RBI ने क्यों लगाया Amazon Pay पर 3.06 करोड़ रुपये का जुर्माना?
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) ने शुक्रवार को कहा कि उसने अमेजन पे (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (Amazon Pay - India) पर 3.06 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है. (RBI imposes Rs 3.06 crore penalty on Amazon Pay (India))
यह जुर्माना प्रीपेड भुगतान उपकरणों (Prepaid Payment Instruments - PPIs) और अपने ग्राहक को जानिए (KYC) से संबंधित कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने पर लगाया गया.
आरबीआई ने एक बयान में कहा, ”यह पाया गया कि संस्था केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) आवश्यकताओं पर आरबीआई के निर्देशों का पालन नहीं कर रही थी.”
आरबीआई ने अमेजन पे (इंडिया) को एक कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा था कि आखिर निर्देशों का पालन न करने के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए.
इसके बाद कंपनी के जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई इस नतीजे पर पहुंचा कि उसके निर्देशों का पालन नहीं करने के आरोप सही हैं और ऐसे में उस पर मौद्रिक जुर्माना लगाया गया.
केंद्रीय बैंक ने हालांकि कहा कि यह जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों के कारण लगाया गया है और इसका मकसद अमेजन पे (इंडिया) का अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर टिप्पणी करना नहीं है. अमेजन पे ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन की डिजिटल भुगतान शाखा है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक अमेजन पे इंडिया ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रीमेंट्स (PPI) से जुड़े निर्देशों का उल्लंघन किया है. ये निर्देश साल 27 अगस्त 2021 को प्रभावी हुए थे, जिन्हें समय-समय पर अपडेट किया गया है. इसके अलावा कंपनी ने KYC निर्देश 2016 का भी पालन नहीं किया है. ये निर्देश 25 फरवरी 2016 में जारी किए गए थे. इन्हें वक्त-वक्त पर अपडेट किया गया.
आरबीआई ने जुर्माना पेमेंट एंड सेटलमेंट एक्ट 2007 की धारा 30 के तहत लगाया है. आपको बता दें कि अमेजन पे इंडिया ई कॉमर्स कंपनी अमेजन का डिजिटल पेमेंट प्लेफॉर्म है.
आरबीआई ने कहा कि ये कार्रवाई रेग्युलेटरी कम्पलायंस यानि अनुपालन (Regulatory Compliance) में कमी पाये जाने के बाद लगाया जाता है और अमेजन पे इंडिया के अपने कस्टमर्स के साथ किए गए एग्रीमेंट या ट्रांजैक्शन की वैलिडिटी के साथ इस आदेश का कुछ लेना-देना नहीं है.
देश के यूपीआई ट्रांजैक्शन में फोनपे, गूगल पे और पेटीएम का दबदबा है. National Payments Corporation of India के मुताबिक दिसंबर में देश के कुल मार्केट में इनकी हिस्सेदारी 96 फीसदी थी. इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी फोनपे की है. फोनपे के पास करीब 50% बाजार हिस्सेदारी है. इसके बाद गूगल पे का नंबर आता है. गूगल पे की 34.34 % बाजार हिस्सेदारी है. पेटीएम की हिस्सेदारी 14.94% और
Pay 1.8% थी. ऐमजॉन पे समेत दूसरी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 3.5% थी.Edited by रविकांत पारीक