सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम का सब्सक्रिप्शन शुरू, कहां से खरीदें?
जो लोग सोना खरीदना चाहते हैं, उसमें निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड बॉऩ्ड स्कीम शुरु हो रही है जिसमें आप एक तरीके से सस्ता सोना खरीद सकते हैं. सोने के लिए अपने बजट के बराबर पैसा लगाकर शानदार मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 - सीरीज IV (Sovereign Gold Bond Scheme) आज से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी. गोल्ड बॉन्ड स्कीम सोमवार से पांच दिनों तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी. सोने का इश्यू प्राइस 5,611 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा, "बॉन्ड का नाममात्र मूल्य... सोने के 5,611 रुपये प्रति ग्राम पर रखा गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक भारत सरकार की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) जारी करता है.
जो लोग सोना खरीदना चाहते हैं, उसमें निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड बॉऩ्ड स्कीम शुरु हो रही है जिसमें आप एक तरीके से सस्ता सोना खरीद सकते हैं. सोने के लिए अपने बजट के बराबर पैसा लगाकर शानदार मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
SGB: ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों के लिए छूट
भारत सरकार ने, भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से, ऑनलाइन आवेदन करने वाले और डिजिटल मोड के माध्यम से भुगतान करने वाले निवेशकों को नाममात्र मूल्य से कम ₹50 प्रति ग्राम की छूट देने का निर्णय लिया है.
आरबीआई ने कहा, "ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5,561 रुपये (पांच हजार पांच सौ इकसठ रुपये मात्र) प्रति ग्राम होगा."
निवेशक SGB कहां से खरीद सकते हैं?
बॉन्ड की बिक्री बैंकों स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों - नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से की जाएगी.
SGB का लॉक-इन पीरियड
SGB की अवधि आठ साल की अवधि के लिए होगी, जिसमें 5वें साल के बाद समय से पहले मोचन का विकल्प होगा, जिस तारीख को ब्याज देय होगा.
बॉन्ड को 1 ग्राम की मूल इकाई के साथ सोने के ग्राम (एस) के गुणकों में दर्शाया गया है. बॉन्ड की अवधि 8 वर्ष की होगी और 5वें वर्ष के बाद बाहर निकलने का विकल्प अगली ब्याज भुगतान तिथियों पर प्रयोग किया जाएगा.
आपको बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने में निवेश की सरकारी स्कीम है. भारत सरकार की ओर से RBI सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है. इसमें भौतिक रूप से सोने की खरीद के बजाय डिजिटल गोल्ड में निवेश की सुविधा होती है. सरकार ने 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की थी. इसके तहत वित्त वर्ष में 4 बार सब्सक्रिप्शन का मौका मिलता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे
गोल्ड बॉन्ड योजना का मकसद फिजिकल सोने की मांग को कम करना है. जैसे आपने सोना खरीदकर घर में रखा है और भाव बढ़ने का इंतजार करना होगा. लिहाजा गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाकर निवेशक सोने की सुरक्षा की मानसिक चिंता से भी मुक्त रह सकता है. यही कुछ खास वजहें हैं जिनके कारण लोगों की दिलचस्पी गोल्ड बॉन्ड में बढ़ रही है. साथ ही घरेलू बचत को वित्तीय बचत में बदलकर इसका ऐसा इस्तेमाल करना है ताकि इससे आम निवेशकों को सस्ता सोना मिले तो वहीं अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो.
फिजिकल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में क्या फर्क है
दरअसल, फिजिकल सोना खरीदने में कई दिक्कतें होती हैं. एक तरफ सोने की शुद्धता की चिंता तो दूसरी तरफ सोना खरीदने और गहने बनवाने पर GST और मेकिंग चार्ज भी देन पड़ता हैं. SGB बॉन्ड GST के दायरे में नहीं है, जबकि फिजिकल गोल्ड पर 3% GST लगता है. घर में सोना रखने पर उसकी सुरक्षा की भी चिंता रहती है. SGB पेपर फॉर्म में होता है, तो इसके रखरखाव में खर्च नहीं करना पड़ता. निवेश के नजरिये से फिजिकल गोल्ड के मुकाबले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाना बेहतर माना जा सकता है, क्योंकि बाजार में चाहे कितनी भी उथल-पुथल हो आपका नुकसान नहीं होगा.