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3 महीने के बच्चे को दूध पिलाने के लिए जागीं, तभी आया छंटनी का ईमेल, कहा- मेरा तो दिल बैठ गया

अनेका ने बताया कि नौ साल पहले लंदन से बे एरिया में ट्रांसफर होने के बाद से फेसबुक (अब मेटा) में काम करना उनका सपना रहा है. उन्होंने सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी में फेसबुक ग्रुप प्रोडक्ट पर 2.5 साल तक काम किया.

3 महीने के बच्चे को दूध पिलाने के लिए जागीं, तभी आया छंटनी का ईमेल, कहा- मेरा तो दिल बैठ गया

Friday November 11, 2022 , 3 min Read

‘’आज सुबह मुझे पता चला कि मैं मेटा छंटनी से प्रभावित 11,000 कर्मचारियों में से एक थी. इससे मुझे बहुत धक्का लगा क्योंकि मैं इस समय मैटरनिटी लीव पर हूं. मैं अपनी तीन महीने की बेटी को दूध पिलाने के लिए तड़के 3 बजे उठी थी. मैं लगातार अपना ईमेल चेक कर रही थी.

सुबह 4 बजे भी मैं उठी और अपनी बेटी को थपकी देकर सुला दिया. सुबह 4.30 बजे मेरी मैनेजर का मैसेज आया कि उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है. इसके बाद मैं लगातार अपना ईमेल चेक करते हुए दूसरे सहयोगियों से बात कर रही थी. सुबह 5.35 बजे मुझे एक ईमेल मिला और फिर मुझे पता चला कि मैं छंटनी में शामिल हूं. मेरा दिल बैठ गया.’’

यह कहानी फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सऐप का संचालन करने वाली दुनिया की दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी मेटा में बड़े पैमाने पर हुई छंटनी का शिकार होने वाली भारतीय मूल की अनेका पटेल की है.

बता दें कि, फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने खर्चों में कटौती के लिये विभिन्न देशों में अपने 11,000 कर्मियों की छंटनी की है. कोविड-19 महामारी के दौरान मेटा बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की हायरिंग कर रहा था. इसका कारण था कि लॉकडाउन के दौरान लोगों के व्यवहार में एक स्थायी बदलाव होने के कारण अचानक ऑनलाइन ट्रैफ़िक में वृद्धि हो रही थी. दो वर्षों में कर्मचारियों की संख्या दोगुनी होकर लगभग 90,000 हो गई थी.

इसी दौरान मई 2020 में अनेका पटेल को नौकरी मिली थी. अनेका ने बताया कि नौ साल पहले लंदन से बे एरिया में ट्रांसफर होने के बाद से फेसबुक (अब मेटा) में काम करना उनका सपना रहा है. उन्होंने सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी में फेसबुक ग्रुप प्रोडक्ट पर 2.5 साल तक काम किया.

अनेका ने कहा कि लोग पूछेंगे कि क्या वहां काम करना कठिन था, लेकिन मैं उन्हें बताऊंगी कि मैं भाग्यशाली थी क्योंकि मुझे वहां के अद्भुत फेसबुक समूहों के बारे में अच्छी कहानियां बताने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि वह कंपनी में काम करने वाले सभी लोगों की आभारी हैं.

उन्होंने अपने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा, तो आगे क्या? इसका जवाब देना मुश्किल है. मेरी मैटरनिटी लीव फरवरी में समाप्त होने वाली है और मैटरनिटी के ये पहले कुछ महीने मेरे जीवन के कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण रहे हैं. अब छंटनी के बाद उन्होंने अपने पोस्ट में कहा है कि मैं अगले कुछ महीने अपना पूरा समय अपनी बेटी को दूंगी और नए साल में नई नौकरी के लिए तैयार रहूंगी.

निकाले गए कर्मचारियों के लिए कई घोषणाएं

बता दें कि, Meta ने अपने 13 प्रतिशत या लगभग 11,000 कर्मचारियों की छंटनी की है. मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने बुधवार को कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि कमाई में गिरावट और प्रौद्योगिकी उद्योग में जारी संकट के चलते यह फैसला करना पड़ा. छंटनी के बारे में जुकरबर्ग ने बयान में कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, यह मेरी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं.’’

Meta ने छंटनी से प्रभावित अपने कर्मचारियों के लिए कई तरह की घोषणाएं की हैं. इसमें भारत जैसे देशों वाले H-1B वीजा कर्मचारियों को इमिग्रेशन सहायता मुहैया कराने की बात कही गई है.

कंपनी प्रभावित होने वाले सभी कर्मचारियों को बिना किसी सीमा के सेवा के हर साल के लिए 16 सप्ताह का बेसिक पे और दो अतिरिक्त सप्ताह का भुगतान करेगी. इसके साथ ही मेटा छंटनी से प्रभावित होने वाले कर्मचारियों और परिवार के छह महीने के स्वास्थ्य बीमा का भी ख्याल रखेगी. वहीं, कंपनी ऐसे कर्मचारियों को किसी बाहरी वेंडर के साथ तीन महीने की करियर सहायता प्रदान करेगी और उन्हें ऐसी नौकरियों की भी सबसे पहले जानकारी मिलेगी जो अभी पब्लिश नहीं हुई हैं.


Edited by Vishal Jaiswal