Udyam पोर्टल पर रजिस्टर महिलाओं के नेतृत्व वाले MSMEs 20.5%: सरकार
यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने हाल ही में राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय के उद्यम पंजीकरण पोर्टल (Udyam Registration Portal - URP) के अनुसार 01 जुलाई 2020 को पोर्टल की शुरूआत होने के बाद से कुल पंजीकृत एमएसएमई संख्या में महिलाओं द्वारा चलाये जाने वाले एमएसएमई 20.5 प्रतिशत हैं. वहीं उद्यम पोर्टल में पंजीकृत इकाइयों द्वारा सृजित कुल रोजगारों में महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई की हिस्सेदारी 18.73 प्रतिशत और कुल निवेश में 11.15 प्रतिशत योगदान है. उद्यम पोर्टल में पंजीकृत सभी एमएसएमई द्वारा किये जाने वाले कारोबार में महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई का 10.22 प्रतिशत योगदान है. अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) का पंजीकरण करने वाले उद्यम सहायक प्लेटफार्म (यूएपी) में (11.01.2023 को इसकी स्थापना के बाद से) पंजीकृत कुल आईएमई संख्या में महिला स्वामित्व वाले आईएमई का 70.49 प्रतिशत योगदान और रोजगार में 70.84 प्रतिशत योगदान है.
एमएसएमई मंत्रालय ने महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई को समर्थन देने के लिये कई कदम उठाये हैं.
1. उद्यम पंजीकरण पोर्टल के तहत महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई के पंजीकरण के लिये विशेष अभियान चलाया गया.
2. महिला उद्यमियों को लाभ पहुंचाने के लिये सार्वजनिक खरीद नीति में 2018 में संशोधन किया गया जिसमें केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों/उपक्रमों को उनकी वार्षिक खरीदारी का कम से कम 3 प्रतिशत महिला स्वामित्व वाले सूक्ष्म और लघु उद्यमों से खरीदने का शासनादेश दिया गया.
3. सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिये रिण गारंटी योजना के तहत महिला उद्यमियों को समर्थन देने के लिये 01.12.2022 से दो प्रावधान शुरू किये गये. ये इस प्रकार हैंः-
- वार्षिक गारंटी फीस में 10 प्रतिशत रियायत, और
- अन्य उद्यमियों के लिये जहां 75 प्रतिशत पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त गारंटी कवरेज उपलब्ध है वहीं महिला उद्यमियों के लिये यह 85 प्रतिशत के लिये उपलब्ध होगी.
4. महिलाओं में उद्यमिता प्रोत्साहन के लिये एमएसएमई मंत्रालय ने कयर विकास योजना के तहत ‘कौशल उन्नयन और महिला कयर योजना’ की शुरूआत की है. यह एक विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य नारियल रेशे कार्य में लगी महिला कारीगरों का कौशल विकास करना है.
5. मंत्रालय ने प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) को भी लागू किया है. यह एक रिण से जुड़ा प्रमुख सब्सिडी कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यम स्थापित कर स्व-रोजगार अवसरों का सृजन करना है. वहीं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ओबीसी/ अल्पसंख्यकों/महिला/भूतपूर्व सैनिक/दिब्यांग/उत्तर पूर्वी क्षेत्र/पहाड़ी और सीमा क्षेत्रों आदि से संबंधित लाभार्थियों के लिये उंची सब्सिडी दी जाती है.
6. खरीद और विपणन समर्थन योजना के तहत महिला उद्यमियों की व्यापार मेलों में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई को उंची सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है.
7. ग्रामीण और उप-शहरी क्षेत्रों से 7,500 से अधिक महिला उम्मीदवारों को प्रशिक्षण देने और महिलाओं को कौशल विकास और बाजार विकास सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई को समर्थन देने के लिये ‘‘समर्थ’’ पहल शुरू की गई. मंत्रालय की कौशल विकास योजना के तहत चलाये जाने वाले निशुल्क कौशल विकास कार्यक्रमों में इच्छुक और मौजूदा महिला उद्यमियों के लिये 20 प्रतिशत सीट का प्रावधान किया गया. मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विपणन सहायता योजना के तहत घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में एमएसएमई व्यवसायिक प्रतिनिधिमंडलों में 20 प्रतिशत, और राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम की योजनाओं में वार्षिक प्रसंस्करण फीस में 20 प्रतिशत छूट का प्रावधान.
8. एमएसएमई की सतत शून्य दोष, शून्य प्रभाव (ZED) प्रमाणन योजना भारतीय एमएसएमई के लिये वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता का रोडमैप उपलब्ध कराने की एक पहल है जिसका एमएसएमई की क्षमता निर्माण मामले में आर्थिक और सामाजिक प्रभाव है. योजना का उद्देश्य है कि एमएसएमई द्वारा जो सामान तैयार किया जाता है वह गुणवत्तापूर्ण हो और जिसे बाजार से वापस लेने का स्थिति उत्पन्न नहीं हो इसके साथ ही सामान का पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ना चाहिये. इस योजना के तहत महिला उद्यमियों को समर्थन और सशक्त बनाने के लिये महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई को जैडईडी प्रमाणन पर आने वाली लागत पर 100 प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान है.
9. एमएसएमई नवाचार योजना के इंक्यूबेशन घटक के तहत महिला उद्यमियों के लिये एक विशेष एमएसएमई आइडिया हैकाथाॅन 3.0 का आयोजन किया गया जिसमें 18,888 नये विचार प्राप्त हुये.
एमएसएमई मंत्रालय, एमएसएमई में महिला उद्यमियों सहित एमएसएमई के लिये क्षमता निर्माण और कौशल विस्तार के निम्नलिखित क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करता है, जैसे कि:
- उद्यमशीलता कौशल विकास कार्यक्रम (ESDP): ESDP का उद्देश्य नये उद्यमों को आगे बढ़ाना, वर्तमान एमएसएमई का क्षमता निर्माण और देश में उद्यमशीलता संस्कृति को बढ़ावा देना है. ईएसडीपी के लक्षित लाभार्थियों में करीब 40 प्रतिशत समाज के कमजोर वर्गों (एससी/एसटी/महिला/दिब्यांग) से होने चाहिये. एससी, एसटी, शारीरिक तौर पर अक्षम, गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले (बीपीएल) प्रतिभागियों और महिलाओं से भागीदारी शुल्क नहीं लिया जायेगा.
- महिला कयर योजना (MCY) का उद्देश्य कयर (नारियल जटा) क्षेत्र में काम करने वाली महिला कारीगरों के लिये दो माह का मानदेय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर उनका सशक्तिकरण करना है. महिला कारीगरों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत सहायता पाने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है.
यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने हाल ही में राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी.