क्या कारों में 1 अक्टूबर से अनिवार्य हो जाएगा 6 एयरबैग लगाना? जानें गडकरी का जवाब
जनवरी में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने प्रस्ताव रखा था कि M1 कैटेगरी में आने वाली और 1 अक्टूबर, 2022 के बाद मैन्यूक्चर होने वाली सभी कारों में 6 एयरबैग होने चाहिए.
केंद्र सरकार ने कारों में छह एयरबैग को अनिवार्य करने के प्रस्ताव को एक साल के लिए टालकर एक अक्टूबर, 2023 कर दिया है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. इससे पहले, यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर आठ सीट वाले वाहनों में सरकार ने छह एयरबैग लगाना अनिवार्य किया था. यह आदेश एक अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होना था.
गडकरी ने ट्वीट किया, ‘‘वाहन उद्योग को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, इसे देखते हुए और व्यापक आर्थिक परिदृश्य पर इसके असर के मद्देनजर यात्री कारों में न्यूनतम छह एयरबैग अनिवार्य करने के प्रस्ताव को एक अक्टूबर, 2023 से लागू करने का निर्णय लिया गया है.’’ उन्होंने आगे कहा कि मोटर वाहनों की लागत और वेरिएंट की परवाह किए बिना यात्रा करने वाले सभी यात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
बता दें कि, इससे पहले जनवरी में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने प्रस्ताव रखा था कि M1 कैटेगरी में आने वाली और 1 अक्टूबर, 2022 के बाद मैन्यूक्चर होने वाली सभी कारों में 6 एयरबैग होने चाहिए. गडकरी ने कहा था कि वाहनों की आमने-सामने की टक्कर और बगल से होने वाली टक्कर के असर को कम कर सवारियों को सुरक्षित रखने के लिए यह तय किया गया है कि वाहनों में चार अन्य एयरबैग भी दिए जाएं.
गडकरी ने कहा था, 'पीछे की सीट पर अगल-बगल दो एयरबैग देने और दो ट्यूब एयरबैग देने से सभी सवारियों के लिए सफर को सुरक्षित बनाया जा सकेगा. भारत में मोटर वाहनों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए यह अहम कदम है.' उन्होंने कहा था कि एयरबैग की संख्या बढ़ाने का कदम सभी तरह के वाहनों एवं सभी मूल्य दायरे वाले वाहनों में बैठे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा.
बता दें कि, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2020 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल 1.16 लाख सड़क हादसे हुए जिनमें 47,984 लोगों की मौत हुई थी. गडकरी ने पिछले साल कहा था कि मुख्यतः निम्न मध्य वर्ग की पसंद रहीं छोटी कारों में भी समुचित एयरबैग होने चाहिए ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में उनमें बैठे लोगों की जान बची रहे.
उन्होंने कहा था कि सिर्फ ऊंची कीमतों वाली बड़ी कारों में ही कार विनिर्माता आठ एयरबैग देते हैं. गडकरी ने कहा था कि छोटी कारें अधिकतर निम्न मध्य वर्ग वाले परिवार ही खरीदते हैं लेकिन उनमें पर्याप्त एयरबैग नहीं होने से सवारियों के हादसा होने पर मौत की आशंका बढ़ जाती है. हालांकि उन्होंने कहा था कि अधिक एयरबैग देने पर कारों की कीमतें 4,000 रुपये तक बढ़ सकती हैं.
वहीं, सरकार कार की पिछली सीट के रियर सीटबेल्ट के लिए भी अलार्म अनिवार्य करने की अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया में है.
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Edited by Vishal Jaiswal