एक समय जिसके पास नहीं थे स्कूल की फीस भरने के पैसे आज वो भर रहा है दूसरों का पेट

 ज़रूरतमंदों का जीवन संवारने के लिए इस शख़्स ने छोड़ दी अपनी पांच साल पुरानी अच्छी-खासी नौकरी...

एक समय जिसके पास नहीं थे स्कूल की फीस भरने के पैसे आज वो भर रहा है दूसरों का पेट

Thursday March 29, 2018,

4 min Read

चीनू के जीवन का सबसे दुःख भरा पल वर्ष 2014 का था जब अचानक से उस लड़की का दुर्घटना में निधन हो गया जिससे चीनू बहुत ज्यादा प्यार करते थे। ये वही लड़की थी, जिसने चीनू को निखारने का काम किया था। चीनू के लिए तो जीवन लगभग खत्म सा हो गया। गंभीर अवसाद के कारण उन्होंने अपनी जिन्दगी तक खत्म करने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। चीनू ने खुद को संभाला और अपने जीवन को एक नया मोड़ दिया।

image


परिवार में आर्थिक संकट के चलते चीनू काफी कम उम्र में माँ के साथ ढाबे पर काम करते थे और आज भर रहे हैं हजारों भूखों का पेट।

छोटी सी उम्र में हुए पारिवारिक वित्तीय संकट से उबर कर अपना जीवन बनाना और उस जीवन को दूसरों की सेवा में लगा देना काफी मुश्किल है, लेकिन एक शख़्स है, जिसने ये किया। उन्होंने गरीबी को बहुत ही करीब से महसूस किया है और फिर खुद को इस काबिल बनाया कि वे ज़रूरतमंद और गरीबों की मदद कर सकें। हम बात कर रहे हैं 'Aarna Foundation' के 27 वर्षीय को-फाउंडर चीनू जीत क्वात्रा की। चीनू का जीवन वास्तव में प्रेरणाश्रोत है।

चीनू बताते हैं, कि पारिवार में हुए एक वित्तीय संकट के बाद बहुत छोटी उम्र से ढाबा चलाने में अपनी माँ की मदद करने लगे। वो एक ऐसा समय था जब उनके पास स्कूल की फीस भरने तक के पैसे नहीं थे। लेकिन कहते हैं न अगर चाह है तो राह है। एक दरवाज़ा बंद होगा लेकिन दूसरा दरवाज़ा ज़रूर खुल जायेगा। चीनू पढ़ाई में हमेशा से काफी अच्छे रहे, जिसका फायदा उन्हें स्कूल में मिला। चीनू जिस स्कूल में पढ़ते थे, उस स्कूल ने ही चीनू की पढ़ाई का खर्च उठाया। जिसके चलते चीनू को आगे की पढ़ाई करने का प्रोत्साह मिला और उन्होंने दोगुनी मेहनत की।

image


स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद, चीनू की एक दोस्त ने उन्हें निखारने में उनकी काफी मदद की। दोस्त की मदद से ही चीनू की अंग्रेजी ठीक हुई और उन्हें एमबीए प्रोग्राम में प्रवेश मिल सका। एमबीए करने के बाद चीनू मार्केटिंग के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने चल पड़े। Aarna Foundation शुरू करने की बात के पीछे चीनू बताते हैं, कि उनके चचेरे भाई का थाणे में एक स्कूल था जहाँ पर रोज सुबह दो छोटी बच्चियाँ स्कूल गेट पर दिखतीं और बुलाने पर वहां से भाग जाती। उनके बारे में पता लगाने पर ये बात सामने आई कि उनके माता-पिता नहीं थे और वो अपनी आंटी के साथ रहती थीं। इस बात के कारण दोनों भाइयों ने उन बच्चियों को अपने स्कूल में भर्ती करने का फैसला कर लिया।

चीनू अनाथ और शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए समय देने लगे, समय बीतने के साथ-साथ उन्होंने एक संस्था खोलने का फैसला लिया और अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर एक गैर सरकारी संगठन शुरू किया, जिसे नाम दिया 'Aarna Foundation'।

image


चीनू के जीवन का सबसे दुःख भरा पल वर्ष 2014 का था जब अचानक से उस लड़की का दुर्घटना में निधन हो गया जिससे चीनू बहुत ज्यादा प्यार करते थे। ये वही लड़की थी, जिसने चीनू को निखारने का काम किया था। चीनू के लिए तो जीवन लगभग खत्म सा हो गया। गंभीर अवसाद के कारण उन्होंने अपनी जिन्दगी तक खत्म करने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। चीनू ने खुद को संभाला और अपने जीवन को एक नया मोड़ दिया, साथ ही ये फैसला लिया कि अब वे अपना संपूर्ण जीवन ज़रूरतमंदों की सेवा में लगायेंगे।

चीनू ने अपने एनजीओ और सामाजिक कार्य में पूरा समय देने के लिए सितम्बर 2017 में अपनी 5 साल पुरानी नौकरी छोड़ दी और सेवा कार्य में लग गये। पिछले वर्ष ही उन्हें ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ ह्यूमेन राइट्स, लिबर्टीज एंड सोशल जस्टिस का जिला सचिव नियुक्त किया गया। 05 दिसंबर, 2017 में चीनू और उनके कुछ दोस्तों ने मिल कर एक नई परियोजना "रोटी घर" शुरू की, जिसमे ठाणे (मुंबई) डंपिंग ग्राउंड में 100 से अधिक वंचित बच्चों और महिलाओं को प्रतिदिन स्वादिष्ट व पौष्टिक भोजन प्रदान करने का काम किया जा रहा है। हाल ही में 15 मार्च को इस परियोजना के 100 दिन पूरे होने पर विशेष व्यस्था की गयी थी।

image


"रोटी घर" परियोजना के अंतर्गत वंचित बच्चों और महिलाओं को प्रतिदिन दाल, चावल और अचार प्रमुख आहार के रूप में दिया जाता है तथा साथ में ही कभी चॉकलेट, केक या गुलब जामुन दिए जाते हैं। कोई भी व्यक्ति इस परियोजना का भागिदार बन सकता है और ज़रूरतमंदो की सेवा कर सकता है। 

इस योजना के अंतर्गत प्रतिभागी सिर्फ 35/- रूपये प्रति प्लेट के हिसाब से दान कर सकते हैं। हालाँकि ज्यादातर पूरी मदद चीनू और उनके साथी ही करते हैं । अगर आप भी "रोटी घर" परियोजना का हिस्सा बनना चाहते हैं तो आप 9769181218 पर संपर्क कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें: यूपी-राजस्थान में गीत-संगीत की तान पर दूध बरसाती हैं गायें