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'Voygr', ईको टूरिज्म की जागरुकता का दूसरा नाम

- बेहजाद और एलिजा ने शुरुआत की वॉइज्र डॉटकॉम की।- स्थानीय लोगों और गाइड़ों के साथ मिलकर करते हैं टूर प्लानिंग।- टूरिस्टों को मिल रहा है एक शानदार अनुभव।

'Voygr',  ईको टूरिज्म की जागरुकता का दूसरा नाम

Tuesday June 23, 2015 , 4 min Read

जैसे-जैसे जमीनी इलाकों में गरमी का ताप बढऩे लगता है वैसे-वैसे लोग भारत के पहाड़ी इलाकों की ओर रुख करने लगते हैं। यह पहाड़ी इलाके ठंडे तो हैं हीं साथ में प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव भी कराते हैं। लोगों को ऐसे ही अच्छे अनुभव देने के लिए सन 2014 में बेहजाद लहरी और एलिजा मूनरो ने 'वॉइज्र' की शुरुआत की। वॉइज्र का मकसद लोगों को एक ऐसा ट्रैवल अनुभव देना है जिसे वे हमेशा याद रखें, जो उनके जीवन की सुनहरी यादों में दर्ज हो जाए। साथ ही वॉइज्र ईकोलॉजिकल बैलेंस भी बनाने का भरपूर प्रयास करता है।

बेहजाद और एलिजा को यह आइडिया तब आया जब वे सन 2012 में ट्रैकिंग करने सिक्किम गए थे। वहां पर स्थानीय गाइड से बातचीत के दौरान उन्हें पता चला कि गाइड को दिए जाने वाले पैसे का 60 प्रतिशत बिचौलियों की जेब में चला जाता है और जो स्थानीय गाइड मेहनत करते हैं उन्हें अपनी मेहनत का मात्र 40 प्रतिशत ही मिलता है। यह बात बेहजाद और एलिजा को बहुत बुरी लगी और उन्होंने इस क्षेत्र में कुछ करने की योजना बनाई। बेहजाद पहले भी ऐसे सिस्टम में काम कर चुके थे जहां बिचौलियों को हटा दिया जाता था। इसलिए वे जानते थे कि किस प्रकार बिचौलियों को हटाकर आसानी से काम कराया जा सकता है और कॉस्ट को कम किया जा सकता है। इसके बाद इन्होंने इस इंडस्ट्री में एक साल तक रिसर्च की और अगस्त 2013 में दोनों ने अपनी नौकरी छोड़ी और भारत आ गए।

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एलिजा ने 2014 में बेहलाद के साथ काम करना शुरु किया। उसके बाद दोनों ने वॉइज्र की शुरुआत की। वॉइज्र के दो हिस्से हैं पहला है वॉइज्र डॉट कॉम और दूसरा है वॉइज्र डॉट ओआरजी। वॉइज्र डॉटकॉम एक प्रॉफिट कमाने वाली संस्था है जो कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करती है। जैसे ट्रैकिंग, राफ्टिंग, पर्वतारोहण, फोटोग्राफी वर्कशॉप और मोटरसाइकिल ट्रिप्स यानी इनमें ज्यादातर एडवेंचर पसंद करने वाले लोगों के मुताबित क्रियाकलापों को शामिल किया गया है। वहीं वॉइज्र डॉट ओआरजी नॉन फ्रोफिट कार्यक्रम चलाती है।

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वॉइज्र 'लीव नो ट्रेस' का ऑफिशियल पार्टनर भी है साथ में इंटरनेशनल ईको टूरिज्म सोसाइटी का सदस्य भी है। वॉइज्र डॉट कॉम माउंटेन टूरिज्म के लिए वन स्टॉप शॉप है। इनकी हर ट्रिप लोकल लोगों के साथ मिलकर प्लानिंग तय की जाती है। जिसमें लोकल गाइड और बाकी लोग शामिल होते हैं। यह लोग क्वालिटी और पर्यावरण संरक्षण का पूरा ख्याल रखते हैं। जब एक बार ट्रिप फाइनल हो जाता है उसके बाद एलिजा और बेहजाद स्थानीय गाइड और वहां के लोगों के साथ मिलकर कीमत निर्धारित करते हैं। चूंकि यहां कोई बिचौलिया नहीं है इसलिए यह ट्रिप लोगों को किफायती पड़ती है।

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वॉइज्र डॉट ओआरजी ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने और ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण की रक्षा करने की दिशा में काम करता है। यह लोग वॉइज्र डॉट कॉम से अर्जित मुनाफे को इस काम में लगाते हैं। हाल ही में इन्होंने वाटर फिल्टर लगाए हैं ताकि साफ पानी के लिए लोगों को पानी गरम करने की जरूरत न पड़े और इससे लकड़ी की भी मांग पर थोड़ा असर पड़ेगा, वो कम होगी और पेड़ कम कटेंगे। यह लोग समय-समय पर पर्यावरण की मदद करने की दिशा में काम करते रहते हैं। ये लोग टै्रकिंग के दौरान मदद कर रहे स्थानीय टूरिस्ट गाइड और वहां के स्थानीय लोगों को उचित पैसा देते हैं। जिस कारण ज्यादा से ज्यादा गाइड इनसे जुडऩे की कोशिश करते हैं। कई ट्रैकिंग कंपनी बहुत कम दामों में ट्रैकिंग कराती हैं लेकिन वे लोग गाइड को बहुत कम पैसा देते हैं।

ज्यादातर पहाड़ी इलाके टूरिज्म के बूते ही चल रहे हैं। टूरिज्म ही वहां के लोगों के लिए मुख्य आय का साधन है। इसलिए वॉइज्र डॉटकॉम इन इलाकों का प्राकृतिक सौंदर्य बचाने का हर संभव प्रयास कर रहा है। इसके अलावा इन पहाड़ी स्थानों की स्थानीय संस्कृति भी टूरिस्टों के आकर्षण का केंद्र होती है। यह लोग उस दिशा में भी काम करते हैं। कई बार ऐसी जगह के ट्रिप भी होते हैं जहां कनेक्टिविटी बहुत कम होती है। सुविधाओं के नाम पर वहां कुछ नहीं होता। ऐसे में स्थानीय गाइड और स्थानीय लोग सबसे ज्यादा मददगार साबित होते हैं। क्योंकि वे उस इलाके को बहुत अच्छी तरह जानते हैं। भविष्य में वॉइज्र बाजार में एक च्लोबल प्लेयर बनकर उतरना चाहता है जो लोगों को ट्रैकिंग और टूर्स कराए। इससे ईको टूरिज्म बढ़ेगा और पहाड़ी इलाकों का प्राकृतिक सौंदर्य भी बना रहेगा।