योरस्टोरी के कार्यक्रम में नीति आयोग के चेयरमैन ने कहा, ग्लोबल ग्रोथ के लिए इस्तेमाल करें घरेलू बाजार को
भारतीय इस बात पर गर्व करते हैं कि हमारे पास एक बहुत बड़ा मार्केट है। हम अपने इस मार्केट को स्प्रिंगबोर्ड के रूप में इस्तेमाल करें ताकी ग्लोबल मार्केट तक हम अपनी पहुंच बना सकें।
वैश्विक बाजार हमारे घरेलू बाजार से 10 गुना ज्यादा पावरफुल है और हम इसके माध्य्म से अपनी वैश्विक अर्थव्यवस्था को विकसित कर सकते हैं।
विकास की बात को स्वीकारते हुए अमिताभ ने बताया कि आईआईटी बॉम्बे से निकलने वाले 40 प्रतिशत स्टूडेंट्स या तो खुद का स्टार्टअप खोल रहे हैं या फिर किसी नए स्टार्ट अप से जुड़कर काम कर रहे हैं।
नीति आयोग के चेयरमैन अमिताभ कांत ने योरस्टोरी के सालाना स्टार्टअप कॉन्फ्रेंस प्रोग्राम, टेकस्पार्क्स में बोलते हुए कहा कि भारतीय उद्यमी अक्सर राष्ट्रीय बाजार को ध्यान में रखते हुए काम करते हैं, लेकिन हकीकत में उनका ध्यान वैश्विक बाजार पर केंद्रित होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'सिर्फ घरेलू बाजार के बारे में मत सोचिए पूरी दुनिया का बाजार आपके लिए खुला है। भारतीय उद्यमियों की कोशिश वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी की होनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि वर्ल्ड मार्केट में घुसने के साथ ही किसी भी कारोबारी का दायरा काफी बढ़ जाता है। कांत ने कहा, 'अगर आप भारत के लिए काम करने में सक्षम हैं तो आप दुनिया के सात अरब लोगों के लिए भी नया अविष्कार कर सकते हैं।'
उन्होंने यह भी कहा कि जब तक भारतीय बड़ा और दूर के बारे में नहीं सोचेंगे यहां की कंपनियों के लिए बड़े पैमाने पर विकास करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'कोई भी देश सिर्फ घरेलू बाजार के दम पर प्रगति नहीं कर सकता है। चाहे जापान हो, दक्षिण कोरिया हो या फिर चीन ही क्यों न हो। ये सभी देश दुनिया के प्रमुख निर्यातक देशों में शुमार हैं क्योंकि इन देशों की कंपनियां इस काम में सक्षम हैं और इसे वहां के लोगों ने ही सक्षम बनाया है।'
चेयरमैन ने कहा कि भारतीय इस बात पर गर्व करते हैं कि हमारे पास एक बहुत बड़ा मार्केट है। हम अपने इस मार्केट को स्प्रिंगबोर्ड के रूप में इस्तेमाल करें ताकी ग्लोबल मार्केट तक हम अपनी पहुंच बना सकें। क्योंकि हम घरेलू मार्केट से ज्यादा ग्रोथ हासिल नहीं कर सकते हैं। वैश्विक बाजार हमारे घरेलू बाजार से 10 गुना ज्यादा पावरफुल है और हम इसके माध्य्म से अपनी वैश्विक अर्थव्यवस्था को विकसित कर सकते हैं। अमिताभ कांत योरस्टोरी के फ्लैगशिप सालाना कार्यक्रम टेकस्पार्क्स के आठवें संस्करण के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे जिसकी शुरुआत आज यानी 22 सितंबर को हुई। इस दो दिनी कार्यक्रम में 'मेक इट मैटर' थीम के तहत बातें की जाएंगी।
पिछले पांच-छह सालों में कई वैश्विक कंपनियों ने अपने शोध और विकास कार्यों को भारत में स्थानांतरित कर दिया है। बेंगलुरु और हैदराबाद में ऐसी कई कंपनियां स्थापित हुई हैं।
इस कार्यक्रम में फाइनेंशल टेक्नोलॉजी, ई-कॉमर्स, फैशन, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस समेत इंटरनेट और स्टार्टअप से जुड़ी तमाम चीजों के बारे में चर्चा की जाएगी। अमिताभ ने कहा कि भारत एक इनोवेटिव समाज है और यहां दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में काफी कम लागत में काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में निर्यात का अहम योगदान है। पिछले पांच-छह सालों में कई वैश्विक कंपनियों ने अपने शोध और विकास कार्यों को भारत में स्थानांतरित कर दिया है। बेंगलुरु और हैदराबाद में ऐसी कई कंपनियां स्थापित हुई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्टार्टअप मूवमेंट के विकास और पनपने में मदद करने के लिए कई उपाय किए हैं। इसका उद्देश्य भारत को एक विकसित देश बनाना है और सरकार देश में बिजनेस को आसान बनाने पर भी जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लगभग 1200 ऐसे कानूनों को खत्म कर दिया है जो वक्त के साथ गैरजरूरी साबित हो रहे थे। अब कंपनी को एक दिन में रजिस्टर्ड किया जा सकता है और एमएसएमई क्षेत्र की कंपनियां तो इसे पांच मिनट में ही कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि कंपनियों के लिए पहले तीन साल के लिए कोई टैक्स सिस्टम भी नहीं था। विकास की बात को स्वीकारते हुए अमिताभ ने बताया कि आईआईटी बॉम्बे से निकलने वाले 40 प्रतिशत स्टूडेंट्स या तो खुद का स्टार्टअप खोल रहे हैं या फिर किसी नए स्टार्ट अप से जुड़कर काम कर रहे हैं। उन्होंने विकास के लिए बेहद जरूरी लिंग समानता पर भी जोर दिया।
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