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17 की उम्र और 12 साल का शानदार करियर... मिलिए बाल कवि डॉक्टर आदित्य जैन से

17 की उम्र और 12 साल का शानदार करियर... मिलिए बाल कवि डॉक्टर आदित्य जैन से

Tuesday January 05, 2016 , 5 min Read


मात्र 5 साल की उम्र में कविता पाठ शुरू किया आदित्य ने...

2 बार राष्ट्रपति सम्मान से भी सम्मानित किया गया है बाल कवि आदित्य जैन को...

अब तक आदित्य 6 पुस्तकें लिख चुके हैं और दो और पुस्तके बहुत जल्द बाजार में उपलब्ध होंगी...

2014 में लंदन की वर्ल्ड रिकॉर्ड्स युनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टर्स की मानद उपाधी प्रदान की...

कविता पाठ के माध्यम से कर रहे हैं जन जागरण का काम...

पॉलिथीन मुक्त भारत, रक्तदान, जल संरक्षण, पल्स पोलियो व बेटी बचाओ अभियान पर भी कर रहे हैं काम...


जिस प्रकार सूर्य अंधकार को चीरता है और संसार को रौशनी देता है उसी तरह ज्ञान रूपी सागर भी अज्ञानता के मरुस्थल में जल का प्रवाह करता है। इस संसार में बहुत से ऐसे लोगों ने जन्म लिया है जिन्होंने बाकी लोगों को राह दिखाई और उनका आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया।

प्रतिभा और ज्ञान उम्र के मोहताज नहीं होते, न ही इन्हें तजुर्बे से आंका जा सकता है। कई बार बहुत कम उम्र के बच्चे भी हमें नई चीजें सिखा देते हैं जिनपर कभी किसी का ध्यान नहीं गया होता। इसलिए प्रतिभा को उम्र के तराजू से तौलना बिलकुल गलत होता है।

कोटा ( राजस्थान) के एक ऐसे ही बाल कवि हैं डॉक्टर आदित्य जैन जो मात्र 17 साल के हैं लेकिन अपनी प्रतिभा के बूते वे न सिर्फ भारत में बल्कि विश्व भर में अपनी पहचान बना चुके हैं। आज देश और विदेश हर जगह उनके काफी प्रशंसक हैं। आदित्य अपनी कविताओं के जरिए समाज में चेतना और बदलाव लाने कि दिशा में भी प्रयासरत हैं साथ ही अपने आलेखों के माध्यम से वे हिन्दी का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।

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आदित्य जैन का जन्म 1998 में हुआ जब वे मात्र 5 वर्ष के थे तब उन्होंने रतलाम में शिल्प उत्सव के दौरान लगभग 15 हजार लोगों की मौजूदगी में खुद के द्वारा लिखी कविता पढ़ी और तब से लेकर आज तक वे असंख्य कवितापाठ कर चुके हैं और उनके प्रशंसकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

आदित्य ने योरस्टोरी को बताया, 

बचपन में मैं जब स्कूल में बालगीत पढ़ा करता था तो मैं गीतों के शब्दों को बदलकर खुद ही कुछ बना दिया करता था और क्लास में सुनाया करता था। मेरे अध्यापकों ने इसकी शिकायत मेरे पिताजी से की लेकिन मेरे पिता जी ने प्रधानाचार्य से कहा कि आदित्य जो कर रहा है उसे करने दीजिए। पिताजी की इस बात ने मेरे अंदर की कलात्मकता को बढ़ाने का काम किया उसके बाद मैंने विभिन्न मंचों पर खुद की लिखी कविताएं गानी शुरू की। 

आदित्य कहते हैं कि उन्हें इस काम में अपने परिवार का हमेशा सहयोग मिला और सब ने उन्हें बहुत प्रोत्साहित किया। अब तक आदित्य 6 पुस्तकें लिख चुके हैं और दो और पुस्तकें बहुत जल्द बाजार में उपलब्ध होंगी। ये सब कविता संग्रह है।

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बालकवि डॉक्टर आदित्य जैन की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। आदित्य को दो बार राष्ट्रपति अवॉर्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है इसके अलावा गोल्डन बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, मिरेकल्स वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, अमेजिंग वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, युनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अलावा भी लगभग 15 से अधिक वर्ल्ड रिकॉर्ड आदित्य के नाम ‘’ दुनिया के सबसे नन्हे कवि एवं साहित्यकार ’’ के रूप में दर्ज हैं । जिसके आधार पर 2014 में लंदन की वर्ल्ड रिकॉर्ड्स युनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टर्स की मानद उपाधी प्रदान की।

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आदित्य चाहते हैं कि वे अपनी रचनात्मक्ता व टेलेंट से देश को भी लाभान्वित करें। वे अपनी कविताओं के माध्यम से कई जनचेतना के कार्यक्रम चलाते हैं। जैसे पॉलिथीन मुक्त भारत, रक्तदान, जल संरक्षण, पल्स पोलियो आदि, अभी वे बेटी बचाओ अभियान का संचालन कर रहे हैं वे जहां भी कवितापाठ के लिए जाते हैं वहां बेटियों पर एक कविता जरूर सुनाते हैं और अपनी कविता के माध्यम से लोगों को संदेश देते हैं। आदित्य का मानना है कि अगर वे अपनी कविताओं के द्वारा लोगों को प्रेरित कर पाए तो ये देश हित में होगा और उनकी मेहनत सफल होगी।

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आदित्य का मानना है कि देश हमारा गौरव है और हर युवा को देश के लिए कुछ न कुछ जरूर करना चाहिए व देश की तरक्की में योगदान देना चाहिए। इसके अलावा आदित्य मानते हैं कि आजकल युवा अंग्रेजी की तरफ भाग रहे हैं जिसके चलते हमारी मुख्य भाषा हिन्दी पीछे छूट रही है। आदित्य कहते हैं कि युवाओं को अंग्रेजी का ज्ञान हो ये अच्छी बात है लेकिन इस दौड़ में हिन्दी पीछे नहीं रहनी चाहिए और अपनी कविताओं के माध्यम से वे हिन्दी का प्रचार प्रसार भी करना चाहते हैं व हिन्दी की लोकप्रियता को और बढ़ाना चाहते हैं।

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आदित्य को 300 से अधिक राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय और राज्य स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वे 20 से अधिक राज्यों में 1200 से अधिक कार्यक्रम तथा राष्ट्रपति भवन, राजभवन, मुख्यमंत्री आवास में विभिन्न अवसरों पर काव्यपाठ कर चुके हैं। वे मुख्यत वीर रस के कवि हैं और देश की सम समायिक मुद्दों पर लिखते हैं।