सरकार की आंत्रप्रेन्योरशिप प्रोत्साहन योजना में ट्रेनिंग लेने वालों की संख्या में 170% की बढ़ोतरी - रिपोर्ट
MSMEs राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा द्वारा हाल ही में राज्यसभा में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, लाभार्थियों की संख्या वित्त वर्ष 22 में 59,204 से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 15 मार्च तक 1.59 लाख हो गई, जिसमें MSME मंत्रालय द्वारा कार्यक्रम के लिए 100 गुना से अधिक राशि खर्च की गई.
आंत्रप्रेन्योरशिप स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम (Entrepreneurship Skill Development Programme - ESDP) देश भर के युवाओं के बीच आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार द्वारा चलाई गई योजना है. इस योजना के तहत प्रशिक्षुओं या लाभार्थियों की संख्या ने वित्त वर्ष 22 की तुलना में चालू वित्त वर्ष में लगभग 170 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.
MSMEs राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा द्वारा हाल ही में राज्यसभा में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, लाभार्थियों की संख्या वित्त वर्ष 22 में 59,204 से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 15 मार्च तक 1.59 लाख हो गई, जिसमें MSME मंत्रालय द्वारा कार्यक्रम के लिए 100 गुना से अधिक राशि खर्च की गई. चालू वित्त वर्ष में - वित्त वर्ष 22 में खर्च किए गए केवल 35.95 लाख रुपये की तुलना में 38.37 करोड़ रुपये.
हालाँकि, 15 मार्च तक वित्त वर्ष 23 लाभार्थी की संख्या अभी भी वित्त वर्ष 20 या कोविड महामारी से पहले की 2.42 लाख प्रशिक्षुओं से कम थी. वित्त वर्ष 20 में उद्यमियों को प्रशिक्षित करने के लिए जारी की गई राशि 34.19 करोड़ रुपये थी. वित्त वर्ष 21 में, कार्यक्रम में 27,604 प्रशिक्षु थे. यह योजना युवाओं को बिजनेस शुरू करने के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने पर केंद्रित है, जिसमें मौजूदा एमएसएमई की क्षमता निर्माण और उद्यमशीलता की संस्कृति स्थापित करना शामिल है.
कुल लाभार्थी गणना में से, ESDP के तहत वित्त वर्ष 23 में 15 मार्च तक समर्थित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उद्यमियों की संख्या क्रमशः 9,109 और 43,548 थी. यह वित्त वर्ष 22 में 240 अनुसूचित जाति और 1,312 अनुसूचित जनजाति प्रशिक्षुओं की तुलना में क्रमशः 38 गुना और 33 गुना अधिक थी.
ESDP योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, ESDP के लक्षित लाभार्थियों में से लगभग 40 प्रतिशत SC/ST/महिलाओं/शारीरिक रूप से विकलांग प्रशिक्षुओं सहित समाज के कमजोर वर्गों से होना चाहिए. कार्यक्रम अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, शारीरिक रूप से विकलांग, महिलाओं और गरीबी रेखा से नीचे के प्रतिभागियों से कोई भागीदारी शुल्क नहीं लेता है.
MSME मंत्रालय की वित्त वर्ष 23 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, योजना के तहत आयोजित कार्यक्रमों में एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (Entrepreneurship Awareness Programme - EAP), छह सप्ताह का उद्यमिता-सह-कौशल विकास कार्यक्रम (Entrepreneurship-cum-Skill Development Programme - E-SDP), एक सप्ताह का एडवांस ई-एसडीपी, एक सप्ताह का प्रबंधन विकास कार्यक्रम (Management Development Programme (MDP) और एडवांस MDP शामिल हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 23 के बजट में ESDP को आवंटित धनराशि 40 करोड़ रुपये थी, जिसमें से 34.21 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.