ये कछुआ नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी नाव है 'तैरता शहर', हवाई जहाज़ तक उतर सकता है
आपने याच (नाव/जहाज) और सुपर-यॉच के बारे में सुना है, लेकिन क्या आपने टेरायाच के बारे में सुना है?
यह इटैलियन डिज़ाइन हाउस Lazzarini का बनाया डिजाइन है, जिसने पैंगियोस (Pangeos) नाम के जहाज का डिज़ाइन लॉन्च किया है. यह जहाज एक तैरता हुआ शहर है जो दुनिया की सबसे बड़ी नाव बन सकता है.
CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेरा-टर्टल (कछुए) की तरह दिखने वाले इस याच का नाम सुपरकॉन्टिनेंट पैंजिया (Pangea) के नाम पर रखा गया है.
डिजाइनरों का कहना है कि पैंगियोस 1,800 फीट लंबी और 2,000 फीट चौड़ी होगी. इसे बनाने में करीब 8 अरब डॉलर खर्च होंगे. डिजाइनरों ने सऊदी अरब को स्थान के रूप में प्रस्तावित किया है.
'फ्लोटिंग सिटी' (तैरते हुए शहर) में होटल, शॉपिंग मॉल, पार्क और यहां तक कि छोटे जहाजों और विमानों के लिए बंदरगाह भी होंगे.
रिपोर्ट्स के अनुसार, इसका एंट्री गेट एक विला में खुलेगा. इसमें प्राइवेट हाउस, बिल्डिंग्स और रूफटॉप टैरेस भी होंगी. जहाज पर हेलीकॉप्टर और छोटे विमानों के लिए भी एक जोन बनाया जाएगा.
जहाज के निचले हिस्से में 30,000 सेल या क्लस्टर कम्पार्टमेंट होंगे. इसे स्टील से बनाया जाएगा, ताकि यह डूबे नहीं.
जहाज के पंखों को समुद्र की लहरों से ऊर्जा पैदा करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा. इससे पैंगियोस को ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन किए बिना हमेशा तैरते रहने में मदद मिलेगी.
रूफटॉप एरिया भी कई सौर पैनलों से लैस होगा जो टेरायाच को बिजली देने के लिए अतिरिक्त स्वच्छ ऊर्जा मुहैया करने में सक्षम होंगे.
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस जहाज पर 60,000 लोगों के रहने की क्षमता होगी. इसे NFT (non-fungible token) से हासिल होने वाली क्राउडफंडिंग के बाद बनाया जाएगा.
यह क्रिप्टोकरेंसी के साथ एनएफटी के रूप में एक वर्चुअल एसेट उपलब्ध है. यह एक भौतिक संपत्ति के लिए पैसे जुटाने के रूप में काम करेगा, यदि पैंगियोस वास्तव में बनाया जाता है.
डिजाइनरों का कहना है कि इसे बनाने में करीब आठ साल का वक्त लगेगा. इस प्रोजेक्ट के लिए, सबसे पहले एक बड़ा शिपयार्ड बनाना होगा.
जहाज की इसकी विशाल पतवार नौ अलग-अलग धनुषों से बनी होगी और कई ब्लॉकों में बटीं होगी. यह नौ हाई टेम्परेचर सुपरकंडक्टर इंजनों से चलेगा. इनमें से प्रत्येक में 16,800hp की इलेक्ट्रिक मोटर लगी होगी.
डिजाइनरों ने बताया, "जेट ड्राइव ट्रांसमिशन से चलने वाला टेरा-स्ट्रक्चर पांच समुद्री मील की गति से चलेगा. इसे चलाते समय, बड़े पंख लहरों से टकराने से ऊर्जा प्राप्त करेंगे और पैंगियोस समुद्रों के चारों ओर उत्सर्जन के बिना लगातार तैरता रहेगा. इसके अलावा, रूफटॉप एरिया सोलर पैनलों से बना होगा, जो टेरायाच को पावर देने के लिए जरूरी क्लीन एनर्जी देते रहेंगे."
आपको बता दें कि लेज़रिनी डिज़ाइन स्टूडियो (Lazzarini Design Studio) ने इससे पहले हंस (swan) के आकार की मेगायॉट और द शेप सुपरयॉट को लॉन्च किया था.
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