लॉट शेयर दे दिया जाता है, उसके बाद उनके कोटे के जितने शेयर बचते हैं, उन्हें उसी अनुपात में अलॉट किया जाता है, जिस अनुपात में लोगों ने उसे सब्सक्राइब किया होता है. अगर इश्यू बहुत ज्यादा सब्सक्राइब हो जाता है, मान लीजिए 50 गुना सब्सक्राइब हो गया तो रिटेल निवेशकों को कंप्यूटर के जरिए लकी ड्रॉ निकाल कर शेयर अलॉट किए जाते हैं. वहीं दूसरी ओर नेशनल इंस्टीट्यूशनल निवेशकों और क्वीलिफाइड इंस्टीट्यूशनल निवेशकों को हर स्थिति में आनुपातिक तरीके से शेयर अलॉट किए जाते हैं.
कैसे चेक करें आईपीओ का अलॉटमेंट?
वैसे तो आपने जिस ब्रोकर के जरिए आईपीओ लिया होगा, वह आपको अलॉटमेंट की जानकारी देगा, लेकिन अगर किसी वजह से जानकारी नहीं मिली तो आप खुद भी चेक कर सकते हैं. किसी आईपीओ के शेयरों के अलॉटमेंट का पता करने के लिए आपको सबसे पहले बीएसई की वेबसाइट पर जाना होगा. वहां पर आपको इश्यू की लिस्ट में से उस आईपीओ को चुनना होगा, जिसके शेयर का अलॉटमेंट आपको चेक करना है. आपसे पैन कार्ड नंबर पूछा जाएगा, जिसे डालने के बाद आपके सामने अलॉटमेंट की डिटेल्स आ जाएंगी. अलॉटमेंट चेक करने का एक दूसरा तरीका भी होता है. आपने जिस भी कंपनी का आईपीओ लिया है, उसका कोई रजिस्ट्रार होगा. आप उस रजिस्ट्रार की वेबसाइट पर जाकर अलॉटमेंट की जानकारी ले सकते हैं.