जानिए कैसे इस महिला ने अपनी हॉबी को बनाया हुनर, आज हर महीने घर बैठे कमा रही हैं 75000 रुपए
श्रीनगर की रहने वाली दीपिका वेलमुरगन घर पर अपने हाथों के तैयार किए गए पारंपरिक लड़की के डिब्बों को डिजाइन करके ऑनलाइन बेच रही हैं। इससे वह काफी अच्छा प्रॉफ़िट भी कमा रही हैं। उनके द्वारा तैयार किए गए इन ब्रांड का नाम है ‘होम2चेरिश’।
कहते हैं ‘हुनर तो हर शख्स में होता है फर्क सिर्फ इतना है कि किसी का छिप जाता है तो किसी का छप जाता है।’ आज कुछ ऐसे ही एक महिला के छिपे हुए हुनर की कहानी आपको बताएंगे। जिसने अपनी बचपन की आदत को अपना काम बना डाला और उसी काम की बदौलत घर बैठे महीने में करीब 70 से 80 हजार रुपए तक का व्यापार कर रही हैं।
मूलरूप से श्रीनगर की रहने वाली दीपिका वेलमुरगन घर पर अपने हाथों के तैयार किए गए पारंपरिक लकड़ी के डिब्बों को डिजाइन करके ऑनलाइन बेच रही हैं। इससे वह काफी अच्छा प्रॉफ़िट भी कमा रही हैं। उनके द्वारा तैयार किए गए इस ब्रांड का नाम है ‘होम2चेरिश’।
बचपन में मां को बनाते हुए देखा था
दीपिका को यह कला अपनी मां से विरासत में मिली है। जब वह छोटी थीं तब अपनी मां को घर के द्वार पर आटे की कलाकृतियाँ उकेरती देखती थीं। इनमें छोटे-छोटे डॉट्स से लेकर कई विभिन्न ज्यामितीय रेखाएं, आकृतियां और रंगों के संयोजन का उपयोग करके बनाई गई जटिल और सुंदर डिजाइन शामिल थे। धीरे-धीरे वह इन डिजाइन्स की शौकीन बन गईं।
कैसे हुई काम की शुरुआत
साल 2019 में उन्होंने अपनी इस स्किल को घर की सजवाट में काम आने वाली चीजों में उकेरना शुरू किया। इस काम को उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी शेयर किया। जहां से उन्हें काफी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिलीं। कुछ फॉलोवर्स ने उनसे अनुरोध किया कि क्या वे उनके लिए कुछ डिजाइन कर सकती हैं। इसके बाद से वह लड़की की वस्तुओं पर पारंपरिक डिजाइनों का चित्रण करके हर महीने करीब 75 हजार रुपए का बिजनेस करने लगीं।
कभी कपड़ों के लिए करती थीं डिजाइनिंग
वैसे तो दीपिका बचपन से ही ड्राइंग बनाने की शौकीन रही हैं। अपने इसी शौक को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने डिजाइनिंग का कोर्स किया। कोर्स पूरा करने के बाद कोयंबटूर की एक कपड़ा मील में बतौर डिजाइनर काम करने लगीं। 2010 में शादी होने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
इंस्टाग्राम पर हैं हजारों फॉलोवर्स
होम2चेरिश नाम से दीपिका के इंस्टाग्राम वेंचर के अब लगभग 30,000 फॉलोअर्स हैं।
उन्होंने इसकी शुरुआत साधारण लकड़ी की दीवार की अलमारियों के साथ की थी। अब वह विभिन्न आकारों, लकड़ी के तख्तों, नेमप्लेट,दीवार के हैंगिंग बोर्ड्स और लकड़ी के दरवाजों के पैनल में देवताओं की मूर्तियों व दीपक जैसी कई नक्काशी तैयार करती हैं।
Edited by Ranjana Tripathi