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भारत का स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS क्या है? जानिए कैसे करता है काम

भारोस की प्रमुख विशेषताओं में कोई डिफॉल्ट ऐप शामिल नहीं होना है. इसका मतलब है कि इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर पहले से कोई भी ऐप मौजूद नहीं होगा. यूजर्स के पास अपनी पसंद के ऐप्स इंस्टॉल करने की आजादी होगी.

भारत का स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS क्या है? जानिए कैसे करता है काम

Wednesday January 25, 2023 , 3 min Read

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अश्विनी वैष्णव ने आईआईटी, मद्रास द्वारा विकसित स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) ‘भारोस’ (BharOS) का मंगलवार को परीक्षण किया. प्रधान ने कहा, ‘‘एक मजबूत, स्वदेशी, भरोसेमंद और आत्मनिर्भर डिजिटल अवसंरचना की मुख्य लाभार्थी देश की गरीब जनता होगी. ‘भारोस’ डेटा की निजता की दिशा में एक सफल कदम है.’’

क्या है BharOS?

‘भारोस’ को जेएंडके ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया जिसका विकास मद्रास स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने किया है.

भारोस सेवाएं फिलहाल अति गोपनीयता और सुरक्षा जरूरत वाले संगठनों को प्रदान की जा रही हैं, जिनके यूजर्स संवेदनशील जानकारी को संभालते हैं.

इन यूजर्स को मोबाइल पर प्रतिबंधित ऐप पर गोपनीय संचार की आवश्यकता होती है. ऐसे उपयोगकर्ताओं को निजी 5-जी नेटवर्क के माध्यम से निजी क्लाउड सेवाओं तक पहुंच की आवश्यकता होती है.

भरोस एक सुरक्षा पर फोकस करने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है. फिलहाल यह गोपनीयता और सुरक्षा की सख्त आवश्यकताओं वाले संगठनों को प्रदान किया जा रहा है.

इसके डेवलपर्स, IIT मद्रास ने देश में भारोस के उपयोग और अपनाने को बढ़ाने के लिए निजी उद्योग, सरकारी एजेंसियों, रणनीतिक एजेंसियों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करने की योजना बनाई है.

कोई डिफॉल्ट ऐप नहीं

भारोस की प्रमुख विशेषताओं में कोई डिफॉल्ट ऐप शामिल नहीं होना है. इसका मतलब है कि इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर पहले से कोई भी ऐप मौजूद नहीं होगा. यूजर्स के पास अपनी पसंद के ऐप्स इंस्टॉल करने की आजादी होगी.

यूजर्स के पास केवल उन ऐप्स को इंस्टॉल करने और इस्तेमाल करने की आजादी होगी जिन पर उन्हें भरोसा होगा और जिनका वे इस्तेमाल करना चाहते होंगे.

सुरक्षा पर आधारित फीचर

भारोस की विशेषताओं में निजी ऐप स्टोर सेवाएं (PASS) शामिल होना भी है. PASS एंटरप्राइज यूजर्स के लिए सुरक्षा पर आधारित फीचर है. PASS में, BharOS उन ऐप्स की क्यूरेटेड सूची तक पहुंच प्रदान करता है, जो संगठनों के कुछ सुरक्षा और गोपनीयता मानकों को पूरा करते हैं.

यूजर्स को अपने मोबाइल उपकरणों पर इंस्टॉल करने के लिए केवल किसी भी संभावित सुरक्षा घेरे या गोपनीयता चिंताओं के लिए चेक किए गए ऐप्स PASS में लिस्टेड हैं.

उपरोक्त सूचीबद्ध सुविधाओं के अलावा, BharOS 'नेटिव ओवर द एयर' (NOTA) अपडेट प्रदान करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समर्थित उपकरणों को ऑपरेटिंग सिस्टम का लेटेस्ट वर्जन प्राप्त हो.

एंड्रॉयड को टक्कर नहीं दे पाया कोई OS

पिछले कुछ सालों में कई कंपनियों ने Google के एंड्रॉयड को टक्कर देने के लिए एक सफल मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने में अपना हाथ आजमाया है। हालांकि, इनमें से कोई भी सफल नहीं हुआ है। इसमें सिम्बियन ओएस सऔर विंडोज फोन ओएस भी शामिल थे.


Edited by Vishal Jaiswal