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बच्चों को 21वीं सदी की स्किल्स सिखा रहा है IIT स्नातक का यह स्टार्टअप

बच्चों को 21वीं सदी की स्किल्स सिखा रहा है IIT स्नातक का यह स्टार्टअप

Thursday January 13, 2022 , 5 min Read

आंत्रप्रेन्योर स्नेहा बिस्वास शिक्षा क्षेत्र में योगदान देना चाहती थीं और इसने उन्हें बेंगलुरु स्थित एडटेक स्टार्टअप अर्ली स्टेप्स एकेडमी शुरू करने के लिए प्रेरित किया, जो एक केस स्टडी आधारित ऑनलाइन लाइव लर्निंग प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य 21वीं सदी के लिए प्रासंगिक स्किल्स के जरिये आठ से 18 साल के बच्चों की मदद करना है।

महत्वपूर्ण सोच, कम्यूनिकेशन, सहयोग और जिज्ञासा में कौशल को सुधारने के लिए प्लेटफॉर्म बायोइंजीनियरिंग, उद्यमिता, क्रिप्टोकरेंसी, एनएफटी, आईपीओ, स्पेस टेक्नालजी और इस तरह के 1,000 से अधिक विषयों में छात्रों को आगे बढ़ने का मौका देता है।

स्नेहा योरस्टोरी को बताती है,

"केस स्टडी पद्धति को एक्टिव लर्निंग में प्रभाव के लिए जाना जाता है और इसे दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में लागू किया जाता है लेकिन किसी ने भी इसे बच्चों के लिए नहीं किया है। हम केस स्टडी को डिजाइन करने वाली एक समर्पित अनुसंधान और विकास टीम के साथ इनोवेशन लाते हैं। यह न केवल संबंधित विषयों पर ज्ञान हासिल करने में मदद करता है, बल्कि सोचने और बात करने के कौशल में भी महारत हासिल करता है।”

यह एडटेक स्टार्टअप अब दुनिया के सात देशों के 300 से अधिक छात्रों को सीखने में सक्षम बनाता है।

स्नेहा कहती हैं कि उनका मिशन सभी स्कूली बच्चों के लिए शिक्षा को प्रासंगिक, उपयोगी, आकर्षक और मज़ेदार बनाना था क्योंकि "तथ्य यह है कि 14 साल की उम्र तक एक बच्चा वास्तविक दुनिया में आश्वस्त नहीं होता है। ऐसे में आगे के वर्षों में सीखने से पता चलता है कि वास्तविक दुनिया में एक गैप और थोड़ी प्रासंगिकता है।”

केस स्टडीज वास्तविक दुनिया की समस्याओं को प्रस्तुत करते हैं, जो छात्रों को न केवल वास्तविक दुनिया का अनंत ज्ञान और आत्मविश्वास हासिल करने में मदद करते हैं, बल्कि 300 से अधिक छात्रों की जरूरतों को पूरा करने वाले उनके जीवन से मुख्य कॉन्सेप्ट को भी जोड़ते हैं।

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स्टार्टअप की यात्रा

स्नेहा के सफर ने उन्हें जमीनी स्तर पर इन समस्याओं से अवगत कराया। एक टियर 2 शहर जमशेदपुर में पली-बढ़ी स्नेहा और उनकी बहन ने समाचारों में और टेल मी व्हाई मैगज़ीन पढ़ने में बहुत समय बिताया। वे अपनी माँ को धन्यवाद देती हैं जिन्होंने शिक्षा पर जोर दिया, जो कक्षा और पाठ्यपुस्तक की शिक्षा से भी परे थी।

दोनों बहनें विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेती रहीं। बाद में, आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग कर उन्होने विभिन्न देशों में काम भी किया। उनके अनुसार अकेले अकादमिक उत्कृष्टता उन्हें यहाँ तक लेकर नहीं आई है।

वे कहती हैं, "जब मैं खड़गपुर गई तो मैंने पहली बार अंतर देखा। सभी ने एक ही परीक्षा दी है और ऐसे में सभी आपके बराबर या आपसे अधिक स्मार्ट या होशियार है। इसलिए आप एकेडमी के बाहर जो लाते हैं, उससे फर्क पड़ता है।"

टीच फॉर इंडिया के साथ एक कार्यकाल के बाद उन्होंने अमेरिका, लंदन और पूर्वी अफ्रीका में शलम्बर्जर के साथ काम किया। वह एक चाइनीज एडटेक स्टार्टअप में इंस्ट्रक्टर भी थीं। जब उन्होंने बाद में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में आगे की पढ़ाई की, तो स्नेहा अपने दूसरे वर्ष में एक फ़ैकल्टी-नामांकित ट्यूटर बन गईं।

वे आगे कहती हैं,

"भारत, अफ्रीका, अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप जैसे विभिन्न महाद्वीपों में काम करते हुए मैंने देखा कि जो लोग पेशेवर रूप से सफल हुए, वे जरूरी नहीं कि तकनीकी रूप से तेज थे। इसका बहुत कुछ इस बात से लेना-देना था कि उनके पास जो भी ज्ञान था, उसमें वे कितने आश्वस्त थे।"

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए पूरा करने के बाद उन्होंने मार्च 2021 में अर्ली स्टेप्स एकेडमी के साथ उद्यमशीलता की शुरुआत करने से पहले बैन एंड कंपनी में काम किया।

उद्यमी का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में स्टार्टअप के लिए महामारी से बेहतर कोई समय नहीं हो सकता है क्योंकि दुनिया भर के बच्चे पढ़ाई को लेकर दो साल के नुकसान से गुजर चुके हैं।

वे कहती हैं, "सीखना तब होता है जब आप यात्रा करते हैं और सामाजिक रूप से बातचीत करते हैं। वास्तविक दुनिया में क्या हो रहा है, इसे पकड़ने के लिए सक्रिय चर्चा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अब पहले से कहीं अधिक आपको त्वरित लर्निंग प्रोग्राम की आवश्यकता है।”

2 हज़ार रुपये प्रति माह से शुरू होने वाली कीमतों के साथ पाठ्यक्रम की ऑफरिंग में विशेषज्ञ (जो तीन सप्ताह में 10 विषयों को कवर करता है), मास्टर (जो 36 सप्ताह में 20 विषयों को कवर करती है) और लीजेंड (52 सप्ताह में 40 विषय) शामिल हैं।

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सांकेतिक फोटो

बाजार को नेविगेट करते हुए

महामारी ने एडटेक क्षेत्र के बड़े पैमाने पर विकास का मार्ग प्रशस्त किया है, जिसका अनुमानित बाजार आकार 2025 तक 10.4 बिलियन डॉलर है।

अर्ली स्टेप्स एकेडमी BYJU's और Unacademy के साथ-साथ युवा स्टार्टअप जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के साथ मार्केट स्पेस साझा करती है और स्नेहा का कहना है कि सबसे बड़ी मान्यता 92 प्रतिशत रिटेंशन रेट के साथ स्टार्टअप के शिक्षण में मूल्य खोजने से आती है।

नवंबर 2021 में एडटेक स्टार्टअप ने सुहैल सुमीर, आकाश सक्सेना और वरुण अलघ जैसे एंजल इंवेस्टर्स की भागीदारी के साथ BEENEXT, व्हाइटबोर्ड कैपिटल और टॉरस वेंचर्स से 1.2 मिलियन डॉलर का सीड राउंड जुटाया था। स्टार्टअप सिकोइया स्पार्क के पहले समूह में 15 स्टार्टअप में से एक है, जो 1 लाख डॉलर वाला इक्विटी-मुक्त अनुदान और परामर्श कार्यक्रम है।

अब तक पूरी तरह से ऑर्गैनिक विकास हासिल करने के बाद अर्ली स्टेप्स एकेडमी अब आगे बढ़ने के साथ "ब्रांड जागरूकता पैदा करने" की योजना बना रहा है।


Edited by Ranjana Tripathi