इस साल 12000 स्टार्टअप कर्मचारियों को गंवानी पड़ी नौकरी, 60000 तक पहुंच सकती है संख्या

फंडिंग न मिलते हुए देख देश में स्टार्टअप्स लगातार अपने कर्मचारियों को निकाल रहे हैं और यही कारण है कि अकेले साल 2022 में देश में 60 हजार लोग अपनी नौकरियां खो सकते हैं जिसमें मुख्य रूप से एडटेक और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के कर्मचारी रहेंगे.

इस साल 12000 स्टार्टअप कर्मचारियों को गंवानी पड़ी नौकरी, 60000 तक पहुंच सकती है संख्या

Monday July 04, 2022,

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कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संकट के बाद आर्थिक संकट से घिरे भारत में स्टार्टअप सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है और साल 2022 में अब तक स्टार्टअप सेक्टर में 12000 से अधिक कर्मचारी अपनी नौकरियां गंवा चुके हैं.

खास तौर पर महामारी के दौरान मुनाफा कमाने वाले स्टार्टअप्स वैल्यूएशन गिरने के कारण दबाव महसूस कर रहे हैं. स्टार्टअप्स का कहना है कि इस अनिश्चितता भरे माहौल में नई फंडिंग हासिल करना बहुत मुश्किल है.

फंडिंग न मिलते हुए देख देश में स्टार्टअप्स लगातार अपने कर्मचारियों को निकाल रहे हैं और यही कारण है कि अकेले साल 2022 में देश में 60 हजार लोग अपनी नौकरियां खो सकते हैं जिसमें मुख्य रूप से एडटेक और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के कर्मचारी रहेंगे.

फिलहाल, अपने कर्मचारियों को निकालने में ओला, ब्लिंकिट, बायजूस (व्हाईटहैट जूनियर, टॉपर), अनअकैडमी, वेदांतु, कार्स 24, मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL), लीडो लर्निंग, एमफाइन (Mfine), ट्रेल, फारआई, फर्लेंको आगे रही हैं.

वहीं, दुनियाभर में साल 2022 में 22000 टेक औऱ स्टार्टअप सेक्टर्स के कर्मचारी अपनी नौकरी गवां चुके हैं. ऐसी कंपनियों में मुख्यरूप से नेटफ्लिक्स, वित्तीय सेवा कंपनी रॉबिनहुड और कई क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स शामिल हैं.

क्रिप्टो मार्केट के भी भरभराकर गिरने से कॉयनबेस, जेमिनी, क्रिप्टो डॉट कॉम, वॉल्ड, बाइबिट, बिटपांडा और अन्य क्रिप्टो एक्सचेंज और कंपनियों ने भी अपना वर्कफोर्स कम करने की घोषणा की है.

पोकेमोन गो गेम डेवलपर नियांटिक ने भी अपने 8 फीसदी कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की है जो कि उनके कुल वर्कफोर्स में से 85-90 लोग हैं. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी अपने 10 फीसदी वैतनिक कर्मचारियों को निकाल दिया है.

इंडस्ट्री विशेषज्ञों का कहना है कि पुनर्गठन और कॉस्ट मैनेजमेंट के नाम अकेले इस साल कम से कम 50,000 और स्टार्टअप कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा सकता है जबकि कई स्टार्टअप्स लगातार फंडिंग हासिल कर रहे हैं.