हमीरपुर के इस किसान ने एक एकड़ जमीन में कर दिया 65 क्विंटल हल्दी का उत्पादन
यूपी के हमीरपुर जिले में रहने वाले 64 वर्षीय किसान कौशल किशोर ने पारंपरिक फसलों को छोड़कर अपने प्रयोग करने के शौक के कारण महज एक एकड़ जमीन में 65 क्विंटल हल्दी की पैदावार करके सबको सकते में डाल दिया।
कहते हैं, ‘उम्र को यदि हराना है तो शौक जिंदा रखिए, घुटने चलें या चलें मन परिंदा रखिए।’ कुछ ऐसा ही कर दिखाया यूपी के हमीरपुर जिले में रहने वाले 64 वर्षीय किसान कौशल किशोर ने। उन्होंने पारंपरिक फसलों को छोड़कर अपने प्रयोग करने के शौक के कारण महज एक एकड़ जमीन में 65 किलो हल्दी की पैदावार करके सबको सकते में डाल दिया।
वैसे तो उत्तर प्रदेश भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर में गन्ना उत्पादन के लिए सबसे अधिक मशहूर हैं। यह बड़ी तादाद में स्थित चीनी मिलों के साथ-साथ तरह-तरह के चावल की खेती के लिए भी काफी चर्चित है। लेकिन अब यहाँ के किसानों ने खेती के साथ नए-नए प्रयोग करने भी शुरू कर दिए हैं जिससे उन्हें फसल की पैदावार बढ़ने के साथ ही आर्थिक लाभ भी हो रहा है।
शुरू से थी बागवानी में रुचि
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के राठ विकासखंड अंतगर्त पड़ने वाले औड़ेरा गांव की रहने वाले कौशल किशोर ने अपने आपमें एक नया कीर्तिमान रच दिया है। उनके इस अभिनव प्रयोग को देखकर इलाके के अन्य किसानों ने भी हल्दी की फसल उगानी शुरू कर दी है। कौशल किशोर लंबे समय से खेती-किसानी से जुड़े हुए हैं। लेकिन उन्हें बागवानी का शौक हमेशा से रहा है।
कहां से मिली थी प्रेरणा
साल 2016 के करीब कौशल किशोर अपने किसी व्यक्तिगत काम के चलते उद्यान विभाग गए हुए थे। जहां उन्हें एक प्रोग्राम के तहत 20 किलो हल्दी का बीज मिला था। इसके साथ ही वहां पर मौजूद किसानों को इसकी खेती करने के लिए बेसिक ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराई गई थी जो बाद में कौशल किशोर के लिए काफी लाभदायक साबित हुई। यही से उनके मन में हल्दी की खेती करने की इच्छा जागी और उन्होंने अगली फसल में पारंपरिक फसलों का उत्पादन करके हल्दी की फसल बोई और फसल तैयार करने लगे।
एक साक्षात्कार में उन्होंने ने बताया कि, “इस फसल की पैदावार अन्य फसलों की अपेक्षाकृत काफी कम है। दो निराई व तीन हल्के पानी में फसल तैयार हो गई।”
इस फसल में प्राकृतिक आपदाओं से नहीं होता नुकसान
अक्सर खेती को सबसे बड़ा नुकसान प्राकृतिक आपदाओं से होता है। इसका दंश फसलों से लेकर किसानों तक सभी को झेलना पड़ता है। कभी भारी बारिश तो कभी मांग के विपरीत हवाओं का चलना। कभी तेज धूप तो कभी बाढ़ के बाहाव की चपेट में आकार फसलों का बर्बाद हो जाना इस काम में आम बात है। जिसके कारण इस किसान ने अन्य फसलों को छोड़ते हुए केवल हल्दी की खेती करने का मन बनाया और आज अपनी सच्ची मेहनत व लग्न के कारण नई मंजिल हासिल कर डाली। हल्दी की फसल गेहूं, चावल या किसी अन्य फसलों के मुकाबले जल्दी नष्ट नहीं होती है।
तकनीक के सही इस्तेमाल से कितनी हुई पैदावार
कौशल किशोर खेती करने में तो पारंगत थे ही। उन्हें जरूरत थी सही मार्गदर्शन और जानकारी की। जो उस कुछ समय के लिए मिले प्रशिक्षण से पूरी हो गई। उन्होंने नई-नई तकनीकों के प्रयोग से नई फसलों को उगाना शुरू दिया। यही नहीं इस किसान ने मात्र एक एकड़ जमीन में 65 क्विंटल हल्दी का उत्पादन कर दिखाया है।
Edited by Ranjana Tripathi