आप, मैं और जेफ बेजोस: कमियां जो हमें परिभाषित करती हैं
इस बात को स्वीकार करना होगा कि बीता हफ्ता एमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस से जुड़ी खबरों को पढ़ते बीता। जाहिर सी बात है जेफ बेजोस नहीं चाहते होंगे कि उन पर ऐसी खबरें बनें और उनका जन्मदिन ऐसे बीते।
हमने 'सेक्स टेक्स्ट्स' के बारे में अच्छे से सुन रखा है। इन सबके बीच हमें लॉरेन सैनचेज के बारे में भी बता चला। मीडिया में जेफ बेजोस के अरबों खरबों की संपत्ति के बारे में बताया गया कि कैसे उनकी 137 अरब डॉलर की संपत्ति विभाजित हो जाएगी। क्या वे दुनिया के सबसे अमीर शख्स का खिताब बरकरार रख पाएंगे या नहीं और भी इसी तरह की बातें।
मीडिया ने जेफ बेजोस और उनसे जुड़ी तमाम बातें हमारे सामने रखीं। हमारी दिलचस्पी भी इसके बारे में और अधिक जानने की रही। लेकिन आखिर कौन होगा जो दुनिया के अमीर और ताकतवर इंसान की जिंदगी से जुड़ी कहानी के बारे में जानना नहीं चाहेगा? हम सब चाहते हैं।
फिर भी इन सब खबरों को पढ़ते, उनके बारे में बात करते और चीजों को समझते हुए एक चीज जो एकदम साफ नजर आती है वो ये है कि हम सब एक चीज से जुड़े हुए हैं- हमारी कमियां। स्टीफन हॉकिंग ने एक बात कही थी, 'इस ब्रह्मांड का एक बुनियादी नियम है कि कुछ भी संपूर्ण नहीं है। संपूर्णता असल में होती ही नहीं है। बिना अधूरेपन के न तो आपका अस्तित्व है और न ही मेरा।' स्टीफन की ये बात बिलकुल सच भी है। परफेक्शन सिर्फ और सिर्फ इंस्टाग्राम और फेसबुक पर फिल्टर के साथ अपलोड की जाने वाली तस्वीरों में दिख सकता है। या फिर अगर हम कहें तो जेफ द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए उनके तलाक से जुड़े प्रेसनोट में।
मेरे लिए यह भी एकदम स्पष्ट है कि किसी भी व्यक्ति या घटना को समझने के लिए एक नैरेटिव हो ही नहीं सकता। कहानी के पीछे भी कहानी होती है जो कई परतों में होती है जो कि वक्त के साथ ही समझी जा सकती है। अभी जनवरी चल रहा है जिसका मतलब मीडिया के पास बेजोस से जुड़ी कई स्टोरीज होंगी, हर एक बयान के कई मतलब निकाले जाएंगे और कई पहलुओं से उनकी पड़ताल की जाएगी और उन पर बातें भी होंगी, लेकिन जब असली कहानी सामने आएगी तो क्या इन सब बातों का कोई मतलब रह जाएगा?
अब इस पूरे साल जेफ से जुड़ी जो भी खबर सामने आएगी उसमें बेजोस की जिंदगी से जुड़े इस घटनाक्रम को जरूर शामिल किया जाएगा और लोग उनका आकलन उनके जिंदगी के इस पहलू से करेंगे। ऐसी स्टोरी पढ़ते वक्त दरअसल हम भूल जाते हैं कि हमारे आदर्श भी एक इंसान हैं बिलकुल हमारी तरह जिनमें कई तरह के ऐब हो सकते हैं और अधूरे भी और यही असली स्टोरी है। यह पूरी दुनिया ही अपूर्ण है और कोई भी इंसान पूरा नहीं है। इसलिए यही नई स्टोरी है और असली स्टोरी है।
यह भी पढ़ें: दो साल पहले हुआ था हार्ट ट्रांसप्लांट अब मैराथन में ले रहे हैं हिस्सा