कच्चे तेल, विमान ईंधन और डीजल पर विंडफॉल टैक्स में कटौती, जानिए कितनी मिलेगी राहत
16 जनवरी को सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि सरकार ने एटीएफ पर निर्यात कर को 4.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 3.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर निर्यात कर को 6.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है.
केंद्र सरकार ने कच्चे तेल और विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) और डीजल के निर्यात पर अपने अप्रत्याशित लाभ कर यानी विंडफॉल टैक्स में कटौती की है. इसने मंगलवार से प्रभावी कच्चे तेल पर अपने विंडफॉल टैक्स को 2,100 रुपये प्रति टन से घटाकर 1,900 रुपये ($ 23.28) प्रति टन कर दिया. बता दें कि, कच्चे तेल को परिष्कृत कर पेट्रोल, डीजल और एटीएफ जैसे ईंधन में बदला जाता है.
16 जनवरी को सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि सरकार ने एटीएफ पर निर्यात कर को 4.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 3.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर निर्यात कर को 6.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है.
3 जनवरी से बढ़ी थी दर
इससे पहले, इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल, एटीएफ और हाई-स्पीड डीजल पर अप्रत्याशित लाभ कर यानी Windfall Tax बढ़ा दिया था.
3 जनवरी से प्रभावी संशोधित दर के अनुसार, तब कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 1,700 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति टन कर दिया गया था. एटीएफ पर विंडफॉल टैक्स 1.5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 4.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था. निर्यात के लिए हाई-स्पीड डीजल पर विंडफॉल टैक्स भी 5 रुपये से बढ़ाकर 7.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था. हालांकि, पेट्रोल निर्यात पर टैक्स दर में कोई बदलाव नहीं हुआ था.
15 दिसंबर को हुई थी भारी कटौती
इससे पहले 15 दिसंबर को वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बीच सरकार ने ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को 4,900 रुपये प्रति टन से घटाकर 1,700 रुपये प्रति टन कर दिया गया था.
सरकार ने डीजल के निर्यात पर भी कर आठ रुपये से घटाकर पांच रुपये प्रति लीटर कर दिया था. इसी तरह एटीएफ के निर्यात पर इसे पांच रुपये से घटाकर 1.5 रुपये प्रति लीटर किया गया था. नवंबर से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 14 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जिसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया था.
कब लागू हुआ था विंडफॉल टैक्स?
केंद्र ने 1 जुलाई, 2022 को पेट्रोलियम उत्पादों पर विंडफॉल टैक्स लगाने का ऐलान किया था. भारत ने पहली बार एक जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था. इसके साथ ही यह उन कुछ देशों में शामिल हो गया था जो ऊर्जा कंपनियों के अत्यधिक लाभ पर कर वसूलते हैं.
उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था. घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था. हालांकि, पेट्रोल पर निर्यात कर को समाप्त कर दिया गया है.
कच्चे तेल की पिछले दो सप्ताह की औसत कीमत के आधार पर कर दरों की प्रत्येक पखवाड़े समीक्षा की जाती है. दिसंबर में भारत का कच्चे तेल के आयात का औसत मूल्य 77.79 डॉलर प्रति बैरल रहा है. यह नवंबर में 87.55 डॉलर प्रति बैरल और अक्टूबर में 91.70 डॉलर प्रति बैरल था.
क्या होता है विंडफॉल टैक्स?
विंडफॉल टैक्स सरकार द्वारा कंपनियों पर लगाए जाना वाला टैक्स है. यह टैक्स सरकार ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाती है जिन्हें किसी खास तरह के हालात से तत्काल काफी फायदा होता है.
मसलन, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में काफी तेजी आई थी और डोमेस्टिक ऑयल कंपनियां स्थानीय ऑयल रिफायनरीज को इंटरनेशनल प्राइस के बराबर ही कच्चा तेल प्रोवाइड करवा रहे थे. जिससे डोमेस्टिक ऑयल कंपनियों को अप्रत्याशित रूप से फायदा हो रहा था. देश में क्रूड की सप्लाई बनाए रखने और ऊंचे प्रॉफिट के बीच तेल का एक्सपोर्ट नियंत्रित रखने के लिए ही ये टैक्स लगाया जाता है.
Edited by Vishal Jaiswal