पेट्रोल-डीजल पर टैक्स वसूलकर कौन सा राज्य कर रहा है कितनी कमाई
पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में न लाने का सबसे ज्यादा विरोध राज्यों की तरफ से हो रहा है क्योंकि उनके राजस्व का एक बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम उत्पादों पर वसूले जाने वाले टैक्स से आता है.
चंडीगढ़ में पिछले दो दिनों से चल रही जीएसटी काउंसिल की मीटिंग खत्म हो चुकी है. पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाए जाने के बारे में इस बार भी कोई बात नहीं हुई. पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं और उनकी बढ़ती कीमतों का असर बाकी खुदरा सामानों की कीमतों पर भी पड़ा है क्योंकि हर चीज में किसी न किसी रूप में ट्रांसपोर्टेशन तो इन्वॉल्व होता ही है.
पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में न लाने का सबसे ज्यादा विरोध राज्यों की तरफ से हो रहा है क्योंकि वही इसका सबसे ज्यादा लाभ भी उठाते हैं. राज्यों के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम उत्पादों पर वसूले जाने वाले टैक्स से आता है. हालांकि छत्तीसगढ़ और दिल्ली सरकार इसके लिए राजी है, लेकिन केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इसे लेकर विरोध की आवाज उठती
रही है.
पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले केंद्रीय एक्साइज कर के अलावा सभी राज्यों में टैक्स की दर अलग-अलग है. राजस्थान इस पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूलता है, जबकि महाराष्ट्र को पेट्रोल-डीजल पर वसूले जाने वाले टैक्स से सबसे ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होती है.
आइए आंकड़ों में जानते हैं कि कौन सा राज्य पेट्रोल-डीजल पर कितना टैक्स लेता है और किस राज्य को कितनी आय होती है.
सबसे ज्यादा टैक्स लेने वाले राज्य
वैट के रूप में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स राजस्थान में लिया जाता है. यहां राज्य सरकार पेट्रोल पर 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत की दर से वैट वसूलती है. इसके बाद नंबर आता है मणिपुर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और केरल का, जहां की सरकारें पेट्रोलियम उत्पादों पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूलती हैं.
मणिपुर पेट्रोल पर 36.50 फीसदी और डीटल पर 22.50 फीसदी वैट लेता है. वहीं कर्नाटक पेट्रोल पर 35 फीसदी और डीजल पर 24 फीसदी टैक्स लेता है. मध्य प्रदेश और केरल में टैक्स का रूप ज्यादा जटिल है, जहां इन उत्पादों पर कई तरह का टैक्स वसूला जाता है.
सबसे ज्यादा कमाई करने वाले राज्य
पूरे देश में सबसे ज्यादा पेट्रोल पंप उत्तर प्रदेश में हैं, सबसे ज्यादा टैक्स राजस्थान की सरकार वसूलती है, लेकिन सबसे ज्यादा कमाई करने वाला राज्य महाराष्ट्र है. वर्ष 2020-21 में महाराष्ट्र को पेट्रोलियम उत्पादों से 25,430 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ.
महाराष्ट्र के बाद अगला नंबर उत्तर प्रदेश का है, जिसने 21,956 करोड़ रुपए की कमाई की. तीसरे और चौथे नंबर पर तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य रहे, जिन्होंने क्रमश: 17,063 करोड़ रुपए और 15,476 करोड़ रुपए की कमाई की.
इस सूची में सबसे ज्यादा टैक्स लेने वाला राज्य राजस्थान छठे नंबर पर है, लेकिन वहां कुल पेट्रोल पंपों की संख्या भी यूपी, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के मुकाबले कम है. कर्नाटक के बाद अगला नंबर गुजरात का है, जिसने 15,141 करोड़ रुपए का राजस्व पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स के जरिए प्राप्त किया. इस सूची में मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश सातवें और आठवें नंबर हैं.
Edited by Manisha Pandey