एक लाख के 100 करोड़: एक बूटस्ट्रैप स्टार्टअप की ऑर्गेनिक ग्रोथ
जानिये आखिर कैसे एक ऑर्गेनिक स्टार्टअप पहुंचा 1 लाख से 100 करोड़ के मुकाम पर...
बिजनेस की बारीकियां और बाज़ार को समझने वाले जानते होंगे कि किसी भी संस्था के लिए बूटस्ट्रैप आकर्षक विकल्प नहीं होता है।अब अगर किस्मत और मेहनत दोनों का मिला जुला समागम हो तो ये व्यक्ति को सफल बना सकता है।यदि व्यक्ति यूनिट इकोनॉमिक्स को सही से देखे तो ये व्यक्ति को सही बिजनेस आईडिया मिल ही जाता है।जाहिर है ऐसी दिशा में किये गए काम पर प्राप्त परिणाम ज्यादा सुखद नहीं होंगे और व्यक्ति को धीमी सफलता मिलेगी।संस्था का मानना है कि उन्हें अब तक अपने प्रयासों से 20 प्रतिशत की ही ग्रोथ प्राप्त हुई है परन्तु ये एक सार्थक और समय के अनुसार एक सही ग्रोथ है।
संस्था से जुड़े अनूप नायर ने बताया कि उन्होंने 2011 में महज 1 लाख रुपयों से बिजनेस की शुरुआत करी थी और उस दौरान इन्होने अपना वर्टिकल “आभूषण सेगमेंट” चुना था।एक साल में इस सेगमेंट से आई ग्रोथ के बाद इन्होने नए सिरे से काम किया और ये साड़ियों, सूटों और एथनिक सेगमेंट में आये।साथ ही इन्होने ये भी बताया कि इससे जो पैसा बतौर प्रॉफिट प्राप्त हुआ उसको इनलोगों द्वारा पुनः बिजनेस में चारे की तरह लगाया गया ताकि ये और ग्रोथ कर सकें।इस तरह इनका बिजनेस अगले 4 सालों के लिए तैयार हुआ और इन्हें विकास के नए आयाम प्राप्त हुए।अपनी खुशियों को जाहिर करते हुए इन्होने कहा कि ये हमारी मेहनत ही थी जिसके चलते आज हमारे पास 100 करोड़ प्लस का टोटल रेवेन्यु है।
आगे बताते हुए अनूप ये भी कहते हैं कि पता नहीं ये सही है या गलत मगर ये योजना हमारे लिए कारगर साबित हुई।
कटिंग कॉस्ट
अनूप का कहना है कि ये सबसे बड़ी और सबसे मुश्किल चीज़ है।शुरूआती दिनों में छोटी सी जगह पर बैठ कर दो शिफ्टों में काम करना बिलकुल भी आसान नहीं था क्यों कि हम खुद ही डेवलपर थे अतः एक साल तक हमें डेवलपर को पैसा नहीं देना पड़ा।हमनें वो सभी प्रयास किये जिससे पैसे बच सकते थे, कुल मिला के कहा जा सकता है कि हमनें उन सेवाओं का लाभ लिया जो मुफ्त थीं।अनूप का मानना है कि पैसे बचाना भी अपने आप में एक बड़ा मैनेजमेंट है।
इनका ये भी मानना है कि बिजनेस का असली मज़ा पेड सर्विस में है और हमनें पेड सर्विस का इस्तेमाल तब किया जब हमको पर्याप्त ग्राहक मिल गए।अनूप का मानना है कि पेड सर्विस का इस्तेमाल केवल ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने के लिए किया गया जहाँ कम्पनी द्वारा वास्तविक रेवेन्यु संग समझौता भी किया गया।उदाहरण के तौर पर आप 50 डेटाबेस को हायर करना तभी सही है जब आप अगले 6 माह में 50 लोगों को रोज़गार डे सकें।आप ऑपरेशन के फंडेड मोड में इम्पल्स शौपिंग का शिकार हो सकते हैं।
कहा जाता है कि एक स्टार्ट-अप के लिए लोगों में निवेश करना बहुत ज़रूरी है, पर ये निवेश तब सार्थक है जब हमें अपने प्रत्येक कर्मचारी से वैल्यू फॉर मनी प्राप्त हो।
आरओआई फोकस मार्केटिंग, नो ब्रांडिंग
आप जैसे – जैसे ग्रो करते हैं ऐसा आपको बहुत कुछ चाहिए होता है जो आपकी विकास में मददगार हो।आप टीवी रेडियो अख़बार में अपने नाम का विज्ञापन दे सकते हैं।अनूप का मत है कि आज बाज़ार में ऐसे लोग मौजूद हैं जो आपको कहेंगे कि किसी चौक चौराहे पर बस एक होअर्डिंग लगा दीजिये और अगले अमेज़न बन जाइए।ब्रांडिंग का बड़ा महत्त्व है, ये आपको उठा भी सकता है और गिरा भी सकता है।अतः हम उन चीज़ों से दूर रहे जो हमें परेशानी में डाल सकती है।आज हम अपनी हर मार्केटिंग परियोजना का गहनता से समझते हैं और जो भी पैसा खर्च होता है उसके बारे में सोचते हैं।इससे हमें अपनी मार्केटिंग परियोजना बनाने में मदद मिलती है और हम बेकार के खर्च से बाख जाते हैं।
जब आप पैसा इधर उधर व्यर्थ में नहीं खर्च करते तो उसका महत्त्व जानते हैं और तब आपके द्वारा लिए गए फैसले कहीं कारगर साबित होते हैं।अनूप का मानना है कि वो और उनकी टीम कई छोटे प्रय्प्ग करती है और तब वहीँ प्रय्प्ग उठाए जाते हैं जो कामयाब हुए हैं। इनकी टीम पैसा खर्च तो करती है मगर ब्रांडिंग पर नहीं बल्कि यथोचित परिश्रम पर।
प्रोडक्ट पर ध्यान
जब आपके पास अगले महीने के लिए पैसा नहीं होता तब ये बहुत ज़रूरी हो जाता है कि आप प्रोडक्ट की तरफ़ ध्यान आकर्षित करें और उसे और बेहतर बना दें।
आप कुछ ऐसा करना चाहते हैं कि आपके ग्राहक आपके प्रोडक्ट को पसंद करें।जब हमारी साईट पर 1000 लोग आते हैं और उनमें 5 ही ग्राहक होते हैं तब आपके पास दो ही विकल्प बचते हैं आप अपनी मार्केटिंग को बूस्ट करें और 2000 विसिटर संग 10 ग्राहक लेकर आएं या उन्हीं 1000 विसिटर में 10 ग्राहक निकालें।दूसरा विकल्प मुश्किल है, महंगा है मगर लम्बे समय के लिए फायदेमंद है।
समान विचारधारा वाले लोग
हम पेड कैम्पेन के लिए कई मार्केटिंग कंपनियों के पास गए और कोई भी कम्पनी हमें वो परिणाम नहीं दे पा रही थी जो हमें खुद अपनी टीम से मिले।आज इन मार्केटिंग कंपनियों को सिर्फ बड़े बजट की तलाश रहती है।
आज हमारे पास जो टीम है वो हमारी मुश्किलों और अडचनों को जानती है और उसे ये भी पता है कि कैसे जटिलताओं का सामना करना है।साथ ही अनूप का ये भी मत है कि ये हमारी रणनीति का अहम हिस्सा है।आज हमारी टीम में जुड़ा हर एक कर्मचारी कम संसाधनों में कम्पनी को फायदा पहुँचाने कि बात सोचता है न की महंगे आयोजनों में।
अनूप बड़ी मजबूती से इस बात को कहते हैं कि हम भी फंडेड ग्रोथ कि कामना करते हैं, कम्पनी का सपना है कि वो आने वाले समय में बिलियन डॉलर का बिजनेस दे जो बिना फंड के संभव नहीं है।अनूप इस बात को बड़ी प्रमुखता से लेते हैं कि यदि आप फंड ले रहे हैं तो आपको अपना उद्देश्य पता होना चाहिए।जब आप बूटस्ट्रैप में हों तो ये सवाल बड़े प्रमुख होते हैं और आपको ये पता होता है कि आप अपना पैसा कहाँ लगा रहे हैं और इससे हमें कितना मुनाफ़ा होगा।
पहले आप बिजनेस बनाएं, वास्तविक ग्राहक लेकर आएं और कर्षण दिखाएँ।यदि आप हर महीने 20 से 30 प्रतिशत कि दर से ग्रो कर रहे हैं तो आप सही दिशा में जा रहे हैं और ऐसा करते रहिये।ज्ञात हो कि स्व-निरंतर वृद्धि व्यापार के लिए रियल वैल्यू ऐड है।
लेखक-अनूप नायर
अनुवादक-बिलाल जाफ़री