Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT

गाड़ियां चलाने में ही नहीं बनाने में भी अपने टैलेंट का लोहा मनवा रहीं महिलाएं, कंपनियां यूं कर रहीं प्रोत्साहित

Tata Motors, MG Motors, Hero Motocorp और Bajaj Auto अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में लैंगिक विविधता की ओर तेजी से बढ़ रही हैं.

गाड़ियां चलाने में ही नहीं बनाने में भी अपने टैलेंट का लोहा मनवा रहीं महिलाएं, कंपनियां यूं कर रहीं प्रोत्साहित

Monday July 25, 2022 , 4 min Read

कभी व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग (Vehicle Manufacturing) यूनिट्स में केवल पुरुष ही दिखाई देते थे. लेकिन आज स्थिति कुछ और है. पुरुषों के वर्चस्व वाले व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में अब महिलाएं भी अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं और इसमें उनकी मदद कर रही हैं देश की प्रमुख वाहन कंपनियां. PTI भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल Tata Motors, MG Motors, Hero Motocorp और Bajaj Auto अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में लैंगिक विविधता की ओर तेजी से बढ़ रही हैं.

भारत में टाटा मोटर्स के छह प्लांट्स में शॉप फ्लोर में 3000 से अधिक महिलाएं उत्पादन के क्षेत्र में विभिन्न भूमिकाओं में काम कर रही हैं. वे छोटे यात्री वाहनों से लेकर भारी वाणिज्यिक वाहनों तक के उत्पादन के लिए काम कर रही हैं. 1974 तक टाटा मोटर्स (तब टेल्को) में शॉप फ्लोर पर महिलाएं नहीं होती थीं. कंपनी इंजीनियर के पद पर महिलाओं की हायरिंग नहीं करती थी. लेकिन इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति (तब सुधा कुलकर्णी) के एक लेटर ने कंपनी में इस सेक्टर में महिलाओं के लिए भी दरवाजे खोल दिए. वह टाटा मोटर्स की पहली महिला इंजीनियर थीं. आज Tata Motors की अपने कारखानों में और महिलाओं को शामिल करने की योजना है.

2023 तक लैंगिक रूप से संतुलित कार्यबल: MG मोटर इंडिया

एमजी मोटर इंडिया की दिसंबर 2023 तक लैंगिक रूप से संतुलित कार्यबल बनाने की योजना है, जहां उसके कुल कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत हो. कंपनी के गुजरात के हलोल संयंत्र में कारखाने में काम करने वाले 2000 लोगों में से 34 प्रतिशत महिलाएं हैं. हीरो मोटोकॉर्प में 2021-22 के अंत तक 1500 महिला कर्मचारी काम कर रही थीं और डायवर्सिटी रेशियो 9.3 प्रतिशत था. निकट भविष्य में कंपनी की योजना इनकी संख्या और बढ़ाने की है. एक और ऑटोमोटिव कंपनी बजाज ऑटो के पुणे स्थित चाकन संयंत्र में Dominar 400 और Pulsar RS 200 जैसी महंगी बाइक्स की मैन्युफैक्चरिंग का जिम्मा पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में है. यहां 2013-14 की तुलना में 2021-22 में महिला कर्मियों की संख्या 148 से चार गुना बढ़कर 667 हो गई है. कंपनी की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स और इंजीनियरिंग में काम करने वाले कर्मियों में करीब 64 महिलाएं हैं.

आदर्श स्थिति और वास्तविकता में बड़ा अंतर

टाटा मोटर्स के प्रेसिडेंट एवं मुख्य मानव संसाधन अधिकारी रवींद्र कुमार का कहना है कि कंपनियों ने महिलाओं को अहम पदों पर लाने के लिए व्यापक रूपरेखा बनाई है लेकिन आंकड़े बताते हैं कि आदर्श स्थिति और वास्तविकता में बड़ा अंतर है. इसी अंतर को पाटने के लिए टाटा मोटर्स अपने तरीके से प्रयास कर रही है. बीते दो साल में कंपनी के पुणे के पैसेंजर व्हीकल्स प्लांट में महिलाओं की संख्या करीब 10 गुना बढ़ी है. इस कारखाने में अप्रैल 2020 में 178 महिला कर्मी थीं, जो अब बढ़कर 1600 हो गई हैं.

एमजी मोटर इंडिया में महिलाओं को महत्वपूर्ण विनिर्माण क्षेत्रों, पेंट की गुणवत्ता और सतह परीक्षण, अनुसंधान और विकास, असेंबली में तैनात किया जाता है. महिलाओं ने भारत में कंपनी के पहले मॉडल एसयूवी हेक्टर के हलोल, गुजरात संयंत्र से रोलआउट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

कई पहलों की ली जा रही मदद

PTI भाषा की रिपोर्ट में ​​हीरो मोटोकॉर्प के प्रवक्ता ने कहा कि प्रोजेक्ट तेजस्विनी पहल के माध्यम से कंपनी ने अपने शॉप फ्लोर पर महिला कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि की है, मानसिकता बदली है, और विनिर्माण कार्यस्थल को और अधिक समग्र बना दिया गया है. हीरो मोटोकॉर्प, संयुक्त राष्ट्र महिला और संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट की पहल . विमन्स एंपावरमेंट प्रिंसिपल्स के लिए भी एक सिग्नेटरी है, जो कार्यस्थल में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करती है. टज्ञटा मोटर्स ने कौशल्या प्रोग्राम जैसी कई पहलें की हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाली 12वीं कक्षा या आईटीआई की हुई महिला कर्मचारियों को दो-तीन साल का व्यापक प्रशिक्षण और औपचारिक शिक्षा प्रदान करती हैं.


Edited by Ritika Singh