Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

प्रौद्योगिकी ही भाषा को संरक्षित करेगी : स्मृति ईरानी

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय में ‘भारतवाणी’ वेब पोर्टल और ‘ऐप’ का शुभारंभ

प्रौद्योगिकी ही भाषा को संरक्षित करेगी : स्मृति ईरानी

Thursday May 26, 2016 , 2 min Read

पीटीआई

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संस्कृत भाषा को बढावा देने पर समय समय पर उठने वाले विवादों की ओर इशारा करते हुए आज कहा कि अपनी ही भाषा का मोल जब बाहर वाले करते हैं तो प्रशंसा पाते हैं लेकिन कोई भारतीय नागरिक करता है तो उसे आलोचना सहनी पडती है।

स्मृति यहां बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय में ‘भारतवाणी’ वेब पोर्टल और ‘ऐप’ का शुभारंभ करने आयी थीं। उन्होंने कहा, ‘‘अस्सी के दशक में संस्कृत और आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस पर एक लेख छपा। वह लेख नासा :अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी: के रिक ब्रिग्स ने लिखा था। कोई भारतीय नागरिक यही काम करता तो उसे भगवा कहा जाता।’’ केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘जब जब भारतीय भाषा पर संवाद होता है, अकसर उस भाषा के भाषाविद को सहना पडता है। कहा जाता है कि उस भाषाविद जैसा सांप्रदायिक प्राणी तो धरती पर है ही नहीं। उसी भाषा का मोल बाहर वाले करते हैं तो प्रशंसा पाते हैं।’’ 

image


स्मृति ने कहा कि नब्बे के दशक में अमेरिका के एक विश्वविद्यालय के गणित विभाग के एक सज्जन कांचीपुरम गये और वहां के मठ का पुस्तकालय देखा। वहां की पुस्तकों का अध्ययन किया और वापस अपने देश जाकर गणित विभाग के लिए लेख लिखा। उन्होंने कहा कि ज्यामितीय की सबसे पुरानी किताब भारत में है। यही लेख आईआईटी की शिक्षिका छापतीं तो क्या हश्र होता।

स्मृति ने कहा कि भारतीय भाषाओं में विभिन्न विषयों की एक प्रतिशत से भी कम जानकारी उपलब्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया है कि दुनिया पर आर्थिक छाप छोडनी है तो प्रौद्योगिकी से बैर नहीं करना चाहिए बल्कि प्रौद्योगिकी को जीवन में समाविष्ट करना चाहिए। प्रौद्योगिकी ही भाषा को संरक्षित करेगी। स्मृति ने कहा कि ‘भारतवाणी’ के प्रयास से अनुसंधानकर्ताओं को लाभ होगा। प्रौद्योगिकी के साथ सांस्कृतिक विरासत भी राष्ट्र के सामने आएगी।

उन्होंने कहा कि देश में ढेर सारी भाषाएं होने के बावजूद स्वर एक हैं। राष्ट्र के प्रति भावना एक है। वही हमारी ताकत बनता है और ताकत को प्रौद्येागिकी के माध्यम से दिखाना होता है। डिजिटल इंडिया में डिजिटल क्रान्ति का माद्दा ‘भारतवाणी’ में है।