सायरा बानो, एक नाजुक कली जो विलेन का किरदार भी उसी ईमानदारी से निभाती थी
सायरा बानो बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में शुमार है। खूबसूरती के साथ साथ अपने बेहतरीन अभिनय से इंडस्ट्री में सायरा ने कम समय में खास जगह बनाई। आज उस दिलकश शख्सियत का जन्मदिन है।
जब वे 12 साल की थी तभी से सपना देखा करती थी कि वो अपनी मां नसीम की तरह अभिनेत्री बनें और अभिनेता दिलीप कुमार से शादी करें।
बॉलिवुड में 60-70 के दशक की खूबसूरत अभिनेत्रियों में शामिल अभिनेत्री सायरा बानो को कौन नहीं जानता। नखरीले अंदाज, दिलकश मुस्कुराहट, और गहन अदाकारी, ये सारे विशेषण अगर एक साथ किसी के लिए आते हैं तो वो हैं सत्तर के दशक की मशहूर अभिनेत्री सायरा बानो के लिए। सायरा बानो बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में शुमार है। खूबसूरती के साथ साथ अपने बेहतरीन अभिनय से इंडस्ट्री में सायरा ने कम समय में खास जगह बनाई।
नामचीन विरासत की जहीन वाहक
सायरा बानो का जन्म 23 अगस्त 1944 को भारत में हुआ था। उनकी मां नसीम बानो मशहूर अभिनेत्री थीं और पिता मियां एहसान-उल-हक एक फिल्म निर्माता थे। जिन्होंने मुंबई में फूल और पाकिस्तान में 'वादा' नामक फिल्म का निर्माण किया था। सायरा का अधिकांश बचपन लंदन में बीता। वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत लौटी उन्हें बचपन से ही अभिनय का शौक था। जब वे 12 साल की थी तभी से सपना देखा करती थी कि वो अपनी मां नसीम की तरह अभिनेत्री बनें और अभिनेता दिलीप कुमार से शादी करें।
अलहदा अदाकारी और दिलकश अंदाज
अभिनेत्री बनने का सपना पूरा हुआ वर्ष 1961 में, जब उन्होंने फिल्म जंगली से बॉलीवुड में डेब्यू किया। इस फिल्म में उनके आपोजिट शम्मी कपूर थे। फिल्म सुपरहिट रही और सायरा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर अवार्ड के लिए नॉमिनेट हुई। आज भी इस फिल्म के सदाबहार गीत दर्शकों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। फिल्म में सायरा ने कश्मीर में रहने वाली युवा लड़की की भूमिका निभाई थी। साल 1964 उनके करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस साल उनकी 'आई मिलन की बेला' जैसी सुपरहिट फिल्म प्रदर्शित हुयी। इन फिल्मों की सफलता के बाद सायरा फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गयी।
1975 में सायरा ने सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के साथ जमीर फिल्म में काम किया और उसके अगले साल ही हेरा-फेरी में भी वह उनके सामने थीं।
इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 60 और 70 के दशक में सायरा बानो एक सफल अभिनेत्री की तरह बॉलीवुड में जगह बना चुकी थीं। वर्ष 1966 में सायरा ने अपने से दोगुने उम्र के दिलीप कुमार के साथ शादी कर ली थी। दिलीप से शादी करने के बाद भी सायरा ने फिल्मों में काम करना जारी रखा। लेकिन साल 1968 की फिल्म पड़ोसन ने उन्हें दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया। 1975 में सायरा ने सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के साथ जमीर फिल्म में काम किया और उसके अगले साल ही हेरा-फेरी में भी वह उनके सामने थीं।
हर एक किरदार में अव्वल
साल 1970 में सायरा को मनोज कुमार के निर्माण और निर्देशन में बनी सुपरहिट फिल्म 'पूरब और पश्चिम' में काम करने का अवसर मिला। फिल्म में उन्होंने विदेश में पली बढ़ी एक ऐसी युवती की भूमिका निभाई जो अपने देश की संस्कृति से अनभिज्ञ रहती है। फिल्म में उनका यह किरदार कुछ हद तक ग्रे शेड्स लिये हुये था बावजूद इसके वह दर्शको का दिल जीतने में सफल रही।
डेविड लीन दिलीप कुमार और एलिजाबेथ टेलर को लेकर फिल्म बनाना चाहते थे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। सायरा ने मजाकिया लहजे में कहा था कि अगर दिलीप कुमार एलिजाबेथ के साथ काम करते तो उनका क्या होता।
दिलीप कुमार और सायरा की शादी से जुड़ा एक दिलचस्प वाकया है। सायरा बताती हैं कि अगर एक हॉलिवुड फिल्म से उनकी शादी रुक सकती थी। दरअसल हॉलिवुड फिल्मों के निर्देशक डेविड लीन ने अपनी फिल्म में दिलीप कुमार और एलिजाबेथ टेलर को साथ लेने की योजना बनाई थी। डेविड लीन दिलीप कुमार और एलिजाबेथ टेलर को लेकर फिल्म बनाना चाहते थे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। सायरा ने मजाकिया लहजे में कहा था कि अगर दिलीप कुमार एलिजाबेथ के साथ काम करते तो उनका क्या होता। आपको बता दें कि दिलीप कुमार ने डेविड लीन की फिल्म 'लॉरेंस ऑफ अरेबिया' में काम करने से इनकार कर दिया था।
सायरा की मां नसीम बानो भी अपने जमाने की हसीन अदाकारा थीं, लेकिन अपने करियर के अंतिम दिनों में नसीम ने ड्रेस और कॉस्ट्यूम डिजाइन का काम शुरू कर दिया था। वह अपनी बेटी की ज्यादातर फिल्मों के लिए खुद ही कॉस्ट्यूम तैयार करती थीं। सायरा बानो की जितनी प्यारी शख्सियत हैं उतनी ही ज्यादा समझ उनको प्यार की भी है। सायरा बानो और दिलीप कुमार की जोड़ी लाखों लोगों की मनपसन्द है। बॉलीवुड की रियल अमर प्रेम कहानियों में से एक सायरा और दिलीप की प्रेम कहानी आज के युवाओं में भरोसा भरती है।
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