आयुर्वेद को बढ़ावा देने में लगे 17 साल के विनय, लॉन्च किया खुद का यूट्यूब चैनल
कोविड-19 के दौरान जब खराब स्वास्थ्य और खराब रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण कई लोगों की जान चली गई. इसको देखते हुए विनय ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए लॉकडाउन के दौरान यह पहल शुरू की.
विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक आयुर्वेद के महत्व को देखते हुए नई दिल्ली के जनकपुरी स्थित आकाश इंस्टीट्यूट से 12वीं कक्षा पास करने वाले 17 वर्षीय विनय कुमार मौर्य ने इंडिया होम आयुर्वेद नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है.
इस कार्यक्रम की मदद से मौर्य अपने इलाके में 1500 से अधिक लोगों को भारतीय आयुर्वेद के बारे में शिक्षित किया है. विनय ने लोगों को आयुर्वेद का उपयोग करने और प्राकृतिक वातावरण में वापस लाने के लिए प्रोत्साहित किया.
कोविड-19 के दौरान जब खराब स्वास्थ्य और खराब रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण कई लोगों की जान चली गई. इसको देखते हुए विनय ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए लॉकडाउन के दौरान यह पहल शुरू की.
सबसे पहले, उन्होंने 12 से अधिक स्कूलों से डेटा इकट्ठा किया और यह बताते हुए एक योजना प्रस्तावित की कि कैसे हम एक व्यक्ति के रूप में समाज में भारतीय आयुर्वेद के महत्व को बढ़ा सकते हैं.
उन्होंने 'इंडिया होम आयुर्वेद' (India Home Ayurveda) नाम से एक वेबसाइट भी शुरू की है, जहां लोग आ सकते हैं और विभिन्न आयुर्वेदिक उत्पादों के बारे में जान सकते हैं, जो उनके इलाके में आसानी से उपलब्ध हैं.
विनय ने छात्रों को तकनीकी विषयों और सिद्धांतों पर एजुकेशनल वीडियो पेश करने के लिए अपना खुद का यूट्यूब चैनल - टेक्नोलॉजी वर्ल्ड एजुकेशन चैनल (TW eDUCATION) लॉन्च करने का फैसला किया.
सबसे पहले, उन्होंने फ्री में ऑफलाइन और ऑनलाइन कोर्सेज देने शुरू किए थे, लेकिन अब वे सामाजिक कार्य के लिए उनके प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाले शिक्षकों को पैसे देने के लिए पैसे लेते हैं.
विनय ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ काम किया और यह सुनिश्चित किया कि वह छात्रों के लिए सीखने का बेहतर माहौल स्थापित कर सकें. इस प्रेरणा के कारण, वर्तमान में 200 से अधिक छात्र उनके YouTube चैनल की मदद से निःशुल्क सीख रहे हैं. उनके प्रयासों से प्रभावित होकर, 5 से 6 लोगों का एक समूह भी उनके साथ जुड़ गया और उनकी वेबसाइट के साथ-साथ उनके एजुकेशन प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने में उनकी मदद कर रहा है.
उन्हें राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस और राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद द्वारा राज्य बाल वैज्ञानिक की उपाधि से सम्मानित किया गया. इसके अलावा, उन्हें राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 के लिए भी नामांकित किया गया था.
Edited by Vishal Jaiswal