विश्व हमारे साथ व्यवसाय करना चाहता है और अब अवसर का लाभ उठाना हम पर है: पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यों से NICDC परियोजनाओं में तेजी लाने तथा औद्योगिक नोड एवं क्लस्टरों में भूमि के अधिग्रहण तथा आवंटन के लिए अंतिम सीमा निर्धारित करने का आग्रह किया है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यों से NICDC परियोजनाओं में तेजी लाने तथा औद्योगिक नोड एवं क्लस्टरों में भूमि के अधिग्रहण तथा आवंटन के लिए अंतिम सीमा निर्धारित करने का आग्रह किया।
पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम पर निवेशक गोल मेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "18 राज्यों से अपना निर्णय शीघ्र करने, भूमि प्रस्तुत करने का आग्रह किया जा रह है, अन्यथा हम उन परियोजनाओं को समय से पहले ही बंद करने को बाध्य होंगे और संभवतः उन राज्यों को प्रस्ताव देंगे जो शायद निवेश में तेजी लाने के इच्छुक हों। उन्होंने चेतावनी दी कि अनधिकृत भूमि नहीं होनी चाहिए लेकिन इकाइयों की स्थापना निश्चित रूप से शीघ्र होनी चाहिए जिससे कि नई तकनीकों का समावेश हो सके तथा रोजगारों का सृजन किया जा सके।"
उन्होंने कहा, "अंततोगत्वा, देश की परिसंपत्तियों का सदुपयोग करना ही होगा। जैसाकि हम व्यवसाय प्रबंधन शब्दावली में कहते हैं, ‘आइये, हम अपनी परिसंपत्तियों के लिए जितना संभव हो, उतनी कड़ी मेहनत करें, जहां कहीं भी, जितनी अवसंरचना या सुविधाओं का निर्माण किया गया है, उनका अधिकतम संभव उपयोग करें।"
राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा निगम (NICDC) चार चरणों में 32 परियोजनाओं वाले 11 गलियारों का कार्यान्वयन कर रहा है।
इसकी जानकारी देते हुए कि NICDC की एक परियोजना आरंभ होने के कगार पर है, गोयल ने कहा कि कई राज्य NICDC परियोजनाओं के तहत प्रोत्साहन की पेशकश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा के सीईओ ने 20 दिनों में भूमि आवंटन करने की प्रतिबद्धता की है तथा धोलेरा के सीईओ ने पहले एंकरों (वह महत्वपूर्ण व्यवसाय जो दूसरे व्यवसायों को उस क्षेत्र के लिए आकर्षित करता है) को उपलब्ध भूखंडों के प्रथम 30 प्रतिशत के लिए भूमि की लागत पर 50 प्रतिशत छूट देने की पेशकश की है।
यह बताते हुए कि NICDC को पीएम गतिशक्ति तथा NSWS के साथ जोड़ा जाएगा, गोयल ने कहा कि इन्वेस्ट इंडिया NICDC परियोजना के तहत आने वाले पहले चार टाउनशिप में कार्यालय खोलेगा तथा BIS/QCI उभरते औद्योगिक समूहों में परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना करेगा।
यह इंगित करते हुए कि भारत एक बार फिर विश्व की तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और 670 बिलियन डॉलर के अब तक के सर्वाधिक निर्यात के लक्ष्य को पार कर चुका है, गोयल ने उद्यमियों से NICDC, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटीज, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन में 1.4 ट्रिलियन की विशाल अवसंरचना परियोजनाएं, NICDC सुविधाएं तथा वित्तीय समावेशन जैसी सरकार की पहलों का लाभ उठाने का आग्रह किया।
उद्यमियों को ‘‘निर्यात के महान मूलभूत अंगों’’ का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए गोयल ने कहा कि विश्व हमारे साथ व्यवसाय करना चाहता है और अब अवसर का लाभ उठाने की जिम्मेदारी हम पर है। उन्होंने कहा कि जब हम एक विकासशील देश से विकसित देश की दिशा में प्रगति कर रहे हैं, तो हम इस अमृत काल के दौरान सैनिकों के रूप में सेवा कर सकते हैं।
पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘आखिरकार, आप सबने भारत के साथ काम करने के इच्छुक देशों की भीड़ देखी है- दो महीने की समय अवधि में हम दो एफटीए कर चुके हैं, अन्य तीन या चार बातचीत के अग्रिम चरणों में हैं।’’
यह बताते हुए कि ग्रेटर नोएडा तथा मुंबई के अतिरिक्त, दिल्ली के प्रगति मैदान तथा IICC-द्वारका में विश्व स्तरीय प्रदर्शनी तथा सम्मेलन सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है, गोयल ने कहा कि भारत अब MICE (बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन तथा प्रदर्शनियां) सेक्टर में निरंतर अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है। उन्होंने कहा कि हम भारत को निवेश का पसंदीदा गंतव्य बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आइये, हम इस विकास गाथा में सहभागी बनें जिस पर भारत काम कर रहा है और देखें कि हम किस प्रकार, उपलब्ध सुविधाओं का सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं तथा भविष्य के लिए भी आइडिया प्रस्तुत करें।’’
यह बताते हुए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज लोकतांत्रिक देशों के बीच सबसे बड़े नेता हैं, गोयल ने कहा, ‘‘जैसाकि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि ‘यही समय है, सही समय है’, अक्सर यदि आप किसी अवसर का सही समय पर उपयोग नहीं करते हैं तो आप उस अवसर को गवां देते हैं।’’
इस अवसर पर संबोधित करते हुए, DPIIT के सचिव ने कहा कि सरकार ने EPDB 2.0 आरंभ किया है और उद्योग से संबंधित कानूनों को अपराध से मुक्त करना एक प्राथमिकता है। NSWS तथा भारत औद्योगिक भूमि बैंक (IILB) भी उद्योग निवेशों को सुगम बना रहे हैं।
NICDC भारत का अग्रणी अवसंरचना कार्यक्रम है, जो अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी के संयोजन के माध्यम से ‘स्मार्ट सिटीज’ के रूप में नए औद्योगिक नगरों का विकास कर रहे हैं, बेंचमार्क का सृजन कर रहे हैं और विश्व में सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण/निवेश गंतव्यों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। NICDC को सरकार द्वारा दिसंबर, 2020 में अनुमोदित किया गया था तथा इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2026-27 तक चार चरणों में विकसित होने वाली 32 अत्याधुनिक परियोजनाओं के साथ 11 औद्योगिक गलियारों का विकास करना है।
173 आवंटित भूखंडों के लिए 4 नगरों में 16,760 करोड़ रुपये का एक संयुक्त निवेश पहले ही किया जा चुका है। धोलेरा (गुजरात), शेंद्रा बिडकिन (महाराष्ट्र), विक्रम उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश) तथा ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में समेकित औद्योगिक टाउनशिप चार ‘स्मार्ट’ औद्योगिक नगर के रूप में उभर रहे हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर, अवसंरचना पहलों को सरकार के प्रमुख कार्यक्रम -पीएम गतिशक्ति द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह लॉजिस्ट्क्सि लागत में कमी लाने के उद्देश्य के साथ कार्यान्वयन के तहत NICDC की शेष 28 परियोजनाओं को युक्तिसंगत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Edited by Ranjana Tripathi