वो ऐक्ट्रेस जिसका नाम दाऊद से जुड़ा तो तबाह हो गया करियर
मां ने नाम दिया 'यासमीन जोसफ', राज कपूर ने नाम दिया 'मंदाकिनी'। नाम में क्या धरा है। 'राम तेरी गंगा मैली हो गई' के काम ने तहलका मचाया। कभी अंडरवर्ल्ड डॉन की गर्ल फ्रेंड कही जाती रहीं मंदाकिनी अब हिमाचल में अपने डॉक्टर पति और बेटी के साथ वक्त बिता रही हैं।
महजबीन आज भी दाऊद की पत्नी है और उसी के साथ रहती है, जबकि मंदाकिनी लंबे समय तक गुमनाम रहने के बाद एक डॉक्टर से शादी रचा ली। अब वह हिमाचल में अपने पति और बेटी के साथ रहती हैं।
'राम तेरी गंगा...' तो और मैली हो गई, जैसेकि यासमीन जोसफ उर्फ फिल्मी मंदाकिनी, जो पहले राज कपूरी की हिरोइन, फिर कुख्यात दाऊद इब्राहिम की गर्ल फ्रेंड, बाद में बीवी बनने की अफवाहों से लंबे समय तक जूझती रहीं। मोस्ट वॉन्टेड आतंकी होने के बावजूद दाऊद अपना पैसा, रुतबा और ताकत दिखाने से बाज़ नहीं आता है। उसकी लैविश लाइफस्टाइल हमेशा सुर्खियों में रहती है। बॉलीवुड इंडस्ट्री को इस अंडरवर्ल्ड डॉन से कुछ ज्यादा ही लगाव है। उसकी जिंदगी पर ढेरों फिल्में बन चुकी हैं। 'कंपनी', 'डी कंपनी', 'ब्लैक फ्राईडे', 'शूटआउट एट लोखंडवाला', 'वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई', 'डी-डे' आदि।
ऐसी भी ख़बरें चलती रही हैं कि डॉन फिल्म निर्देशकों पर दबाव डालता रहा है। कहा जाता है कि उसने बॉलीवुड में कई यादगार पार्टियों की मेहमान नवाजी की है। दाऊद अपनी आलीशान लाइफस्टाइल के लिए भी जाना जाता है। उसे खुद भी ग्लैमर का बड़ा चस्का रहा है। मंदाकिनी के साथ उसके रिश्तों के कई किस्से हैं। ऐसा ही एक किस्सा है कि शारजहा के एक मैच के दौरान दाऊद की तस्वीर ली गई, जिसमें मंदाकिनी डॉन के ठीक बगल में खड़ी दिखीं। इस तस्वीर ने दाऊद के घर में हंगामा खड़ा कर दिया। तलाक तक की नौबत आ गई थी। उन दिनो मंदाकिनी जब भी दुबई जातीं, दाऊद के ही विला में ठहरतीं। दोनों के बीच बढ़ती नजदीकियों ने दाऊद की पत्नी महजबीन को तलाक का डर सताने लगा लेकिन मंदाकिनी से निकाह जैसी कोई बात नहीं रही। महजबीन आज भी दाऊद की पत्नी है और उसी के साथ रहती है, जबकि मंदाकिनी लंबे समय तक गुमनाम रहने के बाद एक डॉक्टर से शादी रचा ली। अब वह हिमाचल में अपने पति और बेटी के साथ रहती हैं।
सन् 1980-90 के दशक में 'राम तेरी गंगा मैली हो गई' फिल्म से बेइंतहा धूम मचाने के बाद वक्त मंदाकिनी को ऐसी अंधेरी खोह में हांक ले गया कि ग्लैमर और टेरर के तड़के ने उसे कहीं का नहीं रहने दिया। मंदाकिनी का जन्म 30 जुलाई 1969 को मेरठ के एक एंग्लो-इंडियन परिवार में यासमीन जोसफ के नाम से हुआ था। उसके पिता जोसफ अंग्रेज और मां मुस्लिम हैं। बॉलीवुड में मन्दाकिनी का सफर बेहद मामूली सा रहा। मंदाकिनी ने 1985 में बंगाली फिल्म 'अंतारेर भालोबाशा' से फिल्मी दुनिया में डेब्यू किया था। उसी साल उसने 'मेरा साथी' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा। 1985 में ही राज कपूर की नजर मंदाकिनी पर पड़ी, उस वक्त उसकी उम्र 22 साल थी। राज कपूर ने 'राम तेरी गंगा मैली' के लिए अपने बेटे राजीव कपूर के अपोजिट मंदाकिनी को कास्ट किया। 'राम तेरी गंगा मैली' पहली फ़िल्म रही। इस फ़िल्म के लिए सफ़ेद पारदर्शी साड़ी में बोल्ड सीन देकर मंदाकिनी सेंसर बोर्ड के लिए भी आपत्तिजनक रही। फ़िल्म तो सफल रही, उसको श्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार भी मिला, राजकपूर मालामाल हुए लेकिन मन्दाकिनी की जिंदगी और मैली हो गई। उसके बाद उसने कुछ-एक अन्य व्यावसायिक फिल्मों में काम किया और वक्त के अंधेरे में खो गई।
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ नाम जुड़ जाने के कारण मंदाकिनी का करियर उलझ गया। हर फिल्म मेकर उसे अपनी फिल्म में लेने से कतराने लगा। मंदाकिनी अपने दाऊद के साथ अफेयर की खबरों को हमेशा खारिज किया। वर्ष 2005 में एक इंटरव्यू के दौरान वह इससे जुड़े सवाल पर भड़क उठीं। कहा कि 'आखिर कब तक मेरा नाम दाऊद के साथ जुड़ता रहेगा। मैं पहले भी कह चुकी हूं कि दाऊद के साथ मेरा कभी अफेयर नहीं रहा है। 10 साल पहले मेरी फोटो दाऊद के साथ आई थी, तब मैं शोज के लिए अक्सर विदेश जाती थी। जब मैं दुबई में परफॉर्म कर रही थी, तभी दाऊद आया और हम मिले। मैं दूसरे फिल्म स्टार्स की तरह ही थी। हमारे बीच अफेयर जैसी कोई बात नहीं थी। साल 1994-95 में अखबार में छपी एक फोटो ने मेरे करियर पर असर डाला। कहा जाने लगा कि मैंने दाऊद से शादी कर ली है और उससे मेरा एक बच्चा भी है। जबकि मैंने मुंबई के एक डॉक्टर आर ठाकुर से शादी की है और उनसे मेरा एक बच्चा है। हमारी शादी साल 1990 में हुई।'
यासमीन को मंदाकिनी बनाने का श्रेय हमेशा राज कपूर को दिया जाता रहा है। उन्हें राज कपूर की खोज भी बताया जाता है लेकिन सच ये है कि राज कपूर से पहले यासमीन को प्रोड्यूसर रंजीत विर्क ने ढूंढ़ा था। दरअसल, बॉलीवुड में एंट्री से पहले यासमीन को तीन फिल्ममेकर्स ने रिजेक्ट कर दिया था, लेकिन उन पर नजर पड़ी प्रोड्यूसर रंजीत विर्क की। फिल्मों में यासमीन के डेब्यू से पहले रंजीत ने उनका नाम यासमीन से बदलकर माधुरी रख दिया था और उन्हें अपनी फिल्म 'मजलूम' के लिए साइन कर लिया। इससे पहले रंजीत विर्क की फिल्म शुरू हो पाती, राज कपूर ने उन्हें मंदाकिनी के नाम से अपनी फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' के लिए कॉस्ट कर लिया। मंदाकिनी से जुड़ा एक और वाकया वर्ष 1981 है।
फिल्म 'लव स्टोरी' से बॉलीवुड में कदम रखने वाले कुमार गौरव ने तहलका मचा रखा था। कुमार गौरव रातोरात स्टार बन गए। इस स्टारडम के चलते कुमार ने फैसला किया कि वह किसी नई एक्ट्रेस के साथ काम नहीं करेंगे। उस दौरान प्रोड्यूसर दिनेश बंसल ने यासमीन को अपनी फिल्म 'शीरी फरहाद' के लिए साइन किया था, लेकिन कुमार ने उनके साथ काम करने से मना कर दिया। प्रोड्यूसर के लाख समझाने के बाद भी कुमार नहीं माने, जिसके बाद फिल्म भी ठंडे बस्ते में चली गई। इसके बाद यासमीन टूट गई। अपने सपनों को अधूरा छोड़कर लौट चली लेकिन वर्ष 1985 में वक्त लौटा और वह मंदाकिनी बन गई। उसके बाद की गर्दिश से वह आज तक नहीं उबर सकी हैं। अब उबरना भी कहां! वक्त के खेल बड़े निराले होते हैं।
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