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जानिए विश्वभर में इडली मैन नाम से मशहूर इस शख्स की कहानी, भारत ही नहीं विदेशों में भी हैं इनके रेस्त्रां

मूलरूप से तमिलनाडू राज्य के कोयम्बटूर में जन्मे व पले-बढ़े एनियावन की जिंदगी के किस्से काफी रोचक हैं। उन्होंने ऑटो रिक्शा चलाने से लेकर रेलवे प्लेटफार्मों में चाय पिलाने तक का काम किया है।

जानिए विश्वभर में इडली मैन नाम से मशहूर इस शख्स की कहानी, भारत ही नहीं विदेशों में भी हैं इनके रेस्त्रां

Friday April 01, 2022 , 3 min Read

वैसे तो हर शहर, हर जिले, हर प्रदेश की अपनी एक खास पहचान होती है। फिर वो कोई खास स्वादिष्ट भोजन हो या फिर कोई चीज-सामान। लेकिन आज हम आपको जिस डिश के बारे में बताने जा रहे हैं उस लिए विश्वभर में एक दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। जी हां, बीते 30 मार्च को विश्व इडली डे मनाया गया है। यह दिवस इडली मैन एनियावन के जन्मदिन के शुभ अवसर पर मनाया जाता है।   

Idli Man

आईए जानते हैं कौन हैं एनियावन

मूलरूप से तमिलनाडू राज्य के कोयम्बटूर में जन्मे व पले-बढ़े एनियावन की जिंदगी के किस्से काफी रोचक हैं। उन्होंने अपने करियर में ऑटो रिक्शा चलाने से लेकर रेलवे प्लेटफार्मों में चाय पिलाने तक का काम किया है। वह बचपन से ही काफी मिलनसार, हंसमुख स्वभाव के रहे हैं। उनके सरल स्वभाव के कारण ही लोग पहली मुलाकात में ही प्रभावित हो जाते थे।

एक महिला ने बदल दी जिंदगी

दुनियाभर में इडली मैन के नाम से मशहूर एनियावन की जिंदगी में टर्निंग प्वाइंट तब आया जब रेलवे पटरियों के किनारे चाय बेचते हुए उनकी मुलाकात एक चंद्रा नाम के महिला से हुई। चंद्रा स्वयं इडली बेचने का काम करती थी जिनके साथ मिलकर एनियावान ने इडली बनाने का काम सीखा और यहीं से उनकी जिंदगी एक नया मोड ले लिया।   

दो इडली मेकिंग बॉक्स से की थी काम की शुरुआत

एनियावान ने इडली की रेसीपी सीखने के बाद उसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के मन बनाया। उन्होंने इस काम की शुरुआत चेन्नई से की, जहां वह दो इडली मेकिंग बॉक्स लेकर पहुंचे थे। पूरे दिन कड़ी मेहनत करके इडली बनाते और उसे अलग-अलग होटलों तक अकेले ही पहुंचाते थे। उन्होंने इस काम की शुरुआत साल 1997 में की थी। इस दौरान उन्हें काफी कड़ी हालातों का सामना भी करना पड़ा। कई बार तो उन्हें प्लेटफार्म में कई-कई रातें गुजारनी पड़ी थीं।

बिना पीछे मुड़े, बढ़ते रहे आगे

एनियावान ने तरह-तरह की मुसीबते झेलने के बाद भी कभी हार नहीं मानी। वह पूरी लगन के साथ अपने काम में लगे रहे। धीरे-धीरे उनका व्यवसाय चल गुजरा। उन्होंने चेन्नई में पहलीबार मशहूर ‘मल्‍लीपू इडली’ नाम से रेस्‍त्रां की शुरुआत की। आज यह रेस्‍त्रां न केवल भारत में प्रसिद्ध है बल्कि दुनिया के कई देशों में भी विख्यात हो चुका है। इस रेस्‍त्रां में करीब 2 हजार से अधिक तरह की इडली तैयार की जाती है जो इसे अन्य रेस्‍त्रां से अलग बनाता है।

Idli Man

250 से अधिक जीते पुरस्कार

वर्ष 2015 में एनियावान ने पहलीबार वह मुकाम हासिल किया जिसकी उन्होंने कभी खुद कल्पना नहीं की थी। इस साल 30 मार्च के तारीख को उन्होंने करीब 1328 तरह की इडली और करीब 44 किलो का केक तैयार किया। इसके बाद इस दिन को विश्व इडली दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

आपको बता दें कि अब तक उन्हें करीब 250 से भी अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं जिसमें इनोवेशन के लिए अवल विक्कटन यम्मी अवार्ड और लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड जैसे कई नामचीन अवॉर्ड शामिल हैं। यही नहीं इसके लिए उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ इंडिया अवार्ड भी मिल चुका है। आज भी हर साल 30 मार्च को एनियावन कई तरह की इडली बनाते हैं।


Edited by Ranjana Tripathi