कभी 1500 प्वाइंट ऊपर तो कभी 1000 प्वाइंट नीचे, जानिए कहां अटकी हैं शेयर बाजार के निवेशकों की सांसें
आज भले ही शेयर बाजार में 770 अंक की गिरावट आई है, लेकिन 30 अगस्त को सेंसेक्स करीब 1564 अंक चढ़ा था. उससे पहले 29 अगस्त को सेंसेक्स करीब 861 अंक लुढ़का था.
इन दिनों शेयर बाजार के निवेशक काफी चिंता में हैं. कभी शेयर बाजार तगड़ी तेजी दिखाकर खुश कर रहा है, तो कभी भारी गिरावट के साथ टेंशन दे रहा है. ऐसे माहौल में लोग भी संभल-संभल कर निवेश कर रहे हैं, क्योंकि कोई नहीं समझ पा रहा कि आखिर शेयर बाजार में इतना भारी उतार-चढ़ाव क्यों आ रहा है. बुधवार को सरकार ने जीडीपी के आंकड़े जारी किए, जिन्हें सरकार अच्छा बता रही है, लेकिन फिर भी गुरुवार को बाजार 770 अंक लुढ़क गया. सवाल ये है कि आखिर किन वजहों से बाजार गिरा.
पहले जानिए शेयर बाजार का लेटेस्ट अपडेट
गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 770.48 अंक यानी 1.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,766.59 अंक पर बंद हुआ. दिन के कारोबार के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब सेंसेक्स 1,014.5 अंक तक लुढ़क गया. मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत आईटी और बैंक शेयरों में भारी बिकवाली से बाजार बुरी तरह टूटा. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 216.50 अंक यानी 1.22 प्रतिशत टूटकर 17,542.80 अंक पर बंद हुआ.
आज भले ही शेयर बाजार में 770 अंक की गिरावट आई है, लेकिन 30 अगस्त को सेंसेक्स करीब 1564 अंक चढ़ा था. उससे पहले 29 अगस्त को सेंसेक्स करीब 861 अंक लुढ़का था. शेयर बाजार का इस तरह का ट्रेंड देखकर निवेशक यह भी सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि कहीं शेयर बाजार में कोई खेल तो नहीं चल रहा. शेयर बाजार के इन भारी उतार-चढ़ाव की वजह से दलाल स्ट्रीट पर टेंशन का माहौल बन गया है.
जीडीपी के नतीजों का शेयर मार्केट से कनेक्शन
अगर बात जीडीपी के नतीजों की करें तो पिछली तिमाही के मुकाबले यह बहुत शानदार था. पिछली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 4.1 फीसदी थी, लेकिन अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 13.5 फीसदी रही है. भले ही एक नजर में यह नतीजे अच्छे दिख रहे हों, लेकिन असल में यह उतने भी अच्छे नहीं हैं. रिजर्व बैंक और एसबीआई के अनुमान से यह नतीजे काफी कम हैं. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इसे 14 फीसदी से ऊपर ही होना चाहिए था. पिछले साल इसी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 20.1 फीसदी था. अब डर ये है कि रिजर्व बैंक ने पूरे साल के लिए 7.2 फीसदी का जो अनुमान लगाया था वह भी गलत साबित हो सकता है. शेयर बाजार में गिरावट की वजह जीडीपी के खराब नतीजे भी हो सकते हैं.
ब्याज दरें बढ़ने के डर से गिरे विदेशी बाजार
शेयर बाजार में आई तगड़ी गिरावट के लिए जिम्मेदार दरअसल विदेशी बाजार हैं. फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दर बढ़ाए जाने की चिंता के चलते विदेशी बाजारों में गिरावट देखी जा रही है. यूरोपियन स्टॉक्स 600 में करीब 1.7 फीसदी की गिरावट देखी गई, वहीं एफटीएसई 100 भी करीब 1.46 फीसदी तक लुढ़क गया. वॉल स्ट्रीट के इंडेक्स भी 0.6 फीसदी से 1.3 फीसदी तक गिरे.
अमेरिका में मंदी आना तय, दुनिया भर पर हो सकता है असर
इन दिनों शेयर बाजार में भारी गिरावट और भारी तेजी की वजह अमेरिका में मंदी का डर भी है. इसकी वजह से जब बाजार गिरने लगता है तो बहुत से निवेशक तो सिर्फ डर की वजह से पैसे निकालने लगते हैं, जिससे गिरावट और बढ़ जाती है. अमेरिका में पिछली दो तिमाही से अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिल रही है. यहां तक कहा जाने लगा है कि अमेरिका में मंदी दस्तक दे चुकी है. अर्थशास्त्री तो पहले ही कह चुके हैं कि अमेरिका में मंदी आना तय है.