इस भारतीय मूल के अमेरिकी कपल ने बिहार-झारखंड को क्यों दान कर दिए 1 करोड़ रुपये?
इस दंपती ने अपने राज्य की भलाई के लिए एक बड़ी राशि दान की है, जिसके इस्तेमाल राज्य के लोगों के लिए स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं मुहैया कराने में किया जाएगा।
"रमेश भाटिया और कल्पना भाटिया अमेरिका में रहते हैं। दोनों ने मिलकर बिहार और झारखंड में स्वास्थ्य सेवा कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक राशि दान की है। इस दान की घोषणा बिहार झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (BJANA) ने 29 मार्च को की है।"
अच्छे मौकों की तलाश में देशवासी भले ही वतन छोड़ कर विदेश में बस जाएँ, लेकिन उनके भीतर बसा वतन हमेशा उन्हे उनके कर्तव्यों की याद दिलाता रहता है। अपने देश और अपने राज्य की भलाई के लिए ऐसा ही कुछ किया है अमेरिका में बसे इस भारतीय मूल के दंपति ने।
इस दंपती ने अपने राज्य की भलाई के लिए एक बड़ी राशि दान की है, जिसके इस्तेमाल राज्य के लोगों के लिए स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं मुहैया कराने में किया जाएगा।
अमेरिका में रहते हैं ये पति-पत्नी
रमेश भाटिया और कल्पना भाटिया अमेरिका में रहते हैं। दोनों ने मिलकर बिहार और झारखंड में स्वास्थ्य सेवा कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक राशि दान की है। इस दान की घोषणा बिहार झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (BJANA) ने 29 मार्च को की है।
PTI के अनुसार रमेश और कल्पना भाटिया परिवार फाउंडेशन द्वारा BJANA को 1 लाख 50 हज़ार डॉलर का दान किया गया है।
PRAN-BJANA की इस पहल के जरिये इस धनराशि का उपयोग बिहार और झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा के प्रयासों के लिए किया जाएगा, जिसके लाभ दोनों राज्यों की ग्रामीण आबादी को सीधे तौर पर मिलेगा। कई न्यूज़ रिपोर्ट में अक्सर यह दिखाई पड़ जाता है कि खासतौर पर बिहार और झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं कि पहुंच जरूरतमंदों से दूर नज़र आती है।
चिकित्सकों की पहल
प्रवासी एलुमनी निशुल्क एक ऐसी पहल है जिसे समान विचारधारा वाले भारतीय-अमेरिकी चिकित्सकों द्वारा शुरू किया गया है। चिकित्सकों का यह समूह बिहार और झारखंड के वंचित लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु काफी लंबे समय से पहल कर रहा है।
इतना ही नहीं इन चिकित्सकों ने रांची में एक PRAN क्लीनिक की भी स्थापना की है, जहां जरूरतमंद लोगों के लिए निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं।
BJANA ने रमेश और कल्पना को धन्यवाद देते हुए कहा है कि उनके इस सहयोग के माध्यम से राज्य में जरूरतमंद लोगों के लिए चल रही स्वास्थ्य सेवाओं को और बल मिलेगा।
भाटिया ने अपनी पढ़ाई एनआईटी पटना से पूरी की है और अमेरिका के टेक्सास राज्य में अपना व्यापार चलाते हैं।
पहले भी करते रहे हैं दान
राजेश और कल्पना भाटिया ने बीते साल करीब 40 एनजीओ को 8 मिलियन डॉलर से भी अधिक धनराशि दान की थी। इस दौरान, भाटिया फाउंडेशन ने स्वास्थ्य, शिक्षा, मानवाधिकारों, सामाजिक न्याय और महिलाओं के सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है। फाउंडेशन ने वैश्विक कोविड-19 महामारी से प्रभावित संगठनों और समुदायों को भी मदद मुहैया कराई है।
इसके पहले दक्षिण एशियाई महिलाओं के लिए काम करने वाले गैर-लाभकारी संगठन सखी को युवा कार्यक्रमों और सेवाओं के विस्तार के लिए उनके प्रयासों का समर्थन करते हुए रमेश और कल्पना भाटिया परिवार फाउंडेशन की तरफ से 3 लाख डॉलर का सहयोग मिला था।
राजेश और कल्पना परिवार फाउंडेशन की स्थापना 2006 में की गई थी, तब से यह फाउंडेशन दुनिया भर में बदलाव और भलाई के लिए अपना सहयोग जारी रखे हुए है। गौरतलब है कि अमेरिका और अन्य देशों में बसे एनआरआई अक्सर अपने वतन भारत में जरूरतमंदों की भलाई के लिए दान करते रहते हैं।
Edited by Ranjana Tripathi