जानें इन 5 स्टार्टअप्स के बारे में, जो हैदराबाद के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में जमा रहे अपना सिक्का
Thursday September 26, 2019,
5 min Read
हैदराबाद पूरी दुनिया में अपने बिरयानी के ज़ायके और चारमीनार की शिल्प कला और ख़ूबसूरती के लिए मशहूर और लोकप्रिय है। लेकिन अब इनके साथ-साथ अपने स्टार्टअप ईकोसिस्टम के लिए भी देश और विदेश में चर्चित है। हैदराबाद अब एक प्रमुख स्टार्टअप हब बनता जा रहा है और टीआईई दिल्ली-एनसीआर और ज़िनोव टर्बोचार्जिंग दिल्ली-एनसीआर स्टार्टअप ईकोसिस्टम की एक रिपोर्ट मुताबिक़, तेलंगाना प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में 1,940 स्टार्टअप्स हैं।
हैदराबाद में एक स्टार्टअप इनक्यूबेटर टी-हब है, जो तेलंगाना सरकार की एक मुहिम है। इस मुहिम के तहत हाल ही में टी-ऐंजल फ़ंडिंग प्रोग्राम लॉन्च किया गया है। यह राज्य सरकार का एक जॉइंट वेंचर है और इसका उद्देश्य है स्टार्टअप ईकोसिस्टम में शुरुआती स्तर के निवेश को बढ़ावा देना।
योरस्टोरी आपके लिए हैदराबाद के ऐसे 5 स्टार्टअप्स की कहानी लेकर आया है, जो इस ईकोसिस्टम में एक बड़ी पहचान गढ़ने की तरफ़ तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं।
जे रोबोटिक्स (Jay Robotix)
यह एक ग्लोबल एसटीईएम (साइंस, टेक्नॉलजी, इंजीनियरिंग ऐंड मैथमैटिक्स) एडटेक स्टार्टअप है, जो स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए रोबोटिक्स-तकनीक पर आधारित उत्पाद और सुविधाओं को डिज़ाइन और डिवेलप करता है।
जे रोबोटिक्स की शुरुआत मोहन कृष्ण और सुधीर रेड्डी ने अप्रैल, 2015 में की थी। यह एक बी टू बी स्टार्टअप है और हाल में इसका मुख्यालय सिंगापुर में है। स्टार्टअप ने स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए एक ख़ास तरह का प्रोग्राम डिज़ाइन किया है। स्टार्टअप ने हाल ही में बी टू बी टू सी मॉडल को अपनाया है और कंपनी बी टू सी मार्केट्स के लिए पैकेजेज़ की योजना बना रही है।
कंपनी ने 2015 में 250,000 डॉलर्स की ऐंजल फ़ंडिंग जुटाई थी और वर्तमान में स्टार्टअप 300 स्कूलों के 2 लाख विद्यार्थियों की ज़रूरतों को पूरा कर रहा है। मेट्रो शहरों के अलावा कंपनी देश के 20 टियर II और टियर III शहरों में भी अपने ऑपरेशन्स चला रही है। इसके अलावा जे रोबोटिक्स सिंगापुर, बहरीन, क़तर, मलेशिया और ओमान में भी ऑपरेट करता है।
ट्रू पुश (TruePush)
रवि वाका और मनोज सूर्या ने 2018 में ट्रू पुश की शुरुआत की थी। यह स्टार्टअप वेब और मोबाइल पर एंगेजमेंट बढ़ाने के लिए फ़्रीमियन पुश नोटिफ़िकेशन प्रोडक्ट ऑफ़र करता है, जो इस्तेमाल में बेहद सहज है।
स्टार्टअप का दावा है कि उनके पास अभी तक 1,100 साइनअप्स हैं और वे लगातार आगे बढ़ रहे हैं। ट्रू पुश 42 मिलियन डिवाइसों तक पहुंच चुका है और कंपनी ने 2020 तक 100 मिलियन डिवाइसों का लक्ष्य रखा है। इंडिया ग्लिट्ज़, रागा.कॉम, वे टू न्यूज़, योर कोट, नासा स्पेस ऐप्स और फस्टैनी.कॉम कंपनी की क्लाइंट लिस्ट में शामिल हैं।
ट्रू पुश फ़ाउंडर्स, मनोज सूर्या और रवि वाका की मुलाक़ात 2017 में स्टार्टअप लीडरशिप प्रोग्राम के हैदराबाद चैप्टर के दौरान हुई थी। ट्रू पुश, गवर्मेंट मेंटर प्रोग्राम के लिए तेलंगाना सरकार के साथ भी मिलकर काम कर चुका है। यह तेलंगाना सरकार का एक स्टार्टअप इनोवेशन इनिशिएटिव है। स्टार्टअप को टेक मार्केटिंग कंपनी वे टू ऑनलाइन का सहयोग और फ़ंडिंग प्राप्त है। फ़र्म के मुताबिक़, अभी तक स्टार्टअप ने सिर्फ़ अपनी टीम पर खर्च किया है और मार्केटिंग के ऊपर बिल्कुल भी खर्च नहीं किया गया है।
नीमैन्स (Neeman’s)
तरन छाबरा और अमर प्रीत सिंह ने मिलकर 2017 में नीमैन्स की शुरुआत की थी, जिसकी अवधारणा उन्होंने यूएस में तैयार की थी। यह स्टार्टअप एक ख़ास तरह की ऊन मेरिनो शीप वूल से पुरुषों के लिए जूते बनाता है। वूल की यह प्रजाति न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बेहद सर्द मौसम में पनप सकता है।
नीमैन्स वूल को डिज़ाइनिंग के लिए ऑस्ट्रेलिया से लंदन भेजा जाता है और इसके बाद इसे फ़ैब्रिक क्रिएशन के लिए दक्षिण कोरिया भेज दिया जाता है। अंत में, मेरिना वूल से बने जूतों को चीन में तैयार करवाया जाता है और इसके बाद वे भारत लाए जाते हैं।
लॉन्च से पहले की तैयारी में नीमैन्स को 22 महीनों का समय लगा। यह बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप है और कंपनी पिछले साल तक 1,200 यूनिट्स बेच चुकी है। कंपनी को अपेक्षा है कि जल्द ही एक महीने में 1 हज़ार यूनिट्स की सेल होगी।
ऑथब्लू (Authblue)
डीआईपीपी-रजिस्टर्ड स्टार्टअप ऑथब्लू एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है, जहां पर लोगों और बिज़नेसों को ब्लू-कॉलर वर्कर्स का बैकग्राउंड वेरिफ़िकेशन कराने वाली कंपनियों के साथ जुड़ने के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराया जाता है। सुजीत बुडिगा और सौरभ तिवारी ने 2018 में इस स्टार्टअप की शुरुआत की थी।
स्टार्टअप 10 से ज़्यादा विभिन्न प्रकार के वेरिफ़िकेशन ऑफ़र करने वाली कंपनियों को अपने प्लैटफ़ॉर्म पर जगह देता है, जो अधिकतर बिज़नेसों और लोगों की ज़रूरतें पूरी करता है। स्टार्टअप ने जनता खोज, इन्फ़ो क्वेस्ट, डीकोड और इकरेस्ट के साथ करार किया हुआ है। फ़ाउंडर्स के मुताबिक़, स्टार्टअप की टीम अभी तक 3000 से अधिक विभिन्न प्रकार के चेक्स कर चुकी है। ऑथब्लू ने सीड फ़ंडिंग जुटाई है, लेकिन इसके बारे में उन्होंने कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी।
स्किन क्राफ़्ट (SkinKraft)
यह स्टार्टअप डेटा ऐनालिटिक्स के माध्यम से कस्टमाइज़्ड स्किन केयर सॉल्यूशन मुहैया कराता है। चैतन्य नल्लन, वीरेंद्र शिवहरे और संग्राम सिम्हा ने 2017 में इस स्टार्टअप की शुरुआत की थी। स्किन क्राफ़्ट ने 2018 में अपनी ऑनलाइन्स सेल्स की शुरुआत की थी। फ़ाउंडर्स ने बताया कि स्टार्टअप की टीम ने भारतीय, ताइवानी, जापानी डरमैटो-कॉस्मेटोलॉजिस्ट, फार्मासिस्ट्स और फार्मास्यूटिकल्स इंजीनियरों के साथ लंबी रिसर्च और परामर्श के बाद अपने प्रोडक्ट्स तैयार किए और बाज़ार में उतारे।
फ़ाउंडर्स का दावा है कि इतने कम समय में ही कंपनी 8 मिलियन डॉलर की हो गई है। स्टार्टअप अभी से मुनाफ़े में है और 40 प्रतिशत तक की मासिक विकास दर के साथ आगे बढ़ रहा है।