Year Ender 2022: ये हैं इस साल की Top-5 डील्स, टाटा-अडानी छाए रहे सुर्खियों में
इस साल कई सारी बड़ी डील्स हुईं, जिनमें से कुछ ऐसी थीं, जिन्होंने सबका ध्यान खींच लिया. इस साल गौतम अडानी से लेकर रतन टाटा और एलन मस्क तक चर्चा में रहे.
साल 2022 तो खत्म हो रहा है, लेकिन इस साल में ऐसा बहुत कुछ हुआ, जो इतिहास में दर्ज हो गया है. इसी साल में कई ऐसे मर्जर (Merger) और अधिग्रहण (Acquisition) हुए, जिन्होंने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. इसमें 69 सालों बाद एयर इंडिया (Air India) की घर वापसी भी रही. गौतम अडानी (Gautam Adani) की तरफ से किए गए कई अधिग्रहण भी रहे. एलन मस्क (Elon Musk) का ट्विटर (Twitter) को खरीदना भी इसी साल में हुआ. आइए जानते हैं 2022 के कुछ बड़े मर्जर और अधिग्रहण के बारे में.
1- एयर इंडिया की हुई घर वापसी
साल 2022 का सबसे चर्चित अधिग्रहण रहा एयर इंडिया का. बिजनेस की दुनिया के दिग्गज रतन टाटा के चलते करीब 69 सालों के बाद एयर इंडिया की घर वापसी हुई. यह डील इस साल की शुरुआत में जनवरी के महीने में हुई थी. एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में जेआरडी टाटा ने टाटा एयरलाइंस नाम से की थी. सरकार ने कर्ज में डूब एयर इंडिया को बेच दिया है और यह डील 18 हजार करोड़ रुपये में हुई. एयर इंडिया को खरीदने के बाद टाटा संस ने एयर एशिया और विस्तारा को भी इसी के साथ मर्ज कर दिया है.
2- एलन मस्क ने खरीद लिया ट्विटर
टेस्ला प्रमुख एलन मस्क ने दुनिया के सबसे बड़े माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को खरीद लिया है. यह डील इसी साल एक्टूबर में 54.20 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर 44 अरब डॉलर में फाइनल हुई. इस डील ने इस साल दुनिया भर के लोगों का ध्यान खींचा, क्योंकि इसमें बहुत सारा ड्रामा हुआ. मामला कोर्ट कचहरी तक जा पहुंचा.
मस्क ने भी आते ही ट्विटर में ऐसे-ऐसे बदलाव किए, जिसे देखकर दुनिया हैरान हो गई. उन्होंने आते ही कंपनी से करीब 3700 लोगों को बाहर का रास्ता भी दिखा दिया. किसी ने मस्क की तारीफ की तो किसी ने आलोचना की. हालांकि, एलन मस्क के लिए ट्विटर की डील बहुत ही महंगी साबित हुई दिख रही है, क्योंकि जब से एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदने की बात की है, तब से अब तक उनकी कंपनी टेस्ला के शेयरों की कीमत गिरकर करीब आधी रह गई है.
3- अडानी ग्रुप ने खरीद लिया एनडीटीवी
इसी साल गौतम अडानी ने एक बड़ी मीडिया डील की है, जिसके तहत एनडीटीवी को खरीद लिया है. नई दिल्ली टेलीविजन (NDTV) में पहले तो अडानी ग्रुप ने 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. उसके बाद अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए देश के सबसे अमीर और अरबपति कारोबारी गौतम अडानी का 13 दिनों का ओपन ऑफर 5 दिसंबर को बंद हो गया है. अब गौतम अडानी एनडीटीवी में सबसे बड़े शेयरधारक बन गए हैं.
यह डील अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) के तहत हुई, जो गौतम अडानी की कंपनी है और एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड (AMNL) इसी की मीडिया कंपनी है. इस साल अगस्त में अडानी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी कंपनी अडानी मीडिया नेटवर्क्स ने वीपीसीएल का अधिग्रहण कर लिया. वीपीसीएल का मालिकाना हक इससे पहले एमिनेंट नेटवर्क्स एंड नेक्स्टवेव टेलिवेंचर्स के पास था. वीपीसीएल के पास एनडीटीवी की होल्डिंग कंपनी आरआरपीआर के कन्वर्टिबल डिबेंचर्स थे, जिसे कंपनी ने लोन के बदले जारी किया था.
कन्वर्टिबल डिबेंचर्स ऐसे वॉरंट होते हैं, जिनसे डेट यानी कर्ज को इक्विटी में बदला जा सकता है. ये डिबेंचर्स 2009-10 में 404 करोड़ रुपये के लोन के बदले लिए गए थे. वीपीसीएल ने इन डिबेंचर्स को ही इक्विटी में बदल दिया. इसका मतलब है कि कर्ज न चुका पाने की स्थिति में एनडीटीवी के संस्थापकों ने कंपनी को मीडिया समूह में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की इजाजत दी थी. वीपीसीएल ने आरआरपीआर में 99.50 फीसदी हिस्सेदारी को कंट्रोल करने के अधिकार का इस्तेमाल किया है.
4- अडानी ग्रुप ने खरीद लिया अंबुजा सीमेंट और एसीसी को
अडानी ग्रुप ने 10.5 अरब डॉलर (करीब 81,361 करोड़ रुपये) में स्विट्ज़रलैंड के होल्सिम ग्रुप (Holcim Group) के भारत के सीमेंट कारोबार को खरीद लिया है. अडानी ग्रुप ने अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड (Ambuja Cements Ltd.) और उसकी सहायक एसीसी सीमेंट (ACC Cement) की 63.19 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है. अंबुजा और एसीसी की सालाना कम से कम 70 मिलियन टन सीमेंट प्रोडक्शन की क्षमता है, जो 120 मिलियन टन क्षमता वाली अल्ट्राटेक सीमेंट (Ultratech Cement) के बाद दूसरे स्थान पर है.
5- PVR और INOX का हुआ मर्जर
देश की दो सबसे बड़ी मल्टिप्लेक्स चेन पीवीआर और आईनॉक्स का इसी साल मर्जर हुआ है. इसी के साथ यह देश में सबसे बड़ी मल्टीप्लेक्स चेन भी बन गई है. इस मर्जर के बाद कंपनी के पास 1,500 से भी ज्यादा स्क्रीन हो गई हैं. बता दें कि इतनी ज्यादा स्क्रीन्स भारत में किसी भी कंपनी के पास नहीं है. दोनों कंपनियों के मर्ज होने के बाद उनका नाम 'PVR INOX Limited' रख दिया गया है. हालांगि, दोनों कंपनियां व्यक्तिगत रूप से पीवीआर और आईनॉक्स के नाम से ही जानी जाएंगी. नई कंपनी में आईनॉक्स के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 16.66 फीसदी की है. वहीं पीवीआर की 10.62 फीसदी की हिस्सेदारी है.