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अफ्रीका के अनुभव से भारत में छोटे बैंकों को डिजिटाइज कर रहा है बैंकिंग टेक स्टार्टअप Techurate

बैंकिंग टेक्नोलॉजी स्टार्टअप Techurate का लक्ष्य वित्तीय समावेशन को सक्षम करने वाले बजट-फ्रेंडली समाधानों के माध्यम से छोटे आकार के बैंकों को डिजिटाइज करना है।

अफ्रीका के अनुभव से भारत में छोटे बैंकों को डिजिटाइज कर रहा है बैंकिंग टेक स्टार्टअप Techurate

Friday March 04, 2022 , 5 min Read

पिछले छह वर्षों से, Techurateअफ्रीका में वित्तीय संस्थानों के साथ काम कर रहा है ताकि उन्हें डिजिटल बैंकिंग बुनियादी ढांचा प्रदान किया जा सके। बेंगलुरु मुख्यालय वाले डिजिटल बैंकिंग टेक्नोलॉजी स्टार्टअप की स्थापना 2015 में हर्षवर्धन पुसाला द्वारा अफ्रीकी बाजार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ की गई थी, जहां यह वित्तीय समावेशन को सक्षम करने के बड़े लक्ष्य के साथ समाधानों की एक रेंज ऑफर करता है।

अफ्रीका में अनुभव ने टेक स्टार्टअप को भारतीय बाजार में एक समान भूमिका निभाने का विश्वास दिलाया है, जिसमें संगठित अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने की प्रतीक्षा में बैंक रहित आबादी का काफी अनुपात है।

Techurate अब सहकारी बैंकों और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (MFIs) जैसे वित्तीय संस्थानों तक पहुंचना चाहता है ताकि उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा सके। Techurate के सीईओ और प्रबंध निदेशक हर्षवर्धन ने YourStory को बताया कि वित्तीय संस्थानों की इस श्रेणी में आम तौर पर ग्राहकों या भौगोलिक पहुंच के मामले में संचालन का एक सीमित दायरा होता है, और हो सकता है कि इस तरह के तकनीकी परिवर्तन को लेने के लिए बजट न हो।

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वे कहते हैं, "यह एक बिना टेस्ट किया गया बाजार है और कोई भी इसमें घुसना नहीं चाहता है, लेकिन हमें विश्वास है कि Techurate इस प्रकार के वित्तीय संस्थानों को सही समाधान प्रदान करने में सक्षम होगा।"

रिपोर्टों के अनुसार, भारत में लगभग 190 मिलियन वयस्कों के पास अभी भी बैंक खाता नहीं है। परंपरागत रूप से, बैंक रहित लोगों को सहकारी बैंकों और एमएफआई जैसे संस्थानों द्वारा बड़े पैमाने पर बैंकिंग के अंदर लाया गया है।

Techurate के सीओओ सेंथिल कुमार कहते हैं, "इन वित्तीय संस्थानों की बड़ी डिजिटल आकांक्षाएं हैं, लेकिन यह नहीं पता कि वहां कैसे पहुंचा जाए।"

उन्हें बजट की कमी, पुरानी तकनीक और एक विश्वसनीय टेक्नोलॉजी पार्टनर खोजने में कठिनाई से लेकर विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हर्षवर्धन ने यह भी बताया कि जब तकनीकी अपग्रेड करने की दिशा में बैंकों द्वारा पूंजीगत व्यय की बात आती है, तो बजट का लगभग 50 प्रतिशत सिर्फ तैयारी में चला जाता है।

हर्षवर्धन कहते हैं, "हमारे पास ऐसे वित्तीय संस्थानों के साथ बातचीत करने का अनुभव है और उनके साथ दीर्घकालिक संबंध हो सकते हैं।"

अफ्रीका से सीख

Techurate की कोर टीम ने लगभग दो दशकों तक बैंकिंग टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स के रूप में अनुभव प्राप्त किया और अफ्रीकी बाजार के साथ एक मजबूत संबंध बनाया था। इसलिए, उन्होंने पहले उसी क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया।

Techurate डिजिटल बैंकिंग समाधानों की एक रेज ऑफर करता है जिसका ग्राहकों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। जब केवल एक तस्वीर का इस्तेमाल कर बैंक खाता खोलने की बात आती या फिर जल्दी से किसी लोन को देने की बात आती है तो इसके समाधान काफी कारगर साबित होते हैं।

हर्षवर्धन कहते हैं, "अगर कोई वास्तव में बिना बैंक वाली आबादी तक पहुंचना चाहता है, तो उन्हें ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया को सरल बनाना होगा, जिसके लिए हमारे पास एआई-आधारित समाधान है।"

आज, Techurate के टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म में लगभग 12 मॉड्यूल हैं जो वेब और मोबाइल-आधारित बैंकिंग समाधान दोनों प्रदान करते हैं।

भारत का मॉडल बनाना

अफ्रीका में उन्होंने जो किया, उसी तर्ज पर, Techurate एक पूर्ण डिजिटल मॉडल लाने के लिए भारतीय बाजार में अपनी सीख को दोहराना चाहता है। इस मॉडल के तहत, जब एक संभावित ग्राहक ऑनबोर्ड होता है, तो बैंक एक त्वरित ऋण भी प्रदान करता है, लेकिन इस ऋण को वित्तीय संस्थान के मर्चेंट नेटवर्क के भीतर ही खर्च करना पड़ता है।

Techurate के CEO का मानना है कि इस तरह का मॉडल सभी के लिए फायदे का सौदा बनाता है - बैंक, ग्राहक और व्यापारी। बैंक प्रतिस्पर्धी दरों पर उधार दे सकते हैं। बैंक इन ऋणों को शून्य ब्याज दरों पर भी दे सकते हैं और व्यापारियों से कमीशन के माध्यम से अपना राजस्व अर्जित कर सकते हैं।

हर्षवर्धन कहते हैं, "यदि यह अच्छी तरह से किया जाता है, तो यह संभवतः सबसे बड़ी परिवर्तनकारी शक्ति हो सकती है।"

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Techurate ने अपने डिजिटल परिवर्तन को लाने के लिए पहले ही 50 वर्षीय वित्तीय संस्थान, नागपुर नागरिक सहकारी बैंक के साथ भागीदारी की है। इसके अलावा, यह समान प्रोफाइल के अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ बातचीत कर रहा है।

हर्षवर्धन कहते हैं, "हम कोर और डिजिटल बैंकिंग के पूरे स्पेक्ट्रम को किफायती कीमतों पर लाने का लक्ष्य रखेंगे।"

IBEF की एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 नवंबर, 2021 तक सरकार के प्रमुख वित्तीय समावेशन अभियान - प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों की संख्या 43.81 करोड़ तक पहुंच गई, जो मार्च 2015 की तुलना में तीन गुना वृद्धि थी।

इस स्टार्टअप का व्यवसाय मॉडल इसे अपने ग्राहकों के साथ लाइसेंसिंग या सब्सक्रिप्शन-बेस्ड एग्रीमेंट में शामिल होने की अनुमति देता है। भारत में Techurate के सामने सबसे बड़ी चुनौती छोटे वित्तीय संस्थानों का विश्वास अर्जित करने की क्षमता और लागत प्रभावी समाधान प्रदान करने की क्षमता है। यह माहौल अफ्रीकी बाजार जैसा है।

Techurate एक बूटस्ट्रैप्ड वेंचर है जिसमें प्रमोटर शुरुआती फंडिंग लाते हैं। सीईओ का कहना है कि कंपनी हमेशा लाभदायक रही है और प्रोडक्ट डेवलपमेंट के पहले वर्ष से मुनाफा कमाया है।

वर्तमान में, Techurate के 15 देशों में लगभग 24 ग्राहक हैं - बड़े पैमाने पर अफ्रीका में, कुछ लैटिन अमेरिका और मध्य पूर्व में भी। Infosys, Wipro, TCS, Temenos, Fiserv, Zeta आदि जैसे दिग्गजों के साथ बैंकिंग प्रौद्योगिकी बाजार काफी भीड़भाड़ वाला स्थान है।

स्टार्टअप का मानना है कि यह भारतीय बाजार में प्रवेश के साथ तेजी से विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। यह राजस्व के मामले में 50 प्रतिशत से अधिक वार्षिक वृद्धि दर्ज कर रहा है और लाभदायक बना हुआ है। संकेत हैं कि Techurate के अगले वित्त वर्ष में राजस्व के मामले में तीन अंकों की संख्या को पार करने की संभावना है।

हर्षवर्धन ने कहा, "अफ्रीका में हमारी सीख हमें भारत के बाजार में गहराई तक पहुंचने में मदद करेगी।"


Edited by रविकांत पारीक