इटैलियन फ़र्नीचर और इंटीरियर से सजाना चाहते हैं अपना घर? यह स्टार्टअप दे रहा शानदार रेंज
'स्टूडियो क्रियो' की शुरुआत 5 करोड़ रुपए के शुरुआती निवेश के साथ हुई थी, जिसमें से 3.5 करोड़ रुपए प्रमोटर्स की मदद से जुटाए गए थे और 1. 5 करोड़ का लोन लिया गया था। कंपनी का उद्देश्य है कि 2019 तक 10 करोड़ रुपये तक का टर्नओवर हासिल किया जाए।
कंपनी देश और दुनिया के बेहतरीन ऐथलीट्स के बीच अंतर को कम करने के उद्देश्य के साथ ओलिंपिक गोल्ड क्वेस्ट (ओजीक्यू) में भी अपना सहयोग दे रही है।
पारुष्णी अग्रवाल पेशे से एक इंटीरियल डिज़ाइनर हैं और बेहद कम उम्र से ही उनका इंटीरियल डेकोरेशन की ओर ख़ास रुझान रहा है। पारुष्णी ने 2010 में नई दिल्ली से स्टूडियो क्रियो नाम के स्टार्टअप की शुरुआत की। इस कंपनी की शुरुआत के पीछे उनका उद्देश्य था कि इंटीरियर डेकोरेशन के उम्दा उत्पादों और फ़र्नीचर आदि को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर लाया जाए।
इस प्लेटफ़ॉर्म पर ग्राहकों के लिए फ़र्नीचर, लाइटिंग, फ़्लोरिंग और होम अक्सेसरीज़ प्रोडक्ट्स की शानदार रेंज उपलब्ध है। ये उत्पाद इटैलियन ब्रैंड्स के हैं। पारुष्णी ने न्यूयॉर्क स्थित पार्सन्स स्कूल ऑफ़ डिज़ाइन से डिज़ाइनिंग की पढ़ाई की है। उन्होंने न्यूयॉर्क में ही पर्किन्स ईस्टमैन आर्कीटेक्ट्स कंपनी में काम भी किया है।
स्टूडियो क्रियो की शुरुआत 5 करोड़ रुपए के शुरुआती निवेश के साथ हुई थी, जिसमें से 3.5 करोड़ रुपए प्रमोटर्स की मदद से जुटाए गए थे और 1. 5 करोड़ का लोन लिया गया था। कंपनी का उद्देश्य है कि 2019 तक 10 करोड़ रुपये तक का टर्नओवर हासिल किया जाए। स्टूडियो क्रियो 10 हज़ार स्कवेयर फ़ीट के इलाके में फैला हुआ है। पारुष्णी बताती हैं कि उनकी कंपनी के लिए 25 लोगों की कोर टीम काम कर रही है, जो लगातार इंटैलियन फ़ैक्ट्रियों के संपर्क में रहती है और सुनिश्चित करती है कि स्टूडियो क्रियो में आने के बाद कोई भी ग्राहक निराश होकर न लौटे और उसकी ज़रूरत के साथ-साथ पसंद का भी पूरा ख़्याल रखा जाए।
फ़र्निशिंग और इंटीरियर डिज़ाइनिंग के मार्केट में मौजूद संभावनाओं के बारे चर्चा करते हुए पारुष्णी ने बताया कि यह क्षेत्र पर्याप्त बड़ा है। उन्होंने जानकारी दी कि सिर्फ़ किचन अक्सेसरीज़ का मार्केट 3-5 हज़ार करोड़ रुपए तक का है, जिसमें से महज़ 2-3 प्रतिशत बाज़ार अभी संगठित तौर पर काम कर रहा है। उनका दावा है कि इस संगठित क्षेत्र में उनकी कंपनी लगभग 5 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी रखती है।
पारुष्णी मानती हैं कि उनकी कंपनी को ऑनलाइन सेलिंग और नई तकनीकों का लाभ उठाने की ज़रूरत है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया की शानदार पहुंच की बदौलत अब ऑनलाइन माध्यम बिज़नेस को बढ़ाने का सटीक और कारगर ज़रिया बन चुके हैं। स्टूडियो क्रियो फ़िलहाल फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम के माध्यम से अपने उत्पादों का प्रमोशन कर रहा है।
पारुष्णी का मानना है कि उनकी सबसे बड़ी ताकत उनकी विश्वसनीयता है। वह कहती हैं, "हमने हमेशा अपने ग्राहकों को बेहतर से बेहतर उत्पाद उपलब्ध कराए हैं और हम किसी भी प्रोजेक्ट पर काम करने से पहले अपने ग्राहकों की ज़रूरतों को विशेष रूप से ध्यान में रखते हैं। हमेशा हमारी कोशिश रहती है कि हमारे ग्राहक हमसे पूरी तरह से संतुष्ट रहें।"
कंपनी ने भारतीय ग्रुप के साथ भी करार किया हुआ है और इसके माध्यम से वे कई तरह की कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी के तहत विभिन्न प्रकार की गतिविधियां भी करते रहते हैं। कंपनी देश और दुनिया के बेहतरीन ऐथलीट्स के बीच अंतर को कम करने के उद्देश्य के साथ ओलिंपिक गोल्ड क्वेस्ट (ओजीक्यू) में भी अपना सहयोग दे रही है। पारुष्णी ने बताया कि उनकी कंपनी भारतीय सिटी (बेंगलुरु) ने एक स्कूल का भी निर्माण करा रही है, जो बच्चों को अच्छी शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में पुरज़ोर प्रयास करेगा।
पारुष्णी का मानना है कि पहले भारतीय ग्राहकों के सामने बहुत ही कम इंटरनैशनल ब्रैंड्स के विकल्प थे, लेकिन स्टूडियो क्रियो ने इस कमी को दूर किया है और अब भारतीय ग्राहकों तक भी विश्व-स्तरीय उत्पाद पहुंच रहे हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह मार्केट अभी भी बड़े पैमाने पर असंगठित रूप से काम कर रहा है और भारत के घरेलू मार्केट में इस सेक्टर बहुत ही कम कंपनियां मौजूद हैं। हाल में स्टूडियो क्रियो की पूरी कोशिश है कि क्लाइंट्स की समझ और जागरूकता दोनों ही में इज़ाफ़ा किया जाए। पारुष्णी का मानना है कि विदेश से आने वाले माल पर अगर सरकार कर संबंधी रियायत बरते तो भारत का बाज़ार और भी संपन्न हो सकेगा। पारुष्णी ने कहा कि उनकी पूरी कोशिश है कि पूरे देश में स्टूडियो क्रियो के सेंटर्स खोले जाएं और इस बात को ध्यान में रखते हुए कंपनी अपने प्रोडक्ट पोर्टफ़ोलियो को और भी बेहतर बनाने और उसमें कई नए उत्पाद जोड़ने की दिशा में काम कर रही है।
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