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स्क्वॉड्रन लीडर मोहना सिंह बनीं LCA तेजस लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट

स्क्वॉड्रन लीडर मोहना सिंह को वर्ष 2020 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. मोहना सिंह लगभग 8 साल पहले फाइटर स्क्वाड्रन में शामिल होने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनी थीं.

स्क्वॉड्रन लीडर मोहना सिंह बनीं LCA तेजस लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट

Thursday September 19, 2024 , 3 min Read

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की स्क्वॉड्रन लीडर मोहना सिंह (Squadron Leader Mohana Singh) LCA तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट (woman fighter pilot) बन गई हैं. 18 सितंबर को वे LCA तेजस को ऑपरेट करने वाली '18 फ्लाइंग बुलेट्स' स्क्वाड्रन में शामिल हो गई हैं. LCA तेजस पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे 'मेड इन इंडिया' पहल के तहत निर्मित किया गया है.

इससे पहले मोहाना सिंह अब तक MIG 21 उड़ा रही थी. मोहाना को पाकिस्तान की सीमा से सटे गुजरात सेक्टर में नालिया हवाई अड्डे पर तैनात LCA स्क्वाडर्न में तैनात किया गया था.

मोहना सिंह लगभग 8 साल पहले फाइटर स्क्वाड्रन में शामिल होने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनी थीं. मोहना सिंह ने हाल ही में जोधपुर में तरंग शक्ति अभ्यास में भाग लिया था, जहां उन्होंने सशस्त्र बलों के तीन उप प्रमुखों के साथ ऐतिहासिक उड़ान भरी. तरंग शक्ति में कई चरणों में सैन्य अभ्यास होता है.

स्क्वॉड्रन लीडर मोहना सिंह को वर्ष 2020 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

मोहना सिंह स्क्वाड्रन लीडर भावना कंठ और अवनी चतुर्वेदी के साथ भारतीय वायु सेना में महिला फाइटर पायलट की शुरुआती तिकड़ी का हिस्सा थीं. सरकार ने पायलट आधार पर महिलाओं के लिए फाइटर स्ट्रीम खोलने का निर्णय लेने के एक साल के भीतर, उन्हें 2016 में IAF में कमीशन किया था.

स्क्वाड्रन लीडर मोहना सिंह का जन्म 22 जनवरी 1992 को राजस्थान के झुंझुनू में हुआ था. उनके दादा एविएशन रिसर्च सेंटर में फ्लाइट गनर थे. उनके पिता, प्रताप सिंह, एक रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर हैं और उनकी मां, मंजू सिंह, एक टीचर हैं. मोहना सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से प्राप्त की और बाद में पंजाब के अमृतसर में ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में बीटेक की डिग्री हासिल की. वह जून 2016 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुईं.

गौरतलब हो कि इससे पहले, फरवरी 2018 में, अवनी चतुर्वेदी मिग-21 बाइसन उड़ाकर अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं थी, जिन्होंने भारतीय वायुसेना के जामनगर बेस से उड़ान भरी.

विश्व भर की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना भारतीय वायुसेना है, जिसमें वर्तमान में करीब 20 महिला फाइटर पायलट शामिल है. बीते साल 2 दिसंबर को जब कर्नाटक के बेलगावी एयरमैन ट्रेंनिंग स्कूल से 153 अग्निवीर वायु महिलाएं पास आउट हुई तो भारतीय वायुसेना ने उन्हें पहली बार अपने गैर अधिकारी कैडर में शामिल किया. महिला पायलटो की पहले बैच की पासिंग आउट परेड 2 दिसंबर को ही हुई थी.

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