Whatsapp रहा करीब 2 घंटे डाउन, लेकिन क्यों हुआ ऐसा? क्या कंपनियां छुपाती हैं असल वजह?
मंगलवार दोपहर वाट्सऐप डाउन हो गया. इसकी वजह से लोग काफी देर परेशान रहे. करीब 2 घंटे बाद वाट्सऐप तो चल गया, लेकिन अभी तक यह नहीं पता चला है कि ऐसा हुआ क्यों था.
दुनिया भर के तमाम वाट्सऐप (Whatsapp) यूजर्स के लिए आज का दिन थोड़ा दिक्कत वाला है. वाट्सऐप दोपहर बाद करीब 1 बजे से डाउन हो गया और काफी देर तक डाउन (Whatsapp Down) रहा. जब लोग वाट्सऐप नहीं चला पा रहे थे उन्होंने ट्विटर का रुख किया, जहां पता चला कि वाट्सऐप डाउन है. हालांकि, करीब 2 घंटे में वाट्सऐप फिर से चलने लगा, लेकिन कई यूजर्स ट्विटर पर वाट्सऐप नहीं चलने की ही शिकायत करते दिखे. वाट्सऐप का वेब वर्जन भी नहीं चल रहा था. सवाल ये है कि आखिर वाट्सऐप डाउन हुआ क्यों?
रीयल टाइम में मॉनिटरिंग करने वाली वेबसाइट Downdetector के अनुसार वाट्सऐप करीब 12.47 बजे से डाउन हुआ. जैसे ही वाट्सऐप की पैरेंट कंपनी Meta को इस समस्या का पता चला, उन्होंने तुरंत इस दिक्कत का समाधान निकालने की कोशिशें शुरू कर दीं. मेटा के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें पता है कुछ यूजर्स को दिक्कत हो रही है और इसे वह जल्द से जल्द सही करने की कोशिश कर रहे हैं.
दुनिया भर में थी दिक्कत
ऐसा नहीं है कि वाट्सऐप डाउन होने की दिक्कत सिर्फ भारत में थी, बल्कि रायटर्स के अनुसार यह दिक्कत एशिया, यूके, दक्षिण अफ्रीका और यूरोप में कई जगहों से रिपोर्ट की गई. लोगों को मैसेज भेजने, रिसीव करने और लॉगिन समेत कई तरह की दिक्कतें आ रही थीं. हालांकि, ऐसा क्यों हुआ इसे लेकर कंपनी की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है.
क्यों आई दिक्कत, कंपनियां क्यों नहीं बतातीं वजह?
वाट्सऐप डाउन हो गया, गूगल डाउन हो गया, फेसबुक डाउन हो गया या ट्विटर डाउन हो गया... ऐसे वाकये हर साल एक-दो बार तो हो ही जाते हैं. कुछ साल ऐसे भी रहते हैं जब कई बार ऐसा हो जाता है. हालांकि, ऐसा होता क्यों है इसकी वजह कभी कंपनियां नहीं बताती हैं. सवाल सिर्फ ये नहीं है कि वाट्सऐप-फेसबुक से लेकर गूगल-ट्विटर तक डाउन क्यों हुए, बल्कि असल सवाल ये है कि कंपनियां इसकी वजह बताने से क्यों कतराती हैं?
अगर वजह बता दें तो उससे क्या हो जाएगा?
एक बड़ा सवाल यह भी है कि अगर कंपनियों ने ये बता भी दिया कि किस वजह से उनकी सेवाएं बाधित हुईं, तो उससे क्या हो जाएगा. मान लीजिए कंपनी कहती है कि सर्वर में दिक्कत हो गई थी या कोई तकनीकी दिक्कत आ गई थी तो भी यह जानकारी पूरी नहीं है. अब अगर कंपनी बताए कि डीएनएस सर्वर में दिक्कत थी, जिसके चलते डोमेन नेम और आईपी एड्रेस से जुड़ी दिक्कत हो रही थी तो फिर ये आम आदमी के लिए बहुत ही टेक्निकल हो जाएगा.
ये वजह भी हो सकती है जानकारी साझा ना करने की?
अगर देखा जाए तो कंपनियों की तरफ से ऐसी जानकारियों की डिटेल साझा ना करने की एक बड़ी वजह सुरक्षा हो सकती है. कंपनियां अगर अपनी दिक्कत के बारे में डिटेल में जानकारी साझा करेंगी तो मुमकिन है कि इससे साइबर क्रिमिनल ये जान जाएं कि कंपनी की डिजिटल सुरक्षा में क्या दिक्कतें हैं. ऐसे में कंपनी पर साइबर अटैक या हैकिंग का खतरा बढ़ सकता है.
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