ड्रोन की मदद से दूरदराज इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का काम कर रहा है यह स्टार्टअप
वर्ष 2015 में हुई थी ड्रोन स्टार्टअप TeachEagle की शुरुआत। दूरदराज के दुर्गम क्षेत्रों में मेडिकल सप्लाई को पूरा करने के लिए कई राज्य सरकारों के साथ साझेदारी भी की है।
ड्रोन डिलीवरी स्टार्टअप TeachEagle के संस्थापक विक्रम सिंह मीणा राजस्थान में टोंक जिले के किशनगंज नाम की एक छोटे से कटे हुए गांव में पले-बडे हैं।
बदहाल रास्तों वाले इस गांव में पले-बढ़े विक्रम ने अपने परिवार और गांव वालों अक्सर चिकित्सा सुविधाओं के कारण तड़पते देखा था। एक घटना में अपनों को खोने के बाद विक्रम ने यह ठान लिया कि एक दिन इस समस्या का हल वह जरूर करेंगे और करके दिखाया भी।
विक्रम ने समस्या से निपटने के लिए साल 2015 में गुरुग्राम से
नाम की कंपनी शुरू की। यह स्टार्टअप लंबी दूरी, तेज स्पीड व भारी-भरकम समान की डिलीवरी करने वाला ड्रोन बनाता है।प्रारंभ में कंपनी ने हिमांचल प्रदेश सरकार के साथ मिलकर ऑन-डिमांड डिलीवरी ड्रोन की मदद से कुल्लू जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs) में दवाओं और टीकों को पहुंचाने वाले कॉन्सेप्ट पर काम किया। इसमें स्टार्टअप को हिमाचल सरकार का पूरा साथ मिला।
विक्रम कहते हैं, “हवाई मार्ग ऑन-रोड परिवहन की सीमाओं को पछाड़ते जा रहे हैं। हमारे मेड-इन-इंडिया हाइब्रिड ई-वीटीओएल ड्रोन के साथ, हमने हिमाचल के तीर्थन घाटी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से उप-केंद्र तक दवाएं पहुंचाईं, जिसमें ड्रोन 9 मिनट से भी कम समय में 15 किमी की हवाई दूरी तय करता है। सड़क परिवहन में एक घंटे से अधिक समय लगता है।"
उन्होंने आगे कहा कि हम सप्लाई चैन को बेहतर बनाने में एक अविश्वसनीय योगदान देने के लिए टेक्नोलॉजी का निर्माण कर रहे हैं। ड्रोन तकनीक की प्रयोग से आधुनिक स्वास्थ्य सेवा की समस्याओं का समाधान हो रहा है, जिसमें दूर-दराज के क्षेत्रों में COVID-19 वैक्सीन वितरण की बाधाओं को भी दूर करना शामिल है।
यह प्रोजेक्ट TechEagle के तहत मेड इन इंडिया Hybrid e-VTOL Drone के द्वारा किया गया था, जिसे वर्टिकल Take-off और Landing व्हीकल के नाम से भी जाना जाता है। यह एक मॉडर्न हेलीकॉप्टर की तरह सीधा उड़ान भरता है और अधिक गति के साथ बड़ी दूरी की यात्रा के लिए स्वचालित रूप से फिक्स्ड-विंग यानी (यात्री विमान) मोड में परिवर्तित हो जाता है। यह डिलीवरी स्थान पर पहुंचते ही 5 मीटर के बहुत छोटे से क्षेत्र में उतरने के लिए खुद को वापस हेलीकॉप्टर मोड में परिवर्तित कर लेता है। इसका फायदा यह है कि इसे अधिकांश भौगोलिक क्षेत्रों और इलाकों में आसानी से संचालित किया जा सकता है।
एडवेंचर्स से रहा है पुराना नाता
विक्रम कहते हैं, “जब मैं 2012 में आईआईटी-कानपुर आया, तो मुझे पहले शौक के तौर पर एविएशन से रूबरू कराया गया। इस यात्रा की शुरुआत में, मैंने ड्रोन विकसित किए और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया। आईआईटी-कानपुर ने मुझे रिसर्च एण्ड डेवेलपमेंट के साथ ही ड्रोन निर्माण के परिचालन पहलुओं की अच्छी समझ दी। मैंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते।"
2015 में, विक्रम को एक समस्या हुई। उन्हें अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए कागजी कार्रवाई के लिए कानपुर और लखनऊ के बीच 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी।
इस समय के दौरान, हम IIT-कानपुर की निजी हवाई पट्टी पर लंबी दूरी के विमान विकसित कर रहे थे। एक दिन अपने दोस्तों के साथ बैठकर हमने सोचा कि क्यों न पूरे रास्ते घूमने के बजाय पैकेज को सीधे लखनऊ भेज दिया जाए। इस घटना ने मुझे एक बार फिर मेरे बचपन में वापस भेज दिया और मैंने गहराई से सोचा और महसूस किया कि हेल्थ सर्विस के अलावा भी लॉजिस्टिक्स कितनी बड़ी समस्या हो सकती है।
विक्रम कहते हैं, "यह सब तब हुआ जब मैंने सोचा कि अब मुझे शुरुआत करनी चाहिए क्योंकि हमारे पास हल करने के लिए एक बड़ी समस्या है, हमारे पास समाधान है और हमारे पास क्षमता भी है।"
अभी तक काम जारी है
2015 में जब TeachEagle नाम के गुरुग्राम स्थित ड्रोन आधारित AI स्टार्टअप की शुरुआत हुई थी उस समय विक्रम अपनी पढ़ाई ही कर रहे थे। यह स्टार्टअप अंतिम-मील और मध्य-मील डिलीवरी के लिए ड्रोन लॉजिस्टिक्स एयरलाइन को सक्षम करने के लिए एंड-टू-एंड टेक्नोलॉजी का निर्माण करके समस्याओं का समाधान करता है।
तीसरे वर्ष के छात्र, विक्रम ने अपने शुरुआती दिनों में परिवार और दोस्तों से उधार लेकर कंपनी की शुरुआत की। उन्होंने इंटर्न सहित 5 लोगों की टीम के साथ कंपनी की शुरु की थी।
विक्रम कहते हैं, "हम जोशीले इंजीनियर थे। जिनका ड्रोन पर अधिक से अधिक रिसर्च करना शौक था। हम एक ड्रोन लॉजिस्टिक्स एयरलाइंस तैयार करना चाहते थे।"
स्टार्टअप के पास वर्तमान में गुरुग्राम में 15 से अधिक सदस्यों की टीम है। इसके अलावा कंपनी के पास 5000 वर्ग फुट की विनिर्माण सुविधा है और यह लगातार नए सदस्यों को जोड़ने की होड़ में है। कंपनी की रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम में भी 12 सदस्य हैं। विक्रम कहते हैं कि नए इंजीनियर की भर्ती करते समय उन्हें ऐसे इंजीनियरों की तलाश रहती है जो विमानन, ड्रोन और लॉजिस्टिक्स को बदलने के उनके जुनून से मेल खा सकें।
TechEagle को भारत सरकार (नागरिक उड्डयन मंत्रालय) और नियामक निकाय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से भारत के विभिन्न हिस्सों में पैकेज डिलीवरी BVLOS (बियॉन्ड विज़ुअल लाइन ऑफ़ साइट) उड़ानों के संचालन के लिए अनुमोदन प्राप्त हुआ है।
वर्ष 2018 में, TechEagle ने लखनऊ में ड्रोन द्वारा 10 किमी तक चाय पहुंचाने के लिए स्थानीय ऑनलाइन भोजन और मीट डिलीवरी स्टार्टअप ऑनलाइन kaKa के साथ भागीदारी की थी।
विक्रम बताते हैं, "हालांकि इसने हमें सुर्खियों में ला दिया और हमने बाजार में अच्छा प्रदर्शन किया।"
साथ ही विक्रम कहते हैं,“सरकारों का ध्यान भी हमारी ओर दिखाई दे रहे था। हालांकि, तब उनका मानना था कि यह पिज्जा डिलीवरी जैसी चीजों के लिए नहीं थी। वे हमें स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों की जिम्मेदारी देने के तैयार थे। इसके लिए कई सरकारों ने केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया था कि उन्हें ऐसी सेवाओं की आवश्यकता है जो दुर्गम क्षेत्रों में आसानी से पहुंच सके।”
इसके बाद 2018 और 2020 के बीच, ड्रोन स्टार्टअप ने अपने डिजाइन पर काम करना शुरू किया और इस आईडिया से काम की शुरुआत हुई। जून 2021 में स्टार्टअप को ड्रोन का उपयोग करके तेलंगाना राज्य में टीकों और दवाओं की आपूर्ति करने के लिए आधिकारिक मंजूरी मिली। यह शुरुआत नीति आयोग, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम और तेलंगाना सरकार के सहयोग से की गई थी, जहां सरकार ने 16 ग्रीन ज़ोन में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर ड्रोन का उपयोग करके दवाओं और टीकों की डिलीवरी की अनुमति दी थी।
सुरक्षा
इन ड्रोनों का निर्माण करते समय जो सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है, वह है सुरक्षा। इसे हासिल करने के लिए कंपनी ने सटीक नेविगेशन के साथ ड्रोन बनाए हैं, जो मानव और मानव रहित विमान का पता लगाते हैं और उससे बचते हैं। विक्रम बताते हैं, कि इस प्रक्रिया में निरर्थक संचार, वास्तविक समय की निगरानी और अंतिम विफलता के लिए स्वायत्त पैराशूट भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा आपूर्ति और टीकों से निपटने के दौरान वास्तविक समय की निगरानी सबसे अधिक जरूरी विशेषता है। नवंबर 2021 में, TechEagle ने मेघालय सरकार और स्मार्ट विलेज मूवमेंट (SVM) के साथ मिलकर जीवन रक्षक दवाओं की हाइब्रिड e-VTOL ड्रोन डिलीवरी की। सहयोग का उद्देश्य देश के दूरदराज के हिस्सों में आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति श्रृंखला को बदलना था।
मेघालय में, स्टार्टअप ने e-VTOL , Aquila X2 को 25 मिनट से भी कम समय में 25 किमी की दूरी तक सफलतापूर्वक चिकित्सा सेवा अनिवार्य रूप से वितरित करने के लिए लॉन्च किया।
विक्रम के अनुसार, TechEagle अपने ड्रोन डिजाइनों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार हासिल करके अपनी प्रतिस्पर्धा में बढ़त बनाए रखता है। उनका दावा है कि स्टार्टअप ने ऐसे ड्रोन भी विकसित किए हैं, जो 120 किमी प्रति घंटे व 100 किमी की गति से यात्रा कर सकते हैं और -15 डिग्री सेल्सियस से 60 डिग्री के बीच कार्य कर सकते हैं ।
बदलाव और भविष्य का प्लान
इस स्टार्टअप की प्रमुख परियोजनाएं स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से हैं। यह E-commerce, हाइपरलोकल डिलीवरी और रक्षा में उपयोग के मामलों को शामिल करने के लिए बदलाव लाने की तलाश में है। TechEagle ने हाल ही में इथियोपिया स्थित ईकॉमर्स और लॉजिस्टिक्स कंपनी Addis Mercato के साथ साझेदारी की है, ताकि इथियोपिया में स्वास्थ्य संबंधी वस्तुओं और आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी के लिए एक अभिनव ऑन-डिमांड ड्रोन लॉजिस्टिक्स नेटवर्क लॉन्च किया जा सके।
स्टार्टअप ने JCC क्षेत्र में काम करने के लिए केन्या स्थित एस्ट्रल एविएशन के साथ भी साझेदारी की है।
विक्रम कहते हैं, “2021 तक हमें सीमित संचालन की अनुमति थी, जो अधिकतर कम आबादी वाले क्षेत्रों में थी। इसलिए हमने अपने संचालन के लिए प्राथमिक उपयोग के मामले के रूप में स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित किया। लेकिन अब हम सक्रिय रूप से ई-कॉमर्स, हाइपरलोकल और मैरीटाइम पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।"
स्टार्टअप ने दवाओं की डिलीवरी और रिवर्स लॉजिस्टिक्स के लिए नई दिल्ली स्थित फ्रेट फारवर्डर जीना लॉजिस्टिक्स के साथ भी साझेदारी की है ।
विक्रम कहते हैं, “रिवर्स लॉजिस्टिक्स स्पेस में हम नमूने एकत्र करेंगे और उन्हें केंद्रीय सुविधा में वापस लाएंगे जहां इसका निदान किया जाएगा। आज, एक दूरस्थ स्थान से नमूना संग्रह के बाद का टर्नअराउंड समय लगभग 72 घंटे है। हमारे ड्रोन इस समय अवधि को 7-8 घंटे तक लाने में मदद करेंगे।"
यह इस बात का सिर्फ एक हिस्सा है कि हम देश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को कैसे बदलने की योजना बना रहे हैं। कंपनी ने ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारतीय सेना के साथ डिलीवरी ट्रायल भी चलाया है और वर्तमान में उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप उन्नत समाधान तैयार कर रही है।
विक्रम कहते हैं, "एक और बाजार जिसमें हम प्रवेश करने की उम्मीद कर रहे हैं, वह समुद्री क्षेत्र है क्योंकि यह तकनीकी रूप से कम सुविधा वाला क्षेत्र है।"
सितंबर 2021 में, TechEagle ने विनर्स ग्रुप, सिटिक्स लॉजिस्टिक्स और मार्की एंजेल निवेशकों की भागीदारी के साथ इंडिया एक्सेलेरेटर के नेतृत्व में सीड फंडिंग में $500,000 जुटाए । अंशु अभिषेक 2017 में एक निदेशक के रूप में कंपनी में शामिल हुए और उन्हें 2020 में सीओओ और सह-संस्थापक के रूप में पदोन्नत किया गया।
फंडिंग के समय, इंडिया एक्सेलेरेटर के सह-संस्थापक मोना सिंह ने कहा, "TeachEagle में तेजी लाने और निवेश करने का हमारा निर्णय कंपनियों को वैश्विक उपस्थिति बनाने में मदद करने की दिशा में आगे बढ़ता है। 2022 वह वर्ष होगा जिसमें हॉकी-स्टिक अप-कर्व होगा। भारत में बड़े पैमाने पर ड्रोन का उपयोग ड्रोन नियम 2021 की मजबूत नींव पर होगा।"
Edited by Ranjana Tripathi