श्रीदेवी जिनके लिए तालियां फिल्म शुरू होने से लेकर खत्म होने तक रूकने का नाम नहीं लेतीं थीं
80 के दशक से लेकर अब तक सिर्फ एक ही हैं जिसने हवा हवाई बनकर लाखों लोगो के दिल को धड़काया है, वो नाम हैं श्री देवी। हिंदी सिनेमा से लेकर तमिल तक उन्होंने हर तरह की भाषा की फिल्मों में काम किया है।
श्रीदेवी का स्टारडम 80 और 90 के दशक में लोगों के सिर चढ़कर बोलता था। श्रीदेवी की झलक पाने को फैंस बेकरार रहते थे। और उनका जलवा आज भी वैसा का ही वैसा बरकरार है।
1983 में फिल्म सदमा में श्रीदेवी कमल हासन के साथ नजर आईं। इस फिल्म में उनकी एक्टिंग देख सभी दंग रह गए और उन्हें कई अवॉर्ड्स में नोमिनेट भी किया गया।
श्रीदेवी, एक नाम जिसका नाम ही नहीं काम भी सबके सिर चढ़कर बोलता है। श्रीदेवी वो पहली अभिनेत्री जो सुपरस्टार का तमगा रखती हैं। आजकल कई सारी महिला प्रधान फिल्में बननी शुरू हो गई हैं। लेकिन फिल्मों की स्क्रिप्ट जब हीरो की जिंदगी की धुरी पकड़कर घूमती रहती थी, उस वक्त भी श्रीदेवी अपने बल पर फिल्म हिट कराने का माद्दा रखती थीं। भले ही उस फिल्म में अभिताभ बच्चन और रजनीकांत जैसे मेगास्टार क्यों न हों, श्रीदेवी अपने अचूक अभिनय से बीस ही साबित होती थीं।
80 के दशक से लेकर अब तक सिर्फ एक ही हैं जिसने हवा हवाई बनकर लाखों लोगो के दिल को धड़काया है, वो नाम हैं श्रीदेवी। हिंदी सिनेमा से लेकर तमिल तक उन्होंने हर तरह की भाषा की फिल्मों में काम किया है। श्रीदेवी का स्टारडम 80 और 90 के दशक में लोगों के सिर चढ़कर बोलता था। श्रीदेवी की झलक पाने को फैंस बेकरार रहते थे। और उनका जलवा आज भी वैसा का ही वैसा बरकरार है।
एक चमकते अध्याय का शानदार आगाज
13 अगस्त 1963 को श्रीदेवी का जन्म तमिलनाडु के शिवाकासी में तमिल पिता अयप्पन और मां राजेश्वरी के घर हुआ था। श्रीदेवी का असली नाम श्रीयम्मा यंगर है। पेशे से एक्ट्रेस के पिता वकील जबकि मां गृहिणी थीं। चार साल की उम्र में उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत एमए थिरुमुगम ती थुनैवन फिल्म से की थी। इसके बाद उन्होंने तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में काम किया। 1975 में आई फिल्म जूली के जरिए बॉलीवुड में एक्ट्रेस ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर एंट्री ली थी। साल 1976 तक श्रीदेवी ने कई साउथ इंडियन फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया। नन्ही श्रीदेवी को मलयालम फिल्म 'मूवी पूमबत्ता' के लिए केरल स्टेट फिल्म अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।
जब बॉलीवुड को मिला अपना कोहिनूर हीरा
बॉलीवुड में श्रीदेवी को साल 1978 में आई फिल्म सोलवा सावन के जरिए लीड एक्ट्रेस का रोल मिला। इस फिल्म को दर्शकों ने पसंद नहीं किया। श्रीदेवी वापस साउथ इंडियन फिल्मों की ओर लौट गईं। साल 1983 में श्रीदेवी ने एक बार फिर फिल्म 'हिम्मतवाला' के जरिए बॉलीवुड में कदम रखा और फिर यहीं की होकर रह गईं। हिम्मतवाला में जितेंद्र और श्रीदेवी की जोड़ी को लोगों ने इतना पसंद किया कि कई दिनों तक लोगों के सिर इस फिल्म का भूत सवार रहा। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1976 से 1982 के बीच श्रीदेवी ने कई सारी तमिल तेलुगू फिल्में की और रजनीकांत, कमल हसन जैसे सुपरस्टार्स के साथ बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया। 1983 में फिल्म सदमा में श्रीदेवी कमल हासन के साथ नजर आई। इस फिल्म में उनकी एक्टिंग देख सभी दंग रह गए और उन्हें कई अवॉर्ड्स में नोमिनेट भी किया गया।
नीली आंखों से किया जादू
1986 में आई फिल्म नगीना ने श्रीदेवी को सुपरस्टार से भी ऊपर बना दिया। जिसमे श्रीदेवी ने एक इच्छाधारी नागिन की भूमिका अदा की थी। श्रीदेवी की जोड़ी अनिल कपूर, जितेंद्र और ऋषि कपूर जैसे स्टार्स के साथ जमी। साल 1983 से 1988 के बीच श्रीदेवी और जितेन्द्र ने एक साथ 16 फिल्मों में काम किया जिसमें से 11 हिट फिल्में थी। 1987 में आई फिल्म मिस्टर इंडिया में श्रीदेवी एक जर्नलिस्ट के रोल में दिखी। जोकि एक उनका आइकॉनिक रोल माना जाता है। फिल्म साइंटिफिक थ्रिलर स्टोरी पर बेस्ड थी। इस फिल्म में उनके अपोजिट अनिल कपूर नज़र आये थे। फिल्म के गाने आज भी लोगों की जुबान पर रहते हैं। 1989 में आई फिल्म चालबाज में श्रीदेवी ने डबल रोल प्ले किया। यह बात बहुत कम लोगों को पता है कि चालबाज के मशहूर गाने ना जाने कहां से आई है कि शूटिंग के दौरान श्रीदेवी को 103 डिग्री बुखार था। इसके बावजूद उन्होंने गाने की शूटिंग की। फिल्म में सनी देऑल और रजनीकांत भी थे लेकिन श्रीदेवी दोनों पर ही भारी नजर आईं।
एक श्रीदेवी सब पर भारी
जब श्रीदेवी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आई तो उन्हें हिंदी बोलनी नहीं आती थी। उन दिनों श्रीदेवी की डबिंग एक्ट्रेस नाज किया करती थीं और श्री देवी के लिए लेंजेंड्री एक्ट्रेस रेखा ने भी 1986 में आई फिल्म 'आखिरी रास्ता' में डबिंग की थी। लेकिन पहली बार हिंदी में श्रीदेवी ने अपनी फिल्म 'चांदनी' में डबिंग की थी। उन्होंने साल 1991 में लम्हे जैसी फिल्म साइन की जिसमें वह मां और बेटी दोनों के किरदार में नजर आईं। इस फिल्म में उन्हें अपनी एक्टिंग स्किल्स को और बखूबी पेश करने का मौका मिला। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था।
आपको यह जानकार हैरानी होगी कि श्रीदेवी ने अपनी फिल्मों में रजनीकांत की सौतेली मां से लेकर, उनकी प्रेमिका तक का किरदार निभाया है। अमिताभ बच्चन के साथ भी श्रीदेवी ने जोड़ी जमाई। खुदा गवाह में दोनों की कैमिस्ट्री देखने लायक थी। यूं तो पूरी फिल्म अमिताभ बच्चन के इर्द-गिर्द घूमती रही लेकिन श्रीदेवी ने अपनी दोहरी भूमिका से दर्शकों के दिलों पर अपने अभिनय की छाप छोड़ी।
जुदाई के बाद श्रीदेवी ने फिल्मों से ब्रेक लिया क्योंकि उन्होंने बोनी कपूर से शादी कर ली थी। इस बीच में श्रीदेवी ने कई टीवी शोज में भी काम किया। वहीं साल 2012 में गौरी शिंदे की इंग्लिश विंग्लिश से उन्होंने धमाकेदार वापसी की। हाल ही में वो फिल्म मॉम में नजर आईं थीं।
2013 में श्रीदेवी को पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। इस साल आई उनकी एक और फिल्म मॉम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अभिनय के मामले वो हमेशा सरताज थीं और रहेंगी।
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