अपने पैसों को लेकर महिलाओं में बढ़ रहा आत्मविश्वास, धन से जुड़े बड़े फैसले खुद ले रही हैं: स्टडी
अमेरिका की यह स्टडी बता रही है कि 35 वर्ष से कम उम्र की महिलाएं 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के मुकाबले अपने पैसों, इंवेस्टमेंट और उससे जुड़े फैसलों को लेकर ज्यादा आत्मविश्वास से भरी हैं. वो अपने फैसले खुद ले रही हैं.
जिस देश में तीन दिन पहले सिलिकॉन वैली की सबसे ताकतवर कंपनी गूगल को अपनी महिला कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करने के लिए बतौर हरजाना 900 करोड़ रु. देना पड़ा, उस देश अमेरिका से यह एक नई स्टडी आई है. यह स्टडी अमेरिका में महिलाओं की बदल रही आर्थिक और सामाजिक हैसियत की एक बानगी है.
यूएस बैंक्स 2022 विमेन एंड वेल्थ इंसाइट्स स्टडी (U.S. Bank’s 2022 Women and Wealth Insights study) के मुताबिक अमेरिका में 55 फीसदी महिलाओं का मानना है कि वह अपने आर्थिक फैसले लेने में सक्षम हैं. वह अपने पैसे खुद मैनेज कर सकती हैं और उससे जुड़े महत्वपूर्ण फैसले ले सकती हैं. वहीं 60 फीसदी पुरुष अपने आर्थिक फैसले लेने के लिए खुद को सक्षम पाते हैं.
दो साल पहले इस स्टडी में यह पाया गया कि अमेरिका में 48 फीसदी महिलाएं अपने पैसे से जुड़े फैसले खुद लेती हैं. वहीं पुरुषों का यह अनुपात 61 फीसदी था. दो साल के भीतर महिलाओं की संख्या में आश्चर्यजनक ढंग से इजाफा हुआ है. 41 फीसदी से यह अनुपात बढ़कर 55 फीसदी हो गया है, वहीं पुरुषों के अनुपात में एक फीसदी की गिरावट आई है.
स्त्रियां अपने पैसों को लेकर ज्यादा आत्मविश्वास से भरी हुई हैं. वह अपने पैसे खुद मैनेज कर रही हैं. पैसों को कहां इन्वेस्ट करना है, कहां खर्च करना है, कितना बचाना है, ये सारे फैसले लेने में वह पहले से कहीं ज्यादा सक्षम हैं. स्त्री पुरुष के बीच पैसों को लेकर आत्मविश्वास की ऐहतहासिक फांक अब कम हो रही है.
इस स्टडी के लिए 25,000 डॉलर तक की इन्वेस्टमेंट क्षमता वाले 3000 वयस्कों का सर्वे किया गया. स्टडी से संकेत मिलते हैं कि कम उम्र की महिलाएं अपने आर्थिक फैसलों को लेकर ज्यादा कॉन्फिडेंट हैं. 35 साल से कम उम्र की 71 फीसदी महिलाएं अपने आर्थिक फैसले खुद लेती हैं. वहीं 35 से 54 आयु वर्ष की 53 फीसदी महिलाएं अपने आर्थिक फैसलों को लेकर आत्मविश्वास महसूस करती हैं. 54 से अधिक आयु वर्ष की 46 फीसदी महिलाएं यह आत्मविश्वास महसूस करती हैं.
यह स्टडी इस ओर इशारा कर रही है कि कम उम्र की महिलाएं स्त्री और पैसे से जुड़े पुराने स्टीरियोटाइप को तोड़ रही हैं. पारंपरिक सोच को चुनौती दे रही हैं और अपने जीवन से जुड़े बुनियादी फैसलों की कमान अपने हाथों में ले रही हैं. यह स्टडी कहती है कि पैनडेमिक के बाद महिलाओं में अपने पैसों को लेकर जागरूकता बढ़ी है.