कर्मचारियों को नहीं निकालने के Tata के फैसले के बाद Wipro ने Moonlighting पर नरम किया रुख

पिछले महीने ही विप्रो ने नौकरी के साथ 300 कर्मचारियों को प्रतिद्वंदी संस्थान के साथ काम करते हुए पाया था और उन्हें कंपनी से निकाल दिया था.

कर्मचारियों को नहीं निकालने के Tata के फैसले के बाद Wipro ने Moonlighting पर नरम किया रुख

Thursday October 13, 2022,

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'Moonlighting' (एक कंपनी के फुल टाइम कर्मचारी रहते हुए दूसरा काम करने की आजादी) के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने वाली इंफॉर्मेशन-टेक्नोलॉजी (IT) कंपनियों की संख्या बढ़ती जा रही है. हालांकि, Tata Group की कंपनी TCS द्वारा Moonlighting को गलत बताने के बावजूद कर्मचारियों को निकालने से इनकार करने बाद Wipro Ltd ने भी अपना रुख नरम कर लिया है.

'Moonlighting' के कारण 300 कर्मचारियों को निकालने के बाद विप्रो ने अब अपना रुख नरम करते हुए कहा है नौकरी के साथ कोई छोटा काम पकड़ना ठीक है लेकिन एक प्रतिस्पर्धी कंपनी के लिए काम करना ‘नैतिकता का सवाल’ है. दरअसल, पिछले महीने ही विप्रो ने नौकरी के साथ 300 कर्मचारियों को प्रतिद्वंदी संस्थान के साथ काम करते हुए पाया था और उन्हें कंपनी से निकाल दिया था.

विप्रो के सीईओ डेलापोर्टे ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजों के घोषणा के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अनुबंध के तहत कर्मचारी कोई अन्य काम नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कंपनी से जुड़ने वाले कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे न केवल विप्रो के लिए समय समर्पित करें बल्कि अपने और परिवार को भी समय दें.’’

डेलापोर्टे ने कहा, ‘‘विप्रो के साथ काम करते हुए कोई दूसरा छोटा काम पकड़ना ठीक है. लेकिन अगर आप किसी ऐसी कंपनी के लिए काम कर रहे हैं जो हमारे कारोबार में हैं, तो बात अलग है. प्रतिद्वंदी कंपनी के लिए काम करना भी हितों का टकराव है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मूनलाइटिंग वैधता का नहीं, बल्कि नैतिकता का सवाल है. हम नहीं मानते कि हितों के टकराव वाले दो काम करना सही है.’’

गौरतलब है कि प्रेमजी ने पिछले कुछ समय से मूनलाइटिंग की कड़ी आलोचना की है और इसे ‘धोखा’ करार दिया था. विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने पिछले महीने कहा था कि कंपनी के पास ऐसे किसी भी कर्मचारी के लिए कोई जगह नहीं है जो विप्रो के पेरोल पर रहते हुए प्रतिद्वंद्वियों के साथ सीधे काम करना चुनते हैं.

Moonlighting के खिलाफ कंपनियां, लेकिन कर्मचारियों को निकालने के खिलाफ

आईटी कंपनी इन्फोसिस ने भी मूनलाइटिंग को एक ‘नैतिक’ मुद्दा बताया था. हालांकि, कंपनी ने इस संबंध में अभी तक किसी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है.

टाटा ग्रुप की कंपनी TCS ने भी साफ कर दिया कि दोहरा रोजगार सामान्य तौर पर कंपनी के मूल मूल्यों और संस्कृति के खिलाफ है. TCS ने साथ ही कहा कि उसने अपने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. कंपनी में 6.16 लाख से अधिक लोग काम करते हैं.

एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने ‘मूनलाइटिंग’ को लेकर कहा है कि वह एक साथ दो जगह काम करने का समर्थन नहीं करती है और यह कंपनी के भीतर कोई बड़ा मुद्दा नहीं है.

कंपनी के चीफ पीपल ऑफिसर (सीपीओ) रामचंद्रन सुंदरराजन ने दूसरी तिमाही के नतीजों का ब्योरा देने के दौरान कहा, ‘‘एचसीएल के साथ काम करते हुए हम अन्य जगह भी काम करने का समर्थन नहीं करते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘एचसीएल टेक के लिए काम करने वाला हर व्यक्ति रोजगार अनुबंध पर हस्ताक्षर करता है. इसके लिए विशिष्टता की आवश्यकता होती है. हम अपने कर्मचारियों से अनुबंध में मौजूद प्रावधानों की प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने की अपेक्षा करते हैं.’’

उन्होंने कहा कि सौभाग्य से मूनलाइटिंग एचसीएल टेक्नोलॉजीज के भीतर एक बड़ी समस्या के रूप में सामने नहीं आया है.