भारतीय स्टार्टअप में 200 करोड़ का निवेश करेगी 100एक्स.वीसी कंपनी
"चीन की कंपनी बीएसीई भारतीय स्टार्टअप में आठ करोड़ डॉलर का निवेश करना चाहती है। भारत में स्टार्टअप्स का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में उद्यम पूंजी कंपनी 100एक्स.वीसी अगले साल तक भारत में स्टार्टअप्स में 200 करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है।"
भारत में स्टार्टअप्स का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में उद्यम पूंजी कंपनी 100एक्स.वीसी अगले साल तक भारत में स्टार्टअप्स में 200 करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है। भारतीय स्टार्ट अप के लिए चीन के निवेशक भी पहले के मुकाबले अब साथ मिलकर काम करने में अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं। वे अब भारतीय कंपनियों के लिए पूंजी के साथ कई अन्य सेवा लेकर भी आ रहे हैं। वे अपने पोर्टफोलियो की कंपनी को चीन के अन्य निवेशकों से जोड़ रहे हैं।
मैन्यूफैक्चरिंग, डिजाईन, सप्लाय चेन एक्सपर्ट से मिलवाने के साथ ही चीन के निवेशक अपने निवेश वाली कंपनियों के लिए अलग-अलग मार्केट की कारोबारी रणनीति बनाने में भी मदद कर रहे हैं। इस तरह देखा जा रहा है कि भारतीय कंपनियों में वेंचर कैपिटल फर्म की दिलचस्पी ऐसे वक्त में बढ़ी है, जब अलीबाबा जैसे चीन के निवेशकों ने भारत में निवेश घटाया है। बीएसीई भारतीय स्टार्टअप में आठ करोड़ डॉलर का निवेश करना चाहती है।
बीएसीई (BAce) कैपिटल के एमडी बेनी चेन बताते हैं कि वे अपने पोर्टफोलियो में शामिल कंपनियों को कैपिटल मुहैया कराने के बाद भी उनकी मदद कर कारोबार बढ़ाना चाहते हैं। वे उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। उन्हें, सिर्फ चीन ही नहीं, दुनिया के अन्य बाजारों के लोगों के साथ भी जोड़ना चाहते हैं। वे अपनी कंपनियों को भी कारोबार करने के लिए यहां लाना चाहते हैं। अपने पोर्टफोलियो में शामिल कंपनियों को वे अनौपचारिक रूप से रोड शो में ले जाकर उनके कामकाज से जुड़े पहलुओं और समस्या को भी समझना चाहते हैं।
बीएसीई (BAce) ने अब तक भारत में रैपिडो, हीलोफाई और रूम मी में निवेश किया है। इसके 12-15 करोड़ डॉलर के फंड में एंट फाइनेंशियल एंकर इन्वेस्टर के तौर पर शामिल है। एंट फाइनेंशियल वास्तव में अलीबाबा ग्रुप के सीनियर एग्जीक्यूटिव चेन और क्षितिज करुंदिया की कंपनी है। बीएसीई भारत में आठ करोड़ डॉलर का निवेश करना चाहती है। अलीबाबा ने भारत में पेटीएम, स्नैपडील और जोमैटो जैसी कंपनियों में भारी निवेश किया है। चीन की वीसी फर्म पिछले चार साल से भारत में निवेश करने में काफी दिलचस्पी ले रही है। स्टार्ट अप इको सिस्टम में दिलचस्पी के साथ ही वे कई डील कर रही हैं। शुरू में वे देश में इस कारोबार को समझने के लिए आई थी, उनका मकसद निवेश करना नहीं था।
सीडीएच इन्वेस्टमेंट के प्रवक्ता का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2016 में उभरते बाजारों को समझना शुरू किया था। पहला निवेश कंपनी ने दो साल बाद किया। उसने भारत में पहला निवेश चीन के रणनीतिक निवेशक के साथ मिलकर किया था। अब उसका आत्मविश्वास बढ़ा है और अपने दम पर निवेश करने में अब इस कंपनी को कोई दिक्कत आड़े नहीं आ रही है।
उद्यम पूंजी कंपनी 100एक्स.वीसी अगले साल तक भारत में स्टार्टअप्स में 200 करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है। कंपनी ने भारत के लिए उद्यम पूंजी (सीवीसी) कार्यक्रम शुरू किया है। इसके जरिये ऐसी कंपनियों से भागीदारी की तैयारी है, जिनके पास स्टार्टअप्स में निवेश के लिए कोष होगा। 100एक्स.वीसी ने यह अनुमान लगाया गया है कि भारत की टॉप सौ कंपनियों ने स्टार्टअप्स में निवेश के लिए 10 से 100 करोड़ रुपये तक की राशि रखी है।
ऐसे में उम्मीद है कि 30 से 40 कंपनियों के 100एक्स.वीसी के सीवीसी कार्यक्रम में शामिल होने के साथ ही स्टार्टअप्स में करीब 200 करोड़ रुपए का निवेश सुनिश्चित हो सकता है। 100एक्स.वीसी ने हर तिमाही 15 से 30 स्टार्टअप में निवेश की रणनीति तैयार की है। इस तरह कुल मिलाकर 100 स्टार्टअप्स में वह भारी निवेश करने वाली है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियोजेननेक्स्ट, योवरनेस्ट, नेक्सस वेंचर पार्टनर्स, जेएसडब्ल्यू वेंचर्स आदि कुछ उद्यम पूंजी कोष हैं, जिनकी 100एक्स.वीसी कंपनी के साथ भागीदारी है। 100एक्स.वीसी के फाउंडर संजय मेहता बताते हैं, उनकी टीम के शोध सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है कि देश की शीर्ष 100 कंपनियों ने स्टार्टअप्स में निवेश के लिए 10 से 100 करोड़ रुपये की राशि रखी है।
केन्द्र सरकार कृषि स्टार्टअप और छोटे उद्यमियों के लिए एक समर्पित प्रकोष्ठ स्थापित करने की योजना बना रही है। राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकार (एनआरआरए) के मुख्य कार्याधिकारी, अशोक दलवई और लघु किसान कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम के प्रबंध निदेशक नीलकमल दरबारी का कहना है कि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां स्टार्टअप कंपनियां, किसानों को लागत कम करने और आय बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। कृषि स्टार्टअप की भूमिका फसल कटाई के पहले आती है।
किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) अब भी पारंपरिक तरीकों से व्यवसाय करने के लिए जूझ रहे हैं। देश में लगभग 5,000 एफपीओ हैं और वे नवाचार के वाहक के रूप में कार्य कर सकते हैं। फिलहाल, कृषि के सभी पहलुओं से संबंधित आंकड़ों के भंडारण के साथ ही उनका डिजिटलीकरण जरूरी है।
इस बीच प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ और उद्यम पूंजी निवेशक मोहनदास पई ने स्टार्टअप पारिस्थितिकी विकसित करने में सिंगापुर और भारत की भागीदारी की अच्छी संभावनाएं जताते हुए कहा है कि भारत में कम से कम 1000 स्टार्टअप में निवेश करने के लिए एक अरब डॉलर का कोष बनाया जाना चाहिए। सिंगापुर को भारतीय स्टार्टअप में निवेश के लिये एक अरब डॉलर के एक कोष की व्यवस्था करनी चाहिए।
हर साल पांच-छह हजार नये स्टार्टअप सामने आ रहे हैं। ऐसे में यह निवेश 40 हजार स्टार्टअप में होना चाहिए। वर्ष 2025 तक भारत के पास एक लाख स्टार्टअप होंगे, जो 500 अरब डॉलर का मूल्यवर्धन करेंगे और 32.50 लाख लोगों को रोजगार देंगे। एपेक्स एवलान कंसल्टिंग के चेयरमैन गिरिजा पांडे का कहना है कि हम सिंगापुर से स्टार्टअप में अधिक निवेश चाहते हैं।