रायबरेली में कोच फैक्ट्री के लिए जमीन देने से जब मायावती ने कर दिया था इंकार
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कोच फैक्ट्री के लिए जमीन देने के फैसले को रद्द कर दिया था. फिर तमाम आलोचनाओं के बाद आज से 14 साल पहले आज के दिन ही यानी 18 अक्टूबर को यूटर्न लेते हुए रेलवे को 189.25 हेक्टेयर जमीन देने का ऐलान किया था, जिस पर बाद में कोच फैक्ट्री बनाई गई.
रायबरेली के लालगंज में मौजूद कोच फैक्ट्री के लिए इतिहास में आज का दिन हमेशा यादगार रहना चाहिए. 2008 में ही आज के दिन यानी 18 अक्टूबर को मायावती ने यू टर्न लेते हुए इस कोच फैक्ट्री के लिए जमीन वापस रेलवे को देने की घोषणा की थी. इससे कुछ ही दिनों पहले उन्होंने इस लैंड अलॉटमेंट को रद्द करने का फैसला किया था, जिस दिन उन्होंने यह फैसला किया उसके कुछ ही दिनों बाद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और रेल मंत्री लालू यादव नींव पूजन के लिए राय बरेली जाने वाले थे, लेकिन मायावती के इस फैसले के बाद उन्हें प्रोग्राम रद्द करना पड़ा.
प्रोग्राम रद्द होने के बाद भी सोनिया गांधी लालगंज पहुंची और वहां उन्होंने मायावती सरकार पर विकास की योजनाओं में बाधा पैदा करने का आरोप लगाया. सोनिया गांधी ऐसे समय में लालगंज पहुंची थीं जब राज्य सरकार ने उनके वहां जाने पर पूरी तरह रोक लगा रखी थी. मगर सोनिया गांधी के बयानों के मुताबिक वो विकास के लिए जेल भी जाने को तैयार थीं.
इन घटनाक्रमों के बाद राज्य में खासकर राय बरेली में मायावती की काफी आलोचना हुई. किसानों तक ने कहा कि हमें खेती के अलावा भी काम करने के लिए कोई विकल्प चाहिए. अगर ये कोच फैक्ट्री बनी होती तो हमें नौकरियां मिली होतीं, जो अब नहीं होगा. इस बीच रेल मंत्रालय ने भी अलाहाबाद हाई कोर्ट में राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर दी, जिस पर कोर्ट ने अगले आदेश तक स्टेटस को बनाए रखने का आदेश दिया.
इन्हीं आलोचनाओं से प्रभावित होकर आखिर में मायावती ने 18 अक्टूबर, 2008 को यूटर्न लेते हुए कहा कि कैबिनेट ने 189.25 हेक्टेयर जमीन, जो राज्य सरकार के पास थी उसे रेल कोच फैक्ट्री के लिए केंद्र सरकार को देने का फैसला किया गया है. उन्होंने वजह बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जमीन वापस करने का फैसला इसलिए किया है ताकि केंद्र सरकार बाद में इस जमीन को लेकर गंदी राजनीति न करे.
मुख्यमंत्री मायावती ने कहा, डायरेक्ट लैंड एक्विजिशन एक्सरसाइज के तहत रेलवे पहले से ही 940 एकड़ जमीन अपने पास ले चुका था, और उस पर अब तक प्रोजेक्ट का काम शुरू हो सकता था, मगर ऐसा हुआ नहीं. मायावती ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार उनकी सरकार की छवि बिगाड़ते हुए उसे एंटी डिवेलपमेंट सरकार का टैग दिलाना चाहती है. जबकि सच तो ये है कि केंद्र सरकार का खुद को रेल कोच फैक्ट्री पर काम शुरू करने का कोई इरादा नहीं है.
खैर तमाम आरोप प्रत्यारोपों, बयानबाजी के बाद मायावती ने आखिरकार जमीन रेलवे को लौटा दी. काम शुरू हुआ और 4 साल बाद राय बरेली के लालगंज में कोच फैक्ट्री बनकर तैयार हुई, जिसका उद्घाटन सोनिया गांधी ने किया.
Edited by Upasana