World Milk Day: भारत की श्वेत क्रांति को आगे बढ़ा रहे हैं ये 5 स्टार्टअप
यहां आज World Milk Day के मौके पर हम आपको उन स्टार्टअप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने मदर डेयरी, अमूल, सरस आदि जैसे भारत भर में प्रसिद्ध डेयरी दिग्गजों के बीच अपनी जगह बनाने की कोशिश की है, और काफी हद तक वे इसमें सफल भी हुए हैं. आइए डालते हैं इन पर एक नज़र....
1 जून को विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day) के रुप में मनाने का श्रेय संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन को जाता है. इस संगठन ने वर्ष 2001 में पहली बार इसकी घोषणा की थी. यह दिन दूध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देने और डेयरी उद्योग का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है.
Statista की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कई वर्षों में दुनिया भर में गाय के दूध के उत्पादन की मात्रा में लगातार बढ़ोतरी हुई है. 2015 में, दुनिया भर में 497 मिलियन मीट्रिक टन गाय के दूध का उत्पादन रिकॉर्ड किया गया था. 2021 तक यह आंकड़ा बढ़कर लगभग 544 मिलियन मीट्रिक टन हो गया था.
यहां आज World Milk Day के मौके पर हम आपको उन स्टार्टअप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने मदर डेयरी, अमूल, सरस आदि जैसे भारत भर में प्रसिद्ध डेयरी दिग्गजों के बीच अपनी जगह बनाने की कोशिश की है, और काफी हद तक वे इसमें सफल भी हुए हैं. किसी ने अमेरिका में अपनी आरामदायक नौकरी छोड़कर डेयरी शुरू की, तो किसी ने मिलावट के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए डेयरी स्टार्टअप शुरू किया. आइए डालते हैं इन पर एक नज़र....
Sid’s Farm
किशोर इंदुकुरी ने IIT खड़गपुर से ग्रेजुएट करने के बाद अमेरिका की मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से पॉलिमर साइंस एंड इंजीनियरिंग में मास्टर और पीएचडी की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्हें वही इंटेल कंपनी में नौकरी मिल गई. करीब छह साल वहां काम करने के बाद जब वे हैदराबाद लौटे तो उनका मन यहीं बस गया. उन्होंने महसूस किया कि यहां किफायती और बिना मिलावट वाले दूध के विकल्प सीमित हैं.
इससे उन्हें अपना खुद का डेयरी फार्म और दूध ब्रांड शुरू करने के लिए प्रेरणा मिली. 2012 में, उन्होंने कोयंबटूर से 20 गायें खरीदीं और हैदराबाद में एक डेयरी फार्म शुरू किया. किशोर ने सब्सक्रिप्शन के आधार पर शहर के उपभोक्ताओं को सीधे दूध सप्लाई करना शुरू कर दिया और उनका कारोबार बढ़ने लगा.
उन्होंने 2016 में, ब्रांड को आधिकारिक तौर पर सिड्स फार्म (
) के नाम से रजिस्टर कराया. किशोर ने इस फार्म का नाम अपने बेटे सिद्धार्थ के नाम पर रखा है. किशोर का दावा है कि आज की तारीख में उनके ब्रांड में करीब 120 कर्मचारी हैं और वे प्रतिदिन 10,000 से अधिक ग्राहकों को दूध पहुंचाते है. साथ ही पिछले साल इस फार्म ने 44 करोड़ रुपये का कारोबार भी किया.Puresh Daily
झारखण्ड की राजधानी रांची में रहने वाले दो दोस्तों, मनीष पीयूष और आदित्य कुमार ने साल 2019 में मिल्क सब्सक्रिप्शन ऐप
को लॉन्च किया. उनका स्टार्टअप गाय का ऑर्गेनिक दूध और केमिकल फ्री डेयरी प्रोडक्ट बेचता है.मनीष ने 2009 से 2017 तक 14 देशों में काम किया. वह 2017 में भारत लौटे और मुंबई में उन्होनें बतौर जनरल मैनेजर, टाटा मोटर्स जॉइन कर लिया. लेकिन थोड़े ही समय बाद उन्होंने जॉब छोड़ दी. फिर उन्होंने आदित्य से मुलाकात की. दिलचस्प बात यह है कि मनीष और आदित्य ने पहले दूध के कारोबार में कदम नहीं रखा. जब वे समझ रहे थे कि क्या करना है, उन्हें पता था कि टेक्नोलॉजी किसी भी बिजनेस के लिए सबसे अहम होगी, और इसलिए, 40 की उम्र में, उन्होंने कोडिंग सीखी, और सर्वाइव करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाकर बेचे.
बदलाव का पल तब था जब दोनों को झारखंड में एक मिल्क प्रोसेसिंग कंपनी के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप करने का प्रोजेक्ट मिला.
जनवरी 2019 में रांची में घर-घर दूध की डिलीवरी करने के साथ Puresh Daily की शुरुआत की. इसके लिए उन्होंने परिवार और दोस्तों से जुटाकर 10-15 लाख रुपये का निवेश किया. स्टार्टअप अपने खेत पर उगाए जाने वाले रासायनिक मुक्त मिठाई, पनीर, गाय का घी, दही, और सब्जियां और फल भी बेचता है.
पौष्टिक दूध सुनिश्चित करने के लिए, Puresh Daily अपनी गायों को खिलाने के लिए अपने खेत में अपनी सब्जियों और जड़ी-बूटियों को उगाता है. वर्तमान में, Puresh के पास लगभग 80-100 गाय हैं, और 40+ लोगों की एक टीम है. शुरुआती छह महीनों के भीतर ही Puresh ने मार्केट में गजब का उछाल देखा और कंपनी में मुनाफा आया. एक साल के भीतर, इसने 1.2 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल करने और प्रति दिन 1,500 से अधिक ग्राहकों को दूध डिलीवर करने का दावा किया है.
NutriMoo
गुरुग्राम में 1 मई, 2016 को लॉन्च की गई कंपनी क्रेडेंस होल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड
ब्रांड नाम से डेयरी प्रोडक्ट तैयार करती है. स्टार्टअप की शुरुआत अमित शर्मा और अजय यादव ने मिलकर की थी.NutriMoo में 50+ कर्मचारियों की एक टीम है. Nutrimoo 100 प्रतिशत शुद्ध, ताजा, हार्मोन-फ्री और बिना किसी मिलावट के प्रोडक्ट्स तैयार करने का दावा करता है. यह ब्रांड गाय का घी, देसी घी, शहद, दही, ताजा पनीर, छाछ आदि बेचता है.
Nutrimoo सोर्सिंग, प्रोडक्शन और ताजगी सुनिश्चित करने के लिए टाइट क्वालिटी कंट्रोल और जितना संभव हो उतना कम समय रखने का दावा करता है. यह ब्रांड वर्तमान में एंड्रॉइड और आईओएस यूजर्स के लिए उपलब्ध अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप के साथ-साथ प्रमुख ऑनलाइन पोर्टल्स -
, , और के जरिए बेचता है.Osam Dairy
झारखंड के रांची में स्थित
को चार दोस्तों ने मिलकर 2012 में शुरू किया था. ये चारों कॉलेज के दिनों से ही एक दूसरे को जानते थे.Osam Dairy के सीईओ अभिनव शाह ने YourStory के साथ पहले की बातचीत में बताया, "हम सभी फाउंडर्स ने बिजनेस को शुरू करने के लिए 2 करोड़ रुपये की अपनी व्यक्तिगत पूंजी निवेश की. हम कुरियन के किसानों को ग्राहकों से जोड़ने के मॉडल से प्रभावित थे."
ऐसे में ओसम का उद्देश्य झारखंड और बिहार के किसानों से सीधे दूध खरीदकर उसे चिल और प्रॉसेस करने के बाद रिटेलर्स को बेचना है. हालांकि बिजनेस शुरू होने के बाद दो दोस्त इसे छोड़कर चले गए और कंपनी लगभग दो बार दिवालिया हो चुकी थी. इसके बावजूद कंपनी ने वापसी की और आज यह झारखंड की सबसे तेजी से उभरती प्राइवेट डेयरी कंपनियों में से एक है.
Organiko-Beautifying Life
दिल्ली स्थित Organiko-Beautifying Life की फाउंडर पूजा कौल, डॉन्की मिल्क से साबुन बना रही हैं. पूजा ने YourStory के साथ पहले की बातचीत में बताया कि जब वे पढ़ाई कर रही थीं, तब उन्हें डेयरी सेक्टर में कुछ नया करने का प्रोजेक्ट मिला. उसी दौरान डॉन्की मिल्क पर अध्ययन करते हुए उन्हें आइडिया मिला कि डॉन्की मिल्क पर स्टार्टअप भी शुरू किया जा सकता है.
यद्यपि डॉन्की मिल्क से साबुन बनाना आसान काम नहीं है. जो लोग डॉन्की पालन से जुड़े हैं, उन्हें समझाना पड़ता है. दूसरी कठिनाई ये है कि डॉन्की मिल्क सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच ही कलेक्ट कर उसे 10 घंटे के अंदर ही इस्तेमाल कर लेना होता है. इसलिए जिस दिन, जिस वक़्त दूध निकाला जाता है, उसका प्रॉडक्शन भी उसी दिन कर लेना होता है अन्यथा वह बेकार हो जाता है. वह पूरी तरह से ऑर्गेनिक डॉन्की मिल्क के साबुन मार्केट में बेच रहीं हैं.